जालोर:- प्रकृति के सबसे पुराने और स्वास्थ्यवर्धक वरदान ‘पीपल के पेड़’ की अनकही कहानी काफी रहस्यमयी है. जालोर की धरती पर खड़ा यह वृक्ष सिर्फ छांव ही नहीं, बल्कि दिन और रात, दोनों समय जीवनदायिनी ऑक्सीजन भी देता है. यह बात सिर्फ मान्यता नहीं, बल्कि वैज्ञानिक सच्चाई भी है. जालोर की ही माता रानी भटियाणी नर्सरी के ओनर भरत सिंह राजपुरोहित ने लोकल 18 को बताया कि उनके यहां तैयार किए जा रहे पीपल के पौधे हमारे पर्यावरण की शुद्धि के लिए बेहद जरूरी हैं. उनकी नर्सरी में हर साल सैकड़ों पीपल के पौधे तैयार होते हैं, जो जालोर और आसपास के इलाकों में रोपित किए जा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये पेड़ सिर्फ ऑक्सीजन ही नहीं, बल्कि प्राचीन भारतीय आयुर्वेद में भी खास स्थान रखते हैं. आयुर्वेद और पीपल का रिश्ता आयुर्वेदिक डाॅ. श्रीराम वैद्य ने Local 18 को बताया कि पीपल को ‘सजीव चिकित्सा’ का स्रोत माना जाता है. इसके पत्ते, छाल और जड़, सैकड़ों सालों से भारतीय चिकित्सा पद्धति का हिस्सा रही हैं. चाहे वह अस्थमा हो, डायबिटीज या फिर पाचन की समस्याएं, पीपल के पेड़ से बने काढ़े और औषधियां आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में इस्तेमाल की जाती हैं. जालोर की खासियत है कि यहां की नर्सरी इन औषधीय पेड़ों को न सिर्फ संरक्षित कर रही है, बल्कि फायदे भी पहुंचा रही है. धार्मिक आस्था से जुड़ा एक अनोखा वृक्ष जालोर के लोग इसे सिर्फ पेड़ नहीं, बल्कि ‘जीवित देवता’ मानते हैं. स्थानीय मंदिरों में पीपल का पेड़ पूजनीय है और कहा जाता है कि इसके नीचे ध्यान करने से मन की शांति मिलती है. माता रानी भटियाणी नर्सरी के ओनर बताते हैं कि इस पेड़ के नीचे भगवान बुद्ध ने ज्ञान की प्राप्ति की थी और यही कारण है कि इसे भगवान विष्णु का रूप भी माना जाता है. जालौर के मंदिरों और धार्मिक स्थलों में पीपल के पेड़ को विशेष स्थान प्राप्त है. ये भी पढ़ें:- बंदर-पक्षियों के मलमूत्र का पानी पीने को मजबूर…इस गांव में 4 साल से नहीं हुई टंकी की सफाई, लोगों ने बयां किया दर्द पीपल का रोपण: पर्यावरण संरक्षण का रास्ता जालोर की धरा पर आज जरूरत है कि हम पीपल के पेड़ को अधिक से अधिक लगाएं. माता रानी भटियाणी नर्सरी इस दिशा में विशेष पहल कर रही हैं. नर्सरी के ओनर बताते हैं कि पीपल का पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके प्रदूषण को कम करता है और गर्मी में छाया प्रदान कर शहर के तापमान को नियंत्रित करता है. जालौर जैसे इलाके में जहां गर्मी चरम पर होती है, वहां यह पेड़ प्राकृतिक एयर कंडीशनर का काम करता है. Tags: Health News , Local18 , Rajasthan news वो 3 क्रिकेटर, जिनके दोस्त ही बने दुश्मन, पत्नी ने मिलकर दिया धोखा, 2 ने तलाक के बाद रचाई थी शादी किसान भाइयों, पराली जलाने से बचें, धुंध और अन्य बीमारियों का खतरे से मिलेगा छुटकारा, जानें यूपी के किसान ने कर दिया कमाल! उगाई 15 फीट ऊंची गन्ने की फसल, अपनाई ये टेक्निक न सूर्यकुमार का कैच, ना बुमराह की गेंद... इस खिलाड़ी की चालाकी से जीती टी20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी, रोहित शर्मा बोले- कोई नहीं जानता की... बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन 450 करोड़ के पार, अब एक्शन फिल्म ने OTT पर जमाई अपनी धाक, ट्रेंडिंग लिस्ट में बनी नंबर 1 PHOTOS: पिता करते हैं खेतीबाड़ी, अब बेटे को BSF में मिली बड़ी जिम्मेदारी, PM मोदी से जुड़ा है लिंक दिलकश नजारा बनाता है इस ब्रिज का खूबसूरत मोड़, बन गया है अपने शहर की पहचान, जुड़ गई हैं कई कहानियां फल नहीं, इस पेड़ से निकलती हैं देवी माता की मूर्तियां, मंदिर के कुएं में है मीठा पानी, जुड़ी अनोखी मान्यता सर्दी पड़े या गर्मी, बारिश में भी सुरक्षित रहेगी फसल, इस टेक्निक से करें खेती, कीट भी नहीं भटकेंगे आसपास None
Popular Tags:
Share This Post:
सर्दियों में कड़कनाथ मुर्गे का जलवा, सेहत-स्वाद और इम्यूनिटी बूस्ट का बेजोड़ विकल्प
December 24, 2024What’s New
Spotlight
Today’s Hot
-
- December 24, 2024
-
- December 24, 2024
-
- December 24, 2024
Featured News
Latest From This Week
Subscribe To Our Newsletter
No spam, notifications only about new products, updates.