बरेली: नाथ नगरी बरेली, जिसे शिवधाम के रूप में भी जाना जाता है, में त्रिवटीनाथ मंदिर एक प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. यहां भगवान भोलेनाथ की 60 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है, जो भक्तों के आस्था का मुख्य केंद्र बनी हुई है. माना जाता है कि यहां पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. खासकर सावन और शिवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. इस मंदिर के पास एक नवग्रह मंदिर भी स्थित है, और जल्द ही यहां नवदुर्गा मंदिर का निर्माण भी होने जा रहा है. मंदिर के पास रासलीला और रामलीला के आयोजन के लिए विशेष मंच भी बनाया गया है, जहां हर साल 21 से 29 तारीख तक ये धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं. त्रिवटीनाथ मंदिर का इतिहास विक्रम संवत 1474 से जुड़ा हुआ है, जब भगवान भोलेनाथ तीन वट वृक्षों के नीचे प्रकट हुए थे. संस्कृत में वट वृक्ष को बरगद कहा जाता है, और इसी कारण इस मंदिर का नाम “त्रिवटीनाथ” पड़ा. यह मंदिर भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यहां 50 वर्षों से राम ज्योति और कृष्ण ज्योति लगातार जल रही हैं. इन ज्योतियों में देसी घी के दीपक जलाए जाते हैं, जो यहां की धार्मिक महिमा को और भी बढ़ाते हैं. मंदिर में सीता-राम, राधा-कृष्ण, लक्ष्मी-नारायण, गणेश जी और हनुमान जी की मूर्तियां भी प्रतिष्ठित हैं, जो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं. मंदिर के पुजारी का अनुभव मंदिर के पुजारी केश्वर संत शास्त्री, जो पिछले 40 वर्षों से मंदिर की सेवा कर रहे हैं, ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से भगवान त्रिवटीनाथ के दर्शन के लिए आते हैं. उन्होंने बताया कि यहां बड़े-बड़े मठ और प्रांगण बने हुए हैं, जहां देशभर से प्रसिद्ध संत और कथावाचक जैसे मुरारी बाबू, फोजादी, और वृंदावन के मृदुल कृष्ण जी शास्त्री की कथा होती है. मंदिर की मान्यताएं त्रिवटीनाथ मंदिर की मान्यता है कि जो भी भक्त यहां श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. खासकर सावन और शिवरात्रि के समय यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. मंदिर परिसर में जल्द ही नवदुर्गा मंदिर भी बनने जा रहा है. यहां नियमित रूप से धार्मिक आयोजन होते रहते हैं, जिनमें रासलीला और रामलीला प्रमुख हैं. भक्तों का अनुभव त्रिवटीनाथ मंदिर में दर्शन करने आए भक्तों ने बताया कि वे लंबे समय से भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए यहां आ रहे हैं. उनका मानना है कि मंदिर में पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन खुशियों से भर जाता है. यहां के चमत्कारी प्रभाव के चलते भक्तों की आस्था लगातार बढ़ती जा रही है. Tags: Local18 , Religion 18 इस शिक्षक ने शौक में लगाया पांच कीवी का पौधा, आज बन गया फलों का बगीचा 40 साल की एक्ट्रेस, 12 साल बड़े डायरेक्टर की बनी दूसरी पत्नी, 4 साल में टूटी शादी, फिरंगी बॉयफ्रेंड संग बसाया घर Rohtang Air Plane Crash: फौजी टोपियां, बर्फ में दबे अवशेष और ID कार्ड...56 साल पहले हुए विमान हादसे में अब तक क्या मिला सेहत के लिए सुपरहिट है ये मसाला, नाम है पुस्पा; मिथिलांचल में है जबरदस्त डिमांड तना छेदक हो या गंधी बग कीट, समय पर इस टॉनिक का करें छिड़काव, चावल की बंपर होगी पैदावार 'मैं ठीक हूं, गोली निकाल ली गई...' फैंस हुए परेशान तो गोविंदा ने खुद दिया हेल्थ अपडेट, जारी किया ऑडियो मैसेज मछली के साथ करें बत्तख पालन, नॉनस्टॉप होगी कमाई, दिन दूना-रात चौगुना बढ़ेगा कारोबार 1 ही हीरोइन संग किया 14 फिल्मों में काम, 21 की उम्र में साइन की थी 75 मूवी, आज एक्टिंग की दुनिया से हुआ गुमनाम फूलगोभी और पत्तागोभी की खेती करने वाले किसान ध्यान दें, ऐसे करें कीटों की पहचान; फसल को नहीं होगा नुकसान None
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