Bacteria That Control Mosquitoes: ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे बैक्टीरिया की खोज की है, जो मच्छरों की वृद्धि को रोकने में मदद कर सकता है. यह बैक्टीरिया विशेष रूप से बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों पर असरदार हो सकता है. मच्छर कई खतरनाक बीमारियों जैसे- डेंगू, चिकनगुनिया, यलो फीवर और जीका वायरस का कारण बनते हैं. ऐसे में नए बैक्टीरिया की खोज होने से मच्छरों से निपटने में मदद मिल सकती है. एक्सेटर और वगेनिंजेन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि “असाइआ” नाम का खास बैक्टीरिया मच्छरों के लार्वा की वृद्धि को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. जर्नल ऑफ एप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित स्टडी से पता चला है कि जब मच्छरों के लार्वा असाइआ बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं, तो उनकी वृद्धि में देरी होती है. शोधकर्ताओं ने इस बैक्टीरिया को मच्छरों के लार्वा वाले पानी में मिलाया और देखा कि यह बैक्टीरिया लार्वा के विकास की गति को एक दिन तक बढ़ा देता है. इसका मतलब है कि मच्छरों के लार्वा को बड़े होने में अधिक समय लगता है, जिससे उनके जीवन चक्र में बदलाव आता है. इस शोध के नतीजे यह संकेत देते हैं कि इस बैक्टीरिया की मदद से मच्छरों की संख्या कंट्रोल की जा सकती है. इससे कई बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. यह शोध इस बात पर प्रकाश डालता है कि यह बैक्टीरिया मच्छरों के जीवन चक्र को कैसे प्रभावित कर सकता है. पहले भी ऐसे कार्यक्रम चलाए गए हैं जिनमें बिना काटने वाले नरों को पैदा करके छोड़ा गया, ताकि बीमारियां फैलने से रोकी जा सकें. यह तरीका कीटनाशकों के इस्तेमाल से अधिक कारगर है क्योंकि मच्छरों ने कीटनाशकों के प्रति प्रतिरोध विकसित कर लिया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि असाइआ बैक्टीरिया एक बेहतर और सुरक्षित विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह कीटनाशकों से ज्यादा प्रभावी हो सकता है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना मच्छरों की संख्या को नियंत्रित कर सकता है. शोधकर्ताओं की मानें तो असाइआ बैक्टीरिया मच्छरों के स्वास्थ्य में फायदेमंद भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन इसे एडीज इजिप्टी मच्छर पर पहले कभी पूरी तरह से नहीं आजमाया गया था. हालिया अध्ययन में पाया गया कि कुछ असाइआ बैक्टीरिया इस मच्छर के लार्वा की वृद्धि में सहायक हो सकते हैं. अध्ययन में मच्छरों के लार्वा वाले पानी में असाइआ बैक्टीरिया मिलाया गया और यह देखा गया कि इसमें दो विशेष प्रकार के असाइआ बैक्टीरिया लार्वा के विकास को तेज करते हैं. असाइआ बैक्टीरिया ऑक्सीजन की मात्रा को घटाकर ऐसे हॉर्मोन उत्पन्न करते हैं जो लार्वा की वृद्धि को तेज करते हैं. लार्वा तेजी से बढ़ते हैं. इसका मतलब है कि वे जल्दी से वयस्क मच्छर बन जाते हैं. जब मच्छर तेजी से बढ़ते हैं तो उनके पास संक्रमण फैलाने के लिए कम समय होता है. यह भी पढ़ें- ऑफिस में रोज इतने घंटे से ज्यादा बैठना खतरनाक ! कम उम्र में ही हो जाएंगे बूढ़े, बीमारियां कर देंगी अटैक Tags: Health , Trending news Tourism: पुष्कर जाने पर जरूर गुजारें यहां रात, देखने को मिलेगा बेहतरीन नजारा पिछली 10 पारी में रोहित और विराट ने मिलकर नहीं बनाए जितने रन, केएल राहुल ने अकेले किया उससे ज्यादा स्कोर, आंकड़े हैरान कर देंगे 220 करोड़ी SUPERHIT फिल्म, सिनेमाघरों में गूंजा था हीरो का ताबड़तोड़ एक्शन, 10 साल बाद भी OTT पर मचा रही धमाल 99 दिनों में तैयार हुई फिल्म, मिस्ट्री थ्रिलर ऐसा छूट जाएगा पसीना, हर 'मंगलवार' होता है मौत का तांडव Onion Farming: किसान प्याज की इस नस्ल की करें खेती, मात्र 100 दिनों में हो जाएगी तैयार; लागत का 75% पैसा देगी सरकार हैदराबाद में यहां मिलती है गजब की चाय, एक बार पी लिया तो भूल नहीं पाएंगे स्वाद Banana Vinegar: ऐसे तैयार करते हैं केले का सिरका, बनने में लगता है 3 महीने का समय बुखार की दुश्मन है ये जड़ी-बूटी, डेंगू-टाइफाइड में कारगर, इम्यूनिटी भी करती है बूस्ट पान है या गड़ा हुआ खजाना! कीमत 5000 रुपये, जानिए क्यों है इतना महंगा None
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