PAISA

अब हिंदुजा ग्रुप की हो जाएगी अनिल अंबानी की कंपनी Reliance Capital, DPIIT से मिल गई मंजूरी

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल को मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। डीपीआईआईटी की मंजूरी इसलिए आवश्यक थी, क्योंकि इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) के कुछ शेयरधारक हांगकांग के निवासी हैं, जो चीन द्वारा नियंत्रित एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है। प्रेस नोट-3 के अनुसार, यदि भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले किसी देश (चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमा और अफगानिस्तान) की कोई इकाई, या ऐसे किसी देश का नागरिक या स्थायी निवासी भारत में निवेश का लाभकारी स्वामी है, तो उनके लिए सरकारी अनुमोदन मार्ग के माध्यम से निवेश करना आवश्यक है। सूत्रों के अनुसार, डीपीआईआईटी से हरी झंडी मिलने से मॉरीशस स्थित आईआईएचएल द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो कर्ज में डूबी वित्तीय फर्म के लिए 9,861 करोड़ रुपये की बोली के साथ सफल बोलीदाता के रूप में उभरी है। राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने 27 फरवरी, 2024 को आईआईएचएल की समाधान योजना को मंजूरी दी थी। डीपीआईआईटी की मंजूरी उस समाधान योजना का हिस्सा थी, जिस पर मतदान हुआ और ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के 99.96 प्रतिशत सदस्यों ने इसे मंजूरी दी। यह मंजूरी इसलिए महत्वपूर्ण थी, क्योंकि हिंदुजा समूह को 31 जनवरी, 2025 की विस्तारित समयसीमा तक सौदा पूरा करना था। समयसीमा पूरी न होने पर समूह को सौदे के लिए एचएनआई (अमीर व्यक्तियों), अल्ट्रा-एचएनआई (बहुत अमीर व्यक्तियों) और पारिवारिक कार्यालयों से जुटाई गई 3,000 करोड़ रुपए की राशि वापस करनी होगी। नवंबर 2021 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी द्वारा शासन संबंधी मुद्दों और भुगतान चूक के कारण रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था। Latest Business News None

About Us

Get our latest news in multiple languages with just one click. We are using highly optimized algorithms to bring you hoax-free news from various sources in India.