RAJYA

‘मंदिरों को अपवित्र करने वालों के वंश और वंशज नष्ट हो जाएंगे’, सीएम योगी बोले- औरंगजेब के खानदानी आज रिक्शा चला रहे

Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अयोध्या की पावन भूमि पर सनातन धर्म को लेकर बात की। योगी ने कहा कि सनातन धर्म सुरक्षित है तो सभी सुरक्षित हैं। सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है जिसने हर मत और मजहब को विपत्ति के समय शरण दिया, लेकिन क्या कभी हिंदुओं के साथ ऐसा हुआ? बांग्लादेश में, उससे पहले पाकिस्तान और अफगानिस्तान में क्या हुआ? योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘मैं पूछना चाहता हूं कि देश में सनातन धर्म के गौरव स्थलों को नष्ट करने वाले लोग कौन थे और उन्होंने ऐसा क्यों किया? आखिर इसके पीछे उनकी क्या मंशा थी? इन बर्बर कृत्यों के जरिए पूरी धरती को नर्क बनाने की साजिश का हिस्सा था।’ मंदिरों को तोड़े जाने का जिक्र करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘उन्होंने इसके तहत कभी काशी में काशी विश्वनाथ मंदिर, कभी अयोध्या में रामजन्मभूमि, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि तो कभी संभल में कल्कि अवतार की हरिहर भूमि, कभी भोज में, हर समय हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ा गया। इस मंदिरों को तोड़ने से उनका वंश और खून ही नष्ट हुआ होगा।’ योगी ने कहा कि जब मैं लोगों से पूछता हूं कि मंदिर तोड़ने वाले लोगों के परिवार की आज की स्थिति क्या है, तो लोग बताते हैं कि औरंगजेब के परिवार के लोग उनके वर्तमान खानदान के लोग आज कोलकाता के पास रिक्शा चलाते हैं। अगर उसने मंदिर तोड़े नहीं होते और मंदिरों को नुकसान नहीं पहुंचाया होता, तो आज उनके लोगों को यह दुर्गति नहीं देखनी पड़ती। उसके औलादों को ये दिन नहीं देखना पड़ता। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मंदिरों को अपवित्र करने वालों के वंश और वंशज नष्ट हो जाएंगे। केवल सनातन धर्म ही विश्व शांति स्थापित कर सकता है। सनातन को लेकर सीएम योगी ने कहा कि अगर विश्व मानव सभ्यता को बचाना है तो सनातन का सम्मान करना होगा। हमारे ऋषि- मनीषियों ने हजारों साल पहले वसुधैव कुटुम्बकम की जो बात कही थी वो आज भी प्रासंगिक है। दुनिया के अंदर सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है जिसने हर मत और मजहब को विपत्ति के समय शरण दिया, लेकिन क्या हिंदुओ के साथ कभी ऐसा हुआ? क्या हुआ बांग्लादेश में, उससे पहले देखें तो पाकिस्तान और अफगानिस्तान में क्या किया गया? सीएम योगी की यह टिप्पणी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा भारत भर में मंदिर-मस्जिद विवादों की बढ़ती संख्या के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करने और उन लोगों की आलोचना करने के एक दिन बाद आई है, जिनके बारे में उनका मानना ​​है कि वे इस तरह के विवादों को भड़काकर खुद को हिंदुओं के नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। भागवत ने पुणे में ‘भारत-विश्वगुरु’ विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि हम लंबे समय से सद्भावना से रह रहे हैं। अगर हम दुनिया को यह सद्भावना प्रदान करना चाहते हैं, तो हमें इसका एक मॉडल बनाने की जरूरत है। राम मंदिर के निर्माण के बाद, कुछ लोगों को लगता है कि वे नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। ‘राम मंदिर बनवाने से कोई हिंदू नेता नहीं बन जाता…’, भागवत किस पर साध रहे निशाना? आरएसएस प्रमुख ने कहा कि देश में हर दिन एक नया विवाद सामने आ रहा है और सवाल किया कि ऐसा क्यों होने दिया जा रहा है। भागवत ने कहा कि यह जारी नहीं रह सकता और उन्होंने कहा कि भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम एक साथ रह सकते हैं। भागवत की यह टिप्पणी हाल के महीनों में देश भर की विभिन्न अदालतों में दायर की गई कई याचिकाओं के मद्देनजर आई है, जिसमें मस्जिदों के सर्वेक्षण की मांग की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि ये मस्जिदें प्राचीन मंदिरों के ऊपर बनाई गई थीं। हालांकि, भागवत ने अपने व्याख्यान के दौरान इनमें से किसी भी चल रहे मामले का नाम नहीं लिया। यह भी पढ़ें- चुनाव से पहले केजरीवाल ने दिल्ली में खेला ‘पूर्वांचल कार्ड’, रोहिंग्याओं का जिक्र कर जेपी नड्डा पर लगाए गंभीर आरोप चाचा-भतीजे हो रहे एक? अजित पवार से मिलने पहुंचे ‘यह’ नेता, लोगों ने बताई ‘डील’ None

About Us

Get our latest news in multiple languages with just one click. We are using highly optimized algorithms to bring you hoax-free news from various sources in India.