India China News: एक 'ग्रेट गेम' था जो कभी ब्रिटिश और रूसी साम्राज्यों के बीच खेला गया था. 19वीं सदी के उस 'ग्रेट गेम' की वजह से सेंट्रल और साउथ एशिया का नक्शा बार-बार बदला. करीब दो सदी बाद, एशिया में एक और 'ग्रेट गेम' खेला जा रहा है. इस बार खिलाड़ी हैं भारत और चीन. जमीन वाले बॉर्डर पर दोनों देशों की सेनाएं बॉर्डर पिछले चार साल से अड़ी हैं. इस नए 'ग्रेट गेम' की एक बाजी हिंद महासागर क्षेत्र (IRO) में भी खेली जा रही है. भारत और चीन, दोनों ही IOR में रणनीतिक प्रभुत्व चाहते हैं. हिंद महासागर में बढ़ती मौजूदगी सोमवार को भारत ने अग्रिम युद्धपोत और गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर INS मुंबई ने श्रीलंका के कोलंबो में लंगर डाला. ठीक उसी दिन, चीन के भी तीन-तीन युद्धपोत पास ही लहरों में गोते लगा रहे थे. भारतीय नौसेना इन तीनों पर तब से नजर बनाए हुए थी, जब से वे IOR में दाखिल हुए थे. भारत के एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट छापी है कि चीनी युद्धपोत अब पहले से ज्यादा समय तक IOR में ठहरते हैं. यह भी देखें: भारतीय और चीनी नौसेना आमने-सामने, कोलंबो में भारत ने एक तो चीन ने तीन युद्धपोत उतारे हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना की बढ़ती मौजूदगी ने नई दिल्ली के लिए चुनौती पैदा कर दी है. बीजिंग लगातार IOR में लॉजिस्टिकल ठिकाने तलाश रहा है. भारतीय नौसेना के सामने दोहरी चुनौती है. उसे IOR में चीन को रोकना है और पाकिस्तान का भी मुकाबला करना है. INS मुंबई और चीन के युद्धपोत अलग-अलग 'पैसेज एक्सरसाइज' में हिस्सा लेने वाले हैं. इसे शायद संयोग ही कहा जाएगा कि चारों युद्धपोतों की रवानगी भी एक ही दिन, 29 अगस्त को होगी. श्रीलंका के अगले राष्ट्रपति पर नजरें मालदीव को पहले ही गंवा चुका भारत नहीं चाहेगा कि श्रीलंका भी चीन के इशारों पर नाचे. पहले भी जब श्रीलंका ने अपने तटों पर चीनी युद्धपोतों, जासूसी जहाजों और पनडुब्बियों को लंगर डालने दिया था, भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था. दक्षिण एशिया में चल रही इस रणनीतिक खींचतान के बीच अब नजरें श्रीलंका में 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर हैं. भारत के लिहाज से राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे कहीं बेहतर विकल्प हैं. उनके मुकाबले में नेशनल पीपुल्स पावर के अनुरा कुमारा दिसानायके हैं, जो चीन समर्थक माने जाते हैं. भारत के इन हथियारों को काल मानते हैं पाकिस्तानी, परमाणु ठिकाने भी सुरक्षित नहीं, गलती से कबूली ये बात? चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है. उसके पास 360 से ज्यादा युद्धपोत और पनडुब्बियां हैं. ड्रैगन ने IOR में लगातार पैठ मजबूत की है. उसके सर्वे और रिसर्च 'जासूसी' जहाज लगभग हमेशा ही इस क्षेत्र में मौजूद रहते हैं. चीन, पाकिस्तान नौसेना की भी मदद कर रहा है. बीजिंग ने इस्लामाबाद को चार टाइप 054A/P मल्टी-रोल फ्रिगेट उपलब्ध कराए हैं. आठ युआन-क्लास डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों का सौदा भी पाइपलाइन में है. None
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