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हानिया के शिकार के बाद हमास के इस चेहरे पर इजरायल ने टेढ़ी की नजर, बस बटन दबाने की देरी; लेकिन 1 मुश्किल

Israel Hamas war latest: हमास के हमदर्द ईरान के घर में घुसकर अपने टारगेट और हमास के नेता इस्माइल हानियेह को निपटाने के बाद, इजरायल चैन की बंसी नहीं बजा रहा है. उसकी फौज और सीक्रेट एजेंसी मोसाद दोनों काम पर लगी हैं. डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि सुकून से बैठना इजरायलियों की फितरत नहीं है, उसके टॉप एजेंट्स हानिया के उत्तराधिकारी याह्या सिनवार को कभी भी मारकर मिशन पूरा कर सकते हैं. सिनवार इजरायल के राडार पर है. अमेरिका और इजरायल दोनों उसे उसके बिल में घेरने के लिए चक्रव्यूह बुन चुके हैं. मिडिल ईस्ट (Middle Ease tension) में तनाव है. गाजा (Gaza) कब्रिस्तान बन चुका है और लड़ाई अभी जारी है. तय है टारगेट बस बटन दबाने की देरी, लेकिन 1 मुश्किल... शिकार को बाहर निकालने के लिए दाना डाला जा चुका है. 10 महीने का वक्त बीत चुका है. ऐसे में जल्द ही उसकी मौत तय मानी जा रही है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस ने कथित तौर पर सिनवार के अलावा हमास के बाकी बचे कैडर की जानकारी साझा की है. माना जा रहा है कि इस इनपुट से हमास की कैद में जिंदा बचे अमेरिकी बंधकों के बारे में कुछ खुलासा हो सकता है. क्या सिनवार के बाद हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी हमास की कहानी? इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए, सिनवार को मारने से दुनियाभर को ये संदेश भेजने में मदद मिलेगी कि हमास का शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह से खत्म हो गया है. जिससे उनके लिए गाजा में अपने सैन्य अभियान को समाप्त करने का ऐलान करना आसान हो जाएगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिनवार का खात्मा आसान नहीं है. सिनवार बातचीत करने के लिए कम्युनिकेशन एनालॉग मोड का इस्तेमाल कर रहा है. इजरायल-हमास की जंग शुरू होने से पहले सिनवार कभी कभी फोन पर बात कर लेता था. लड़ाई तेज होने के बाद बिजली की सप्लाई बंद होने और जनरेटर के लिए डीजल न मिलने के कारण, सिनवार बातचीत करने के पुराने और खुफिया कोड में संदेश लिखकर अपना काम चला रहा है. सिनवार कौन है? 1962 में खान यूनिस में जन्मा सिनवार किसी से भी समझौता न करने का हिमायती है. 1980 के दौरान गाजा की इस्लामिक युनिवर्सिटी में आयोजित इजरायल विरोधी अभियानों में हिस्सा लेने के कारण सिनवार को बार-बार गिरफ्तार किया जाता था. ग्रेजुएशएन के बाद सिनवार ने लड़ाकों का नेटवर्क बनाया. उन्हें हथियार देकर ट्रेंड किया. वही सशस्त्र समूह आगे चलकर हमास की मिलिट्री विंग क़सम ब्रिगेड बन गया. क़सम ब्रिगेड के अब मारे गए प्रमुख मोहम्मद दीफ़ के साथ ही सिनवार ने इजरायल पर 7 अक्टूबर के हमलों की योजना बनाई, जिसकी नींव मई 2021 में आईडीएफ द्वारा अल अक्सा मस्जिद पर छापेमारी के बाद रखी गई थी. इज़राइल की जेल में बिताए 23 सालों में, सिनवार ने हिब्रू सीखी और इज़राइल के राजनीतिक मामलों पर गहरी पकड़ हासिल की. 2011 में उसे कैदियों की अदलाबदली के एक समझौते में रिहा किया गया था. उसके बदले इजरायली सैनिक गिलाद शालित को हमास की कैद से रिहा किया गया था. ये भी पढ़ें- जानी दुश्मन ने भेजा मोदी को बुलउवा, क्या पाकिस्तान जाएंगे मोदी? मैटर इतना छोटा भी नहीं None

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