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ज्वैलर्स का सामान और बैंक खाते जब्त कर रहे चुनाव अधिकारी, शादियों के बीच बड़ी मुसीबत में फंसे कारोबारी

12 नवंबर को एकादशी के साथ ही देशभर में शादियों का सीजन शुरू हो गया है। भारत में शादियों के सीजन में लाखों करोड़ रुपये का कारोबार होता है। ज्वैलर्स के लिए भी ये सीजन काफी व्यस्त होता है। लेकिन महाराष्ट्र के ज्वैलर्स को इन दिनों एक अलग ही दुविधा का सामना करना पड़ रहा है। महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव की वजह से राज्य के ज्वैलर्स को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद का दावा है कि सभी जरूरी कागजात होने के बावजूद चुनाव अधिकारी उनके सामान और बैंक खातों को जब्त कर रहे हैं। बताते चलें कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने आज यानी 15 अक्टूबर से ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी है। चुनाव आयोग ने राज्य में कई फ्लाइंग स्क्वॉड और सर्वीलांस टीमों को तैनात किया है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के चेयरमैन संयम मेहरा ने बताया, ‘‘हमें माल की आवाजाही के बारे में चुनाव आयोग कार्यालय से स्पष्ट जानकारी मिली है और हम उनके आभारी हैं। लेकिन, आभूषण विक्रेताओं को अभी भी सभी जरूरी दस्तावेज दिखाने के बावजूद अपने खातों को जब्त करने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शादी के मौसम के दौरान कारोबार में कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं।’’ संयम मेहरा ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देश पर काम कर रहे अधिकारियों ने जो माल जब्त किया है, उसे चुनाव खत्म होने के बाद ही वापस किया जाएगा। मेहरा ने कहा कि रत्न एवं आभूषण उद्योग महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद इंसेंटिव और टैक्स रियायतों की उम्मीद कर रहा है। ये रोजगार देने वाला एक प्रमुख सेक्टर है। उन्होंने कहा कि बड़ी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स के संदर्भ में उद्योग बिजली शुल्क में रियायत चाहता है। इसके अलावा हमारी मांग है कि गारंटी मुक्त कारोबारी ऋण की सीमा को दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये किया जाए। Latest Business News None

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