तकनीकी और वैज्ञानिक विकास के केंद्र के रूप में भारत की बढ़ती परिपक्वता के सबूत लगातार बढ़ते पेटेंट के एप्लीकेशन हैं। पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत में लगभग 92,000 पेटेंट एप्लीकेशन दायर किए गए। एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक (CGPDTM) उन्नत पंडित ने यह भी साझा किया कि बौद्धिक संपदा (IP) गाइडलाइंस को नया रूप दिया जा रहा है और नए मानदंडों के लिए विभिन्न हितधारकों से इनपुट मांगे जा रहे हैं। खबर के मुताबिक, पंडित ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में लगभग 92,000 पेटेंट आवेदन दाखिल किए गए। यानी कि हर छह मिनट में भारत में एक नई तकनीक IP सुरक्षा की मांग कर रही है। हम IP गाइडलाइंस को नया रूप दे रहे हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में IP की सुरक्षा के लिए बनाए गए थे। यह प्रैक्टिस चल रहा है, उद्योग संघों और IP हितधारकों द्वारा ऐसे गाइडलाइंस के प्रभाव को और मजबूत करने के लिए योगदान दिया जा सकता है। खबर के मुताबिक, पंडित ने एक जीवंत आईपी सिस्टम बनाने की जरूरत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम कुशल आईपी फाइलिंग की दिशा में काम कर रहे हैं। अनुदानित पेटेंट में यह तीव्र वृद्धि आवेदनों को संसाधित करने और आईपी अधिकार प्रदान करने में भारत के पेटेंट कार्यालय की दक्षता को रेखांकित करती है। यह दायर किए जा रहे आवेदनों की बढ़ती गुणवत्ता को भी दर्शाता है, जिसमें कई इनोवेशन ग्लोबल मानकों को पूरा करते हैं। पेटेंट वह कानूनी अधिकार है जो सरकार द्वारा किसी पेटेंट होल्डर को उसके आविष्कार पर एक सीमित अवधि के लिए उसके आविष्कार को पूरी तरह व्यक्त करने के बाद हासिल होता है। इसके आधार पर दूसरों को उस पेटेंट किए गए प्रोडक्ट या प्रक्रिया के बनाने, इस्तेमाल करने, बेचने, आयात करने या उसकी सहमति के बिना इन मकसदों से उसका उत्पादन करने से रोका जा सके। Latest Business News None
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