ENTERTAINMENT

कबड्डी प्लेयर के प्यार में पड़े थे CID के एसीपी प्रद्युमन, अंजाम तक पहुंच कर भी अकेले रह गए शिवाजी साटम

सबसे लोकप्रिय टीवी सीरीज अगर बात करें तो आपके दिमाग में सीआईडी जरूर आता होगा। ये टीवी शो छह साल के अंतराल के बाद फिर छोटे पर्दे पर वापसी कर रहा है। इसकी घोषणा के बाद से हर कोई उत्साहित है। 1998 में पहली बार ये शो टीवी पर आया था और 20 सालों तक इसने लगातार लोगों का मनोरंजन किया। ये सबसे लंबे चलने वाले टीवी शोज की लिस्ट में शामिल है। अब फैंस को एक बार फिर एसीपी प्रद्युमन का फेसम डायलॉग 'कुछ तो गड़बड़ है दया!' सुनने को मिलेगा। एसीपी प्रद्युमन के नाम से मशहूर शिवाजी साटम मराठी और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का जाना-माना नाम हैं। उन्हें एक शानदार कलाकार के रूप में तो हर कोई जानता है, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में कम ही लोग वाकिफ हैं। आपको उनके निजी जीवन के बारे में थोड़ा और जानकारी देते हैं। सीआईडी ​​फेम शिवाजी साटम ने अरुणा साटम से शादी की। शिवाजी टीवी स्क्रीन पर थोड़े सख्त दिखते हैं, लेकिन असल जिंदगी में वे उतने ही नरम दिल इंसान हैं। अरुणा महाराष्ट्र की कबड्डी टीम की खिलाड़ी थीं और छत्रपति शिवाजी अवॉर्ड भी हासिल कर चुकी थीं। बाद में उन्होंने उसी टीम का प्रबंधन संभाला और कोच बन गईं। अपनी पत्नी की तारीफ करते हुए शिवाजी ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में सबकुछ हासिल कर लिया है। शिवाजी और अरुणा के रिश्ते ने सभी को हैरान कर दिया। लोगों को लगा कि ये प्रेम विवाह था, लेकिन असल में ये एक अरेंज मैरिज थी। शादी अरुणा के पिता ने तय की थी, जो एक जिमनास्ट थे। Image Source : INSTAGRAM शिवाजी ने एक बार इस बारे में खुलासा किया था कि अरुणा के साथ उनकी शादी कैसे तय हुई थी। उन्होंने कहा कि उनके पिता प्रगतिशील सोच वाले व्यक्ति थे और उनके विचार कभी पुराने नहीं रहे। उनके पिता उनके परिवार के मुखिया थे और शिवाजी और अरुणा की शादी का प्रस्ताव एक कॉमन फ्रेंड के जरिए आया था और एक-दूसरे के लिए उनकी आपसी पसंद ने उनके बीच पुल का काम किया। दोनों ने 1976 में शादी की और उनके दो बच्चे हैं। शिवाजी और अरुणा का सफर लंबा नहीं था और वे 24 साल तक साथ रहे। दरअसल अरुणा ने साल 2000 में अंतिम सांस ली। अरुणा कैंसर से पीड़ित थीं और सात साल तक उन्होंने इससे कड़ी लड़ाई लड़ी। इस बारे में बात करते हुए, शिवाजी ने कहा कि उनके जीवन के कठिन दौर में न केवल उन्होंने बल्कि पूरे उद्योग ने उनका साथ दिया। शिवाजी एक प्यार करने वाले पति और एक आदर्श पारिवारिक व्यक्ति होने के नाते, अपने निजी और पेशेवर जीवन के बीच तालमेल बिठाते थे। उन्हें अपने बच्चों और अपनी बीमार पत्नी की देखभाल की। शिवाजी ने बताया कि यह उनके जीवन का भी बहुत कठिन दौर था, लेकिन उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों सहित सभी ने उनका पूरा साथ दिया। उन्होंने याद किया कि जब उनकी पत्नी के साथ यह सब हुआ, तब वह 'गुलाम-ए-मुस्तफा' की शूटिंग कर रहे थे। शिवाजी ने कहा कि नाना पाटेकर और अरुणा ईरानी सहित सभी लोग उनके करीबी परिचितों की तरह उनके साथ खड़े थे और वे उनके लिए किसी परिवार से कम नहीं थे। None

About Us

Get our latest news in multiple languages with just one click. We are using highly optimized algorithms to bring you hoax-free news from various sources in India.