भारत के एक्सपोर्ट में अब केले, घी, फर्नीचर, ऑफिस स्टेशनरी और सोलर पीवी मॉड्यूल जैसे नए उत्पादों की भी अच्छी मांग बढ़ रही है. इंजीनियरिंग सामान, दवाइयां, जेम्स और ज्वैलरी, और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे ट्रेडीशनल एक्सपोर्ट सेक्टर भी पहले की तरह ही अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही, सरकार नए बाजारों की तलाश में है ताकि भारत का ग्लोबल ट्रेड में और भी ज्यादा हिस्सा हो सके. बूम पर इंडिया का एक्सपोर्ट भारत अब सिर्फ पुराने सामान ही नहीं, बल्कि केले, घी, फर्नीचर, ऑफिस का सामान और सोलर पैनल जैसे नए सामान भी दूसरे देशों में भेज रहा है. इन नए सामानों की वजह से भारत का दुनिया के बाजार में और मजबूत पकड़ हो रही है. अभी भारत का दुनिया के कुल एक्सपोर्ट में सिर्फ 2.5% हिस्सा है, लेकिन सरकार का लक्ष्य इसे बढ़ाकर 4-5% करना है. इसके लिए सरकार ने कुछ खास देशों को चुना है, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, मलेशिया, कनाडा, रूस, जर्मनी, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, चीन, इंडोनेशिया, जापान, इटली, बेल्जियम और यूनाइटेड किंगडम. नवंबर में, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, जेम्स और ज्वैलरी, आयरन ओर और फलों और सब्जियों के निर्यात में कुछ चुनौतियां सामने आईं. इन चुनौतियों को सॉल्व करने के लिए, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय नए प्रोडक्ट्स और बाजारों की तलाश कर रहा है. वित्त वर्ष 2024-25 में माल और सेवाओं के निर्यात का लक्ष्य 800 बिलियन डॉलर रखा गया है. सरकार का लक्ष्य इन चुनौतियों का सामना करते हुए निर्यात को बढ़ावा देना है. किन प्रोडक्ट्स पर ज्यादा फोकस? कृषि प्रोडक्ट्स: भारत 20 प्रमुख कृषि उत्पादों को बढ़ावा दे रहा है, जिसमें केले को प्राथमिकता दी जा रही है क्योंकि इसका वर्तमान वैश्विक बाजार हिस्सा कम है. अन्य प्रमुख उत्पादों में तरबूज, अमरूद, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, भिंडी, लहसुन, प्याज शामिल हैं. भारत की सिंगल माल्ट व्हिस्की: भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और पूर्वी एशिया जैसे बाजारों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है. CIABC के अनुसार, अप्रैल-अक्टूबर के दौरान व्हिस्की का निर्यात साल-दर-साल 16% बढ़ा है, जिससे अल्कोहलिक बेवरेज के कुल निर्यात में 8% की वृद्धि हुई है. क्या है मोदी सरकार का अगला प्लान? भारत अपने निर्यात को बढ़ाने के लिए नए बाजारों की तलाश कर रहा है. उदाहरण के लिए, फ्रांस, सऊदी अरब और केन्या जैसे देशों को लक्षित किया जा रहा है. दवाइयों के लिए लातविया, चाड, मोंटेनेग्रो जैसे देशों को प्राथमिकता दी जा रही है. ग्रीस और क्रोएशिया में इंजीनियरिंग सामानों के लिए बाजार तलाशे जा रहे हैं. कपास के धागे के लिए ग्वाटेमाला और मोरक्को को आधार के रूप में देखा जा रहा है. पीएलआई स्किम की वजह से इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात काफी बढ़ा है. लेकिन पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में कुछ मुश्किलें आ रही हैं. हालांकि, गैर-तेल माल और सेवाओं के निर्यात में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे कुल मिलाकर निर्यात में सुधार होगा. None
Popular Tags:
Share This Post:
What’s New
Spotlight
Today’s Hot
-
- January 7, 2025
-
- January 7, 2025
-
- January 7, 2025
Featured News
Latest From This Week
Subscribe To Our Newsletter
No spam, notifications only about new products, updates.