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Explained: इंटरपोल की तर्ज पर बन गया 'भारतपोल', अब विदेश में छिपे भगोड़े बच नहीं पाएंगे

What is Bharatpol: दुनिया के दूसरे सबसे बड़े संगठन 'इंटरपोल' की तर्ज पर भारत में 'भारतपोल' लॉन्च होने जा रहा है. कहा जा रहा है कि जनवरी में केंद्रीय मंत्री अमित शाह इसकी शुरुआत कर सकते हैं. 'भारतपोल' CBI के ज़रिए तैयार किया गया है. इसकी मदद से भारत के सभी राज्यों की पुलिस के बीच बेहतरीन सिनर्जी कायम हो सकेगा. साथ ही इसकी शुरुआत होने के बाद विदेशों में छिपे मुजरिमों के लिए परेशानियां बढ़ जाएंगी. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने यह नया और बेहद अत्याधुनिक ऑनलाइन मंच तैयार किया है, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस फोर्स और केंद्रीय एजेंसियों को विदेश में छिपे भगोड़े लोगों या अन्य मामलों के बारे में इंटरपोल से सूचना मांगने के लिए अपने अनुरोध भेजने की सुविधा देगा. इंटरपोल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसा संगठन है जो सदस्य देशों की पुलिस एजेंसियों के बीच क्रिमिनल केसेज में सिनर्जी बनाकर रखता है. भारत में इस सीबीआई इंटरपोल से जुड़े मामलों के जिम्मेदार है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई डायरेक्टर प्रवीण सूद के सामने इस तरह के सभी संचार आदान-प्रदान को एक समर्पित ऑनलाइन मंच पर लाने का विचार रखा गया, जिससे महत्वपूर्ण मामलों में प्रक्रिया का समय कम हो जाएगा और हर मामले के प्रोसेस की निगरानी करना भी आसान हो जाएगा. उन्होंने बताया कि सीबीआई के ज़रिए आंतरिक रूप से डिजाइन की गई यह परियोजना टेस्टिंग मोड में है और इसे सात जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा शुरू किये जाने की उम्मीद है. इंटरपोल के माध्यम से सीबीआई भारत में क्राइम या क्रिमिनल की जांच में मदद के लिए इंटरपोल के अन्य सदस्य देशों की एजेंसियों से जरूरी जानकारी मांग सकती है. साथ ही अन्य देशों की मदद के लिए क्राइम से जुड़ा डेटा और खुफिया जानकारी शेयर कर सकती है. सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​विदेश में छिपे भगोड़ों की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल रेड नोटिस, लापता व्यक्तियों के लिए येलो नोटिस, आपराधिक जांच के संबंध में किसी शख्स की पहचान, जगह या गतिविधियों के बारे में जानकारी के लिए ब्लू नोटिस और ऐसे अन्य मुद्दों के लिए सीबीआई को अपने अनुरोध प्रस्तुत करती हैं. इंटरपोल का पूरा नाम 'इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन' है. यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो सदस्य देशों की पुलिस एजेंसियों के बीच आपराधिक मामलों में सहयोग और समन्वय को यकीनी बनाता है. इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय अपराधों की रोकथाम और जांच में मदद मुहैया करना है. इसकी स्थापना 1923 में की गई थी और मुख्यालय फ्रांस के ल्यो में मौजूद है. इस संगठन में 195 सदस्य देश शामिल हैं, जो इसे संयुक्त राष्ट्र के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाता है. 1949 के बाद से भारत इस संगठन का सदस्य है. भारत में इसका प्रतिनिधित्व सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) के माध्यम से किया जाता है. None

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