अमेरिकी चुनाव में इस बार मुकाबला डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच में चल रहा है। दोनों ही दिग्गजों के बीच में यह सियासी जंग जोरदार रही है, विचारों में मतभेद जबरदस्त दिखा है। इसी वजह से जानकार भी मान रहे हैं कि इस बार का चुनाव पहले की तुलना में ज्यादा करीबी और कांटे का रहने वाला है। वैसे एक नजर में कहा तो यह भी जा सकता है कि ट्रंप और कमला दोनों ही जीतने के प्रबल दावेदार हैं, दोनों की अपनी खूबियां, अपनी ताकत हैं जो उन्हें इस योग्य बनाता है डोनाल्ड ट्रंप बहुत ज्यादा मुखर हैं, उनका अंदाज पूरी तरह आक्रमक रहता है। इसके ऊपर उनके विचार बड़े से बड़े मुद्दे पर भी एकदम स्पष्ट हैं। अमेरिका के ही कई वोटर उनकी इस खूबी को पसंद करते हैं, इस वजह से उनकी छवि सशक्त बन जाती है। अगर वे इललीगल इमिग्रेशन के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं, वहां कोई किंतु-परंतु नहीं है, वे तो सीधे-सीधे निकालने की बात कर रहे हैं। इसी तरह युद्ध के बीच इजरायल को खुला समर्थन भी ट्रंप ही दे रहे हैं। नवंबर में ही क्यों होता है अमेरिकी चुनाव? डोनाल्ड ट्रंप दूसरी खूबी यह मानी जा सकती है कि वे तमाम विवादों के बाद भी मजबूत वापसी करने के लिए जाने जाते हैं। कहना चाहिए कि हारी हुई बाजी वे पलट सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कैपिटल हिंसा के बाद माना जा रहा था कि ट्रंप का सियासी करियर खत्म हो जाएगा, इसके ऊपर वे तो एक मामले में दोषी भी पाए जा चुके थे, ऐसे में उनके सामने पहाड़ जैसी चुनौती थी। लेकिन ट्रंप के एक नेरेटिव ने सबकुछ बदल दिया, उनका समर्थकों के बीच में कहना रहा कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। अब यह नेरेटिव ही इस चुनाव में ट्रंप के पक्ष में कुछ हद तक काम करता दिख रहा है। डोनाल्ड ट्रंप काफी अनप्रिडिक्टिबल माने जाते हैं, वे कब क्या फैसला लेंगे, इसका अंदाजा किसी को नहीं रहता। अब कुछ इस बात की आलोचना कर सकते हैं, लेकिन अमेरिकी चुनाव में जो पुरुष मतदाता हैं, उनकी नजरों में यह ट्रंप की एक खूबी है। ट्रंप को लेकर यह भी कहा जाता है कि वे डंके की चोट पर कोई भी फैसला लेते हैं, उनके मन में अगर कोई पात घर कर जाए, वे उसके अनुसार ही फैसला लेते हैं। कमला हैरिस की सबसे बड़ी ताकत यही है कि वे कूटनीतिक लिहाज से ज्यादा समझदार मानी जा रही हैं। इसका एक कारण यह है कि वे ट्रंप की तरफ एक्सट्रीम विचारधारा नहीं रखती हैं। वे नहीं कहती कि इललीगल इमिग्रेंट्स को तुरंत बाहर की फेंक दिया जाए। वे तो दूसरे देशों से आए बच्चों के प्रति अपनी संवेदनाएं रखती हैं। उनका यह रुख कई अमेरिकी वोटर्स को पसंद आता है। इसी तरह गाजा में हुई तबाही को लेकर भी उनकी अप्रोच ज्यादा इंसानियत से भरी दिखती है, लिबरल वोटरों के बीच यह उनकी एक खूबी है। कमला हैरिस की दूसरी खूबी उनका महिला अधिकारों को लेकर मुखर होना है। जिस तरह से डेमोक्रेट उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ भी जाने को तैयार हो चुकी हैं, इसने महिला वोटरों के बीच में एक तगड़ा संदेश भेजा है। गर्भपात अमेरिका में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है, वोटर भी पूरी तरह इस पर बंटे हुए हैं। ऐसे में कमला का इसका समर्थन करना महिला वोटरों के बीच में जरूर असर डाल सकता है। कमला हैरिस की ताकत उनकी कम उम्र को भी माना जा सकता है। एक तरफ अगर ट्रंप सबसे उम्रदराज उम्मीदवार बन चुके हैं, दूसरी तरफ कमला अभी सिर्फ 60 साल की हैं। ऐसे में मानसिक और शारीरिक रूप से वे ट्रंप की तुलना में ज्यादा फिट मानी जाएंगी। यह नहीं भूलना चाहिए कि बाइडेन पर उनकी उम्र ही भारी पड़ी थी और उसी वजह से उन्हें राष्ट्रपति चुनाव से पीछने हटना पड़ा। ऐसे में अब ज्यादा आक्रमकता और जोश के साथ कमला व्हाइट हाउस की रेस में आ चुकी हैं। None
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