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Syria Transition: अल-असद के पतन के बाद सीरिया में हुए क्या बदलाव, HTS का कैसा रहा रोल?

सीरिया में हाल ही में हुए तख्तापलट और राष्ट्रपति बशर अल-असद के रूस में शरण लेने के बाद अब वहां HTS लीडर अहमद अल-शरा का शासन है। वहीं, प्रधानमंत्री मोहम्मद अल-बशीर 1 मार्च 2025 को अपनी सरकार का कार्यकाल समाप्त होने से पहले देश को स्थिर करने, जातीय समूहों को एकजुट करने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। आइये जानते हैं 8 दिसंबर को बशर अल-असद के पतन के बाद से सीरिया में क्या बदलाव हुए हैं और असद सरकार को उखाड़ फेंकने वाले हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने अब तक क्या भूमिका निभाई है? सबसे पहले नया प्रशासन सीरिया को एकजुट करने का प्रयास कर रही है। एचटीएस/एसएसजी के नेताओं ने कहा है कि असद के खिलाफ लड़ने वाले सभी सशस्त्र गुटों को नए रक्षा मंत्रालय के अधीन लाया जाएगा। मोहम्मद यासर ग़ज़ल जिन्हें इदलिब से दमिश्क सिटी काउंसिल का प्रमुख बनाया गया है, ने कहा है कि नए सीरियाई गणराज्य के तहत साल्वेशन सरकार को भंग कर दिया जाएगा। नये शासन ने 15 दिसंबर को सीरियाई अरब समाचार एजेंसी सहित असद राज्य के प्रमुख तंत्र को भी अपने नियंत्रण में ले लिया है। कार्यवाहक प्रशासन उन समूहों पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने के लिए काम कर रहा है जो अब दमिश्क को चला रहे हैं। एचटीएस के नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी ने ब्रिटिश, फ्रांसीसी और जर्मन राजनयिकों के साथ-साथ सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन के साथ सीधे संपर्क सुनिश्चित किया है। सीरिया में मचे बवाल के बीच इजरायल बदलने जा रहा नक्शा, पीएम नेतन्याहू ने बनाया यह प्लान अपनी इमेज बदलने में जुटी नई सीरियाई सरकार 16 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने सभी सीमा पार से पूर्ण मानवीय पहुंच, आवश्यक सेवाओं की निरंतरता, मानवीय समुदाय के साथ जुड़ाव और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कार्यवाहक प्रशासन की प्रतिबद्धता का स्वागत किया। दरअसल, मानवीय सहायता को कुछ सीमा पार से गुजरने देने का मुद्दा लंबे समय से विवादास्पद रहा है। रूस ने असद शासन के अधिकार और समन्वय के बिना सहायता की आवाजाही को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वीटो का इस्तेमाल किया है। इस गतिरोध को समाप्त करने के प्रयासों से नई सरकार की अंतर्राष्ट्रीय छवि को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। अपनी ओर से नए सीरियाई प्रशासन ने अन्य क्षेत्रों में पश्चिम के साथ तनाव को कम करने की कोशिश की है। जोलानी ने जहां गोलान हाइट्स पर इजरायल के नए कब्जे और सीरिया पर उसकी निरंतर बमबारी की आलोचना की है और सैन्य प्रतिक्रिया के लिए प्रतिबद्ध होने के बजाय कूटनीतिक समाधान की मांग की है। एचटीएस को इदलिब में प्रशासनिक शाखा (SSG) चलाने का कम से कम सात सालों का अनुभव है, जिसने लड़ाई के दौरान वहां शासन किया था। एसएसजी ने इदलिब को चलाने के अपने अनुभव के माध्यम से प्रशासन और मानवीय सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण सबक सीखे, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी और 2023 तुर्की-सीरिया भूकंप जैसे संकटों के दौरान। दमिश्क में ड्यूटी के लिए नियुक्त एसएसजी नेता अब अपने स्थानीय अनुभव को देशव्यापी स्तर पर लागू करना चाहते हैं। उनकी चुनौती अपने कुछ संबद्ध लड़ाकों के जिहादी झुकावों को रोकना होगा, साथ ही 2022 में इदलिब में देखी गई इस्लामवादी प्रवृत्तियों के संभावित प्रतिरोध को भी रोकना होगा। आगे बढ़ते हुए एचटीएस को दो बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। पहला, समूह को अपने जिहादवाद के ब्रांड को एक स्थिर सरकार की ज़रूरतों के साथ सामंजस्य बिठाना होगा। इसका मतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा स्वीकार किए गए मानदंडों का पालन करना और इसके लिए अनिवार्य रूप से उनके इस्लामवाद पर रियायतें देनी होंगी। दूसरी चुनौती सीरिया के तुर्की और इजरायल के साथ संबंधों की होगी। पिछले पांच दिनों में इजरायल ने न केवल गोलान हाइट्स पर फिर से कब्ज़ा कर लिया है और सीरिया के साथ 1974 के समझौते का उल्लंघन किया है। 15 दिसंबर को इजरायली सरकार ने घोषणा की कि वह गोलान हाइट्स में नई बस्तियां बनाने की सोच रही है ताकि इस क्षेत्र की जनसंख्या को दोगुना किया जा सके। इजरायल का कब्जा जैसे-जैसे बढ़ता जाएगा सीरिया के पुनर्निर्माण और इसकी संप्रभुता की रक्षा पर केंद्रित जोलानी और इस्लामवादी उग्रवादी जोलानी, दोनों के लिए इसे नज़रअंदाज़ करना कठिन होता जाएगा। पढ़ें- HTS प्रमुख अल-शरा ने कहा- देश जंग से थक गया है None

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