अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने एक दिन में लगभग 1,500 आरोपियों की सजा कम की और 39 लोगों को माफी दी। इस दौरान उन्होंने चार भारतीय-अमेरिकियों को भी क्षमादान दिया। एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में क्षमादान देने की हाल के दिनों की यह इकलौती घटना है। जो बाइडन ने कोरोना महामारी के दौरान जेल से रिहा कर घर में नजरबंद किए गए लगभग 1,500 कैदियों की सजा कम कर दी और अहिंसक अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए 39 अमेरिकियों को माफी प्रदान की। आधुनिक इतिहास में एक दिन में की गई यह सबसे बड़ी क्षमादान कार्रवाई है। बाइडेन ने गुरुवार को सजा कम करने की घोषणा की। यह आदेश उन लोगों पर लागू होगा, जिन्होंने रिहा होने के बाद कम से कम एक साल तक घर में नजरबंद रहने की सजा काटी है। एसोसिएटेड प्रेस के पास मौजूद आंकड़ों के अनुसार, जेल में वायरस फैलने का खतरा बहुत ज्यादा था और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कुछ कैदियों को रिहा कर उन्हें घर में नजरबंद रखा गया था। एक समय ऐसा था जब पांच में से एक कैदी को कोरोनावायरस था। बाइडन ने कहा कि वह आने वाले सप्ताह में और कदम उठाएंगे तथा क्षमादान याचिकाओं की समीक्षा करना जारी रखेंगे। बाइडेन ने एक बयान में कहा, “अमेरिका का निर्माण संभावना और दूसरा अवसर देने पर आधारित है। राष्ट्रपति के रूप में मुझे उन लोगों पर दया दिखाने का सौभाग्य मिला है, जिन्होंने पश्चाताप और पुनर्वास की क्षमता दिखाई है। अमेरिका ने अहिंसक अपराधियों, विशेष रूप से नशीले पदार्थों से जुड़े अपराधों के दोषियों के लिए सजा में असमानताओं को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं।’’ ‘मदद चाहिए तो वो अमेरिका का हिस्सा बन जाएं…’, कनाडा-मैक्सिको को सब्सिडी देने पर बोले डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आज मैं उन 39 लोगों को क्षमा कर रहा हूं, जिन्होंने पुनर्वास किया और अपने समुदायों को मजबूत और सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। मैं लगभग 1,500 लोगों की सजा भी कम कर रहा हूं जो लंबी जेल की सजा काट रहे हैं और जिनमें से कई को आज के कानूनों, नीतियों और प्रथाओं के तहत आरोप लगाए जाने पर कम सजा मिलेगी।’’ सजा माफी मिले भारतीय-अमेरिकियों की बात की जाये तो दिसंबर 2012 में डॉ. मीरा सचदेव को मिसिसिपी के एक कैंसर सेंटर में धोखाधड़ी करने के जुर्म में 20 साल की सजा सुनाई गई थी और उन्हें करीब 82 लाख अमेरिकी डॉलर वापस करने का आदेश दिया गया था। अब वह 63 वर्ष की हैं। बाबूभाई पटेल को 2013 में स्वास्थ्य सेवा में धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के लिए 17 साल की सजा सुनाई गई थी। कृष्णा मोटे (54) को 2013 में नशीले पदार्थ से संबंधित मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वहीं, 63 वर्षीय विक्रम दत्ता को जनवरी 2012 में मैनहट्टन संघीय अदालत में 235 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी, क्योंकि उन्हें मैक्सिकन नशीले पदार्थों के संगठन के लिए अपने इत्र वितरण व्यवसाय के उपयोग से लाखों डॉलर की हेराफेरी करने की साजिश के आरोप में दोषी पाया गया था। पढ़ें- पैदा होते ही US की नागरिकता मिलने का अधिकार खत्म करेंगे ट्रंप, अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकालने का है प्लान (इनपुट-पीटीआई/भाषा) None
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