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अंधेरे में डूबा ईरान, शॉपिंग मॉल और ऑफिस भी बंद, बिजली संकट के बाद ऑनलाइन चल रहे स्कूल

ईरान इन दिनों गंभीर ऊर्जा संकट से जूझ रहा है। जिसके चलते ईरान में सरकारी ऑफिस या तो बंद हैं या काम के घंटे कम कर दिए गए हैं, साथ ही स्कूल और कॉलेज केवल ऑनलाइन ही चल रहे हैं। यह पावर क्राइसिस इतना भयंकर है कि नेशनल हाईवे और शॉपिंग मॉल अंधेरे में डूब गए हैं और इंडस्ट्रियल प्लांट्स को बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है, जिससे मैन्यूफैक्चरिंग लगभग ठप हो गयी है। न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने इस महीने राष्ट्र के नाम लाइव टेलीविज़न संबोधन में कहा, “हम गैस, बिजली, ऊर्जा, पानी, पैसे और पर्यावरण में बहुत गंभीर असंतुलन का सामना कर रहे हैं। यह उस स्तर पर है जो जल्द ही संकट में बदल सकता है।” पेजेशकियन ने कहा, “हमें लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए कि हम ऐसी स्थिति में हैं, जहां उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।” ईरान के पास दुनिया में प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल का सबसे बड़ा भंडार है फिर भी वह बड़े ऊर्जा संकट से गुजर रहा है, जिसका कारण सालों से लगे प्रतिबंध, कुप्रबंधन, पुराने बुनियादी ढांचे, व्यर्थ उपभोग और इजरायल द्वारा किए जा रहे हमले हैं। अधिकारियों ने कहा है कि देश को चलाने के लिए गैस की मात्रा में कमी लगभग 350 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रतिदिन है, और जैसे-जैसे तापमान गिरता गया और मांग बढ़ती गई। ऐसे में अधिकारियों को गैस की राशनिंग के लिए ये कड़े उपाय करने पड़े। सरकार के सामने दो कठिन विकल्प थे या तो उसे घरों में गैस सेवा बंद करनी थी या बिजली उत्पादन करने वाले बिजली संयंत्रों की आपूर्ति बंद करनी थी। अल-असद के पतन के बाद सीरिया में हुए क्या बदलाव, HTS का कैसा रहा रोल? ऐसे में सरकार ने दूसरा विकल्प चुना क्योंकि आवासीय इकाइयों में गैस बंद करने से गंभीर सुरक्षा खतरे पैदा हो सकते थे और अधिकांश ईरानियों के लिए ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत बंद हो जाता। शुक्रवार तक 17 विद्युत संयंत्र पूरी तरह से बंद कर दिए गए थे और शेष केवल आंशिक रूप से चालू थे। राज्य की बिजली कंपनी तवानिर ने स्टील से लेकर कांच, खाद्य उत्पादों से लेकर दवा तक हर चीज़ के उत्पादकों को चेतावनी दी गयी है कि उन्हें व्यापक बिजली कटौती के लिए तैयार रहना होगा जो कई दिनों या हफ़्तों तक चल सकती है। उन्होंने अनुमान लगाया कि सिर्फ़ पिछले हफ़्ते के नुकसान से ईरान में मैन्यूफैक्चरिंग कम से कम 30 से 50 प्रतिशत तक कम हो सकता है और नुकसान की राशि दसियों अरब डॉलर हो सकती है। देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें का LIVE ब्लॉग None

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