आगरा: चलते-चलते लड़खड़ाकर गिर जाना या चक्कर आने की समस्या कान की बीमारी के कारण भी हो सकती है. इसमें अगर लापरवाही की गई तो सुनने की क्षमता प्रभावित होने के साथ बहरेपन की भी समस्या हो सकती है. न्यूरोलॉजी डिसऑर्डर, डायबिटीज और हृदय रोग के अलावा इस समम्या का सबसे बड़ा कारण (50-60 फीसदी) कान की समस्या है. फतेहाबाद रोड स्थित होटल जेपी में आयोजित तीन दिवसीय आईसोकॉन (इंडियन सोसायटी ऑफ ऑटोलॉजी) की 32वीं राष्ट्रीय वार्षिक कार्यशाला में कलकत्ता के डॉ. अनिरबन विस्वास ने बताया कि शरीर को संतुलित रखने और सुनने के यंत्र (नसें) दोनों पास-पास होते हैं. किसी एक में समस्या आने पर दूसरे में भी समस्या होने की सम्भावना बढ़ जाती है. 95 फीसदी मामलों में गलत इलाज किया जाता है जिससे समस्या ठीक होने के बजाय जीवन भर की परेशानी बन सकती है. चलने पर चक्कर या लड़खड़ाहट की समस्या है तो कान की जांच कराइये डॉ. विस्वास ने बताया कि 50-60 वर्ष की उम्र के बाद लगभग 60 फीसदी लोगों में शरीर को संतुलित रखने की समस्या हो सकती है. हालांकि, आजकल गलत जीवनशैली और स्ट्रेस के कारण 30 वर्ष की उम्र में भी इस तरह की परेशानी देखी जा रही है. शरीर में असंतुलन बढ़ने से व्यक्ति में असुरक्षा की भावना पैदा होने लगती है. सामान्यतः इलाज के नाम पर रोग को दबाने का काम किया जा रहा है जिससे व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, एंजायटी और डिप्रेशन की समस्या भी होने लगती है. कुछ मामलों में सिर्फ व्यायाम से ही समस्या ठीक हो सकती है ऐसे केस में भी दवाइयों का सेवन कराया जाता है. 50 की उम्र के बाद लोगों को फॉल प्रिवेंशन एक्सरसाइज अवश्य करनी चाहिए. सर्दी जुकाम को ना लें हल्के में जयपुर से आए डॉ. ऋषभ जैन ने कहा कि सर्दी जुकाम में लापरवाही (सडन सेंसरी न्यूजल हेयरिंग लॉस) अचानक सुनने की क्षमता को कम कर रही है. कोविड के बाद ऐसे मामले दोगुने हो गए हैं जिसका कारण वायरल इंफेक्शन या किसी तरह का ब्लड डिसआर्डर हो सकता है. कान में ब्लड सप्लाई की जटिल क्रिया में व्यवधान होने से सुनने की ऑडिटरी नस डेमेज हो जाती है. इससे सोते-सोते अचानक सुनना बंद हो जाता है. सर्दी-जुकाम होने पर अचानक सुनने की क्षमता में कमी या कानों में सीटी जैसा बजना या बिल्कुल सुनाई देना बंद हो जाएं तो तुरन्त कान विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए. यह बिल्कुल लकवा जैसी स्थिति है. प्रारम्भिक 24 घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं इलाज के लिए. सात दिन के बाद इस समस्या के इलाज की सम्भावना कम हो जाती है. टॉकिंग्स ग्लब्स बनेंगे मूक लोगों की आवाज, भारत ने कराया पेटेंट किसी बीमारी के कारण यदि आप अपनी आवाज खो बैठे हैं (आपके गले से वॉयस ब़ॉक्स निकाला जा चुका है) तो अब टाकिंग ग्लब्ज आपकी आवाज बनेंगे. खास बात यह है कि यह मेड इन इंडिया है, जिसे पेटेंट करा लिया गया है. एम्स जोधपुर के डॉ. अमित गोयल द्वारा बनाए गए टॉकिंग ग्लब्स पहनकर कम्प्यूटर पर अंगुलियां चलाने की क्रिया की तरह आप अपनी बात को आवाज के साथ लोगों के सामने रख पाएंगे. डॉ. अमित ने बताया कि डिवाइस के लिए पेटेंट ग्रांट हो चुका है. टॉकिंग ग्लब्स हर भाषा में बोलने में सक्षम होंगे. सिर्फ इसके प्रयोग के लिए दो महीने की ट्रेनिंग लेनी होगी. डॉ. अमित ने बताया कि वह सरकार की ओर से सर्जीकल डिवाइस बनाने वाले डॉक्टरों और शोधार्थियों को डिवाइस को पेटेंट कराने से लेकर मार्केट में लाने तक की भी ट्रेनिंग में सरकार की मदद से जगह-जगह दे रहे हैं. बताया कि पिछले 10 वर्षों में बहुत से उपकरण है जिन्हें पहले आयात किया जाता था और अब हम उन्हें एक्सपोर्ट कर रहे हैं. चिकित्सा क्षेत्र में मेड इन इंडिया तेजी से छा रहा है. 10 नवम्बर को होगा समापन फतेहाबाद रोड स्थित होटल जेपी में आयोजित तीन दिवसीय आईसोकॉन (इंडियन सोसायटी ऑफ ऑटोलॉजी) की 32वीं राष्ट्रीय वार्षिक कार्यशाला में बीते दिन 70 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए. आयोजन सचिव डॉ. राजीव पचौरी ने बताया कि कार्यशाला में 300 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए जा रहे हैं. कार्यशाला में कनाडा, यूए, श्रीलंका, दुबई, इटली, बंग्लादेश सहित देश-विदेश के 1,200 से अधिक विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं, जिसमें कान की बीमारियों और उनके इलाज पर मंथन किया जा रहा है. 10 नवम्बर को दोपहर 12 बजे कार्यशाला का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा. Tags: Local18 कितने तरह के होते हैं वेटिंग टिकट, GNWL से लेकर PQWL तक, कौन-सी टिकट पहले होती कंफर्म धधकती आग के शोलों में तैयार होता है यह फेमस फूड, महंगे लजीज व्यंजन भी इसके आगे लगते हैं फीके, खाने के बाद कहेंगे वाह! महाकाल की भस्म आरती: आज बिलपत्र, कमल और गुलाब के फूलों की माला से सजे उज्जैन के राजा, देखें PHOTOS Krishi Yantrikaran Mela: गया में कृषि यांत्रिकरण मेले का होगा आयोजन, 110 प्रकार के यंत्रों पर मिलेगा अनुदान सिर्फ एक टेस्ट और हो गई दोस्ती, प्रपोज करने में लगे 3 साल, 'विलेन' की हीरोइन संग ऐसे हुई शादी, आए 1.5 लाख लोग Animal husbandary: सर्दियां शुरू होने से पहले पशु पालक करें ये काम,पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए खिला दें ये दवाई ठंड में सर्दी और खांसी से हैं परेशान तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, दूर होगी समस्या पहले आओ पहले पाओः बिहार में झोपड़ी में होगा मशरूम का उत्पादन, किसानों को मिलेगी सब्सिडी Winter skin care tips: सर्दियों में त्वचा रहेगी मक्खन सी मुलायम, अपनाएं ये घरेलू स्किन केयर उपाय None
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November 13, 2024What’s New
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