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वाराणसी में पत्नी और 3 बच्चों की गोली मारकर हत्या, पति की भी मिली लाश, 27 साल पहले भी हुई थी ऐसी ही वारदात, क्या है वजह

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में अपनी पत्नी और तीन बच्चों की कथित तौर पर हत्या करने वाले व्यक्ति का शव मंगलवार को रोहनिया थाने के सदरपुर गांव में मिला। पुलिस ने बताया कि भेलूपुर थाने के भैदैनी क्षेत्र में राजेंद्र गुप्ता नामक शख्स ने अपनी पत्नी नीतू (45), बेटे नवनेंद्र (25) और सुबेंद्र (15) तथा बेटी गौरांगी (16) की सोमवार देर रात कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी। रोहनिया के अपर पुलिस आयुक्त संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि भैदैनी में एक महिला और उसके तीन बच्चों के शव मिलने के बाद हत्या के आरोपी पति की लाश मंगलवार शाम रोहनिया थाने के सदरपुर गांव से बरामद की गई। शर्मा के मुताबिक, शराब कारोबारी राजेंद्र की मौत गोली लगने से हुई, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उसने खुद को गोली मारकर खुदकुशी की या किसी और ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, 1977 में यानी 27 साल पहले शख्स ने पिता, उनके गार्ड, छोटे भाई कुष्णा और उसकी पत्नी की हत्या की थी। इसके बाद कई साल वह जेल में रहा, फिर मां की उसके पक्ष में गवाही के बाद वह पेरोल मिलने पर वह जेल से बाहर आया था। लोगों का कहना है कि हर गोली की आवाज को लोगों ने पटाखा समझा था। शख्स ने पहले पत्नी के सिर में गोली मारी फिर बेटे की छाती में और बेटी को भी नहीं छोड़ा। छोटा बेटा भागकर किचन में गया मगर वह वहां भी पहुंच गया औऱ उसे भी मौत के घाट उतार दिया। हत्या की वजह घर से मिलने वाला लाखों का किराया माना जा रहा है, प्रॉपर्टी के चक्कर में शख्स ने 8 लोगों की हत्या कर दी। कथित तौर पर फिर उसने आत्महत्या कर दी। पुलिस ने कहा था कि पत्नी और बच्चों की हत्या के बाद गुप्ता घटनास्थल से फरार हो गया था। उसने बताया था कि गुप्ता के मकान में रहने वाले किरायेदारों ने पुलिस को मंगलवार दोपहर वारदात की सूचना दी, जिसके बाद अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस उपायुक्त (काशी जोन) गौरव बंदसवाल ने बताया कि भेलूपुर थाने को सूचना मिली कि एक महिला और उसके तीन बच्चों की हत्या कर दी गई है तथा मृतका का पति राजेंद्र फरार है, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और राजेंद्र की मां से पूछताछ की। बंदसवाल के अनुसार, राजेंद्र की मां ने बताया कि पारिवारिक कलह के कारण उसके बेटे और बहू के बीच रोजाना झगड़ा होता था। पुलिस उपायुक्त ने कहा था कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि राजेंद्र ने ही चारों हत्या की है और वह वारदात के बाद से फरार है। बंदसवाल के मुताबिक, राजेंद्र 1997 से हत्या के एक मुकदमे का सामना कर रहा था और वह जमानत पर जेल से बाहर था। None

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