HINDI

मुस्लिम देश में मिली 7000 साल पुरानी मूर्ति, क्या एलियन से है संबंध.. या कुछ और मामला?

Kuwait statue discovery: मौत.. पुनर्जन्म और आस्था के सवालों पर प्राचीन सभ्यताओं ने हमेशा गहरी छानबीन की है. यहां तक कि अरब के समाजों में भी धार्मिक विचार और आस्थाएं गहरे थे और इन आस्थाओं का प्रमाण हमें आज भी कई प्राचीन खोजों के रूप में मिलता है. इसी कड़ी में कुवैत में एक ऐसी अद्भुत खोज हुई है, जिसने न केवल इतिहासकारों को चौंका दिया, बल्कि पूरे क्षेत्र की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धारा को फिर से जीवित कर दिया है. अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या बढ़ता है. कुवैत में मिली एलियन जैसी मूर्ति असल में कुवैत के उत्तरी हिस्से में स्थित बहरा-1 स्थान पर एक अनोखी मूर्ति मिली है, जो लगभग 7,000 साल पुरानी बताई जा रही है. यह मूर्ति मिट्टी से बनी है और उसकी आकृति कुछ इस तरह से है, जैसे वह किसी एलियन से मिलती-जुलती हो. इस मूर्ति की खोज ने पुरातत्वविदों के बीच हलचल मचा दी है, क्योंकि यह प्राचीन मेसोपोटामिया सभ्यता से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खोज है. यह मूर्ति कुवैत और अरब की खाड़ी क्षेत्र में अपनी तरह की पहली मूर्ति है. मेसोपोटामिया की कला शैली लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मूर्ति उबैद संस्कृति से संबंधित है, जो मेसोपोटामिया क्षेत्र से आई थी. उबैद लोग छठी सहस्राब्दी ईसा पूर्व में अरब की खाड़ी के देशों में पहुंचे थे, और उन्होंने यहां के स्थानीय नवपाषाण समाजों के साथ घुलमिलकर अपनी संस्कृति का प्रभाव डाला था. इस मूर्ति की बनावट मेसोपोटामिया की पारंपरिक कला शैली से मेल खाती है, जो इसे और भी अधिक ऐतिहासिक महत्व प्रदान करती है. धार्मिक आस्थाएं और सांस्कृतिक आदान-प्रदान यह मूर्ति यह भी संकेत देती है कि इस्लाम के आने से पहले कुवैत और आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न धार्मिक आस्थाएं और सांस्कृतिक आदान-प्रदान होते थे. उबैद समाज के लोग यहां के अन्य प्राचीन सभ्यताओं के साथ संपर्क में थे, और इस क्षेत्र में कला और धार्मिक अनुष्ठानों का गहरा असर था. इस मूर्ति की खुदाई से यह स्पष्ट होता है कि कुवैत का यह हिस्सा प्राचीन सांस्कृतिक आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण केंद्र था. बहरा-1 की ऐतिहासिक महत्वता यह एक प्रागैतिहासिक स्थल है, अरब प्रायद्वीप की सबसे पुरानी बस्तियों में से एक मानी जाती है. यहां तकरीबन 5500 से 4900 ईसा पूर्व तक लोग बसे थे. यह स्थल विशेष रूप से उबैद संस्कृति से जुड़ा हुआ है, जो अपनी विशिष्ट मिट्टी के बर्तनों और मूर्तियों के लिए जानी जाती थी. इन मूर्तियों में एलियन जैसी आकृतियों को शामिल किया गया था, जो इस संस्कृति की विशेषता रही है. आध्यात्मिक और सामाजिक अध्ययन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बेल्जियम के गेन्ट विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद्, ऑरेली डेम्स का मानना है कि इस मूर्ति से हमें उस समय के धार्मिक अनुष्ठानों और सामाजिक प्रथाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है. साथ ही, यह मूर्ति प्राचीन मेसोपोटामिया और खाड़ी क्षेत्र के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को उजागर करेगी. मूर्ति के सिर पर किए जा रहे विशेषज्ञों के अध्ययन से यह भी पता चलेगा कि उबैद समाज की सामाजिक संरचना और धार्मिक विश्वासों में किस प्रकार की प्रक्रिया चल रही थी. अभी और भी रहस्य खुलने बाकी हैं इस खोज ने न केवल पुरातत्वविदों बल्कि धर्म और इतिहास के शोधकर्ताओं को भी आश्चर्यचकित कर दिया है. आने वाले समय में और अधिक खुदाई और शोध से हमें इस क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक धारा के बारे में और अधिक जानकारी मिल सकती है. कुवैत की इस महत्वपूर्ण खोज ने यह सिद्ध कर दिया है कि प्राचीन सभ्यताओं का अध्ययन हमें न केवल उनके इतिहास के बारे में समझने में मदद करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि हम किस प्रकार से समय और इतिहास के जाल में उलझे हुए हैं. None

About Us

Get our latest news in multiple languages with just one click. We are using highly optimized algorithms to bring you hoax-free news from various sources in India.