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धोनी खिलाड़ियों को टीम मीटिंग में नहीं टॉयलेट में डांटते हैं! दीपक चाहर को लेकर सवाल पर बताया क्यों करते हैं ऐसा

अनुभवी भारतीय गेंदबाज मोहित शर्मा ने हाल ही में बताया कि कैसे चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार अपना आपा खो दिया था, जब इंडियन प्रीमियर लीग के 2019 सत्र के एक मैच के दौरान दीपक चाहर ने उनकी सलाह नहीं मानी थी। धोनी ने चाहर से नकल बॉल नहीं करने को कहा था, लेकिन तेज गेंदबाज उनकी बात नहीं माना। दीपक चाहर ने कई बार धोनी की डांट के किस्से सुनाए हैं। अब एक कार्यक्रम के दौरान धोनी ने चाहर को क्यों डांटा था इसके बारे में बताया है। धोनी ने यह भी बताया कि वह टीम मीटिंग में खिलाड़ियों को नहीं डांटते। वो टॉयलेट या ऐसी जगह पर खिलाड़ी को डांटते हैं, जहां कोई और न हो। इसका कारण भी उन्होंने बताया। धोनी ने बताया, ” अब दीपक ने अपना मुंह खोल ही दिया है तो मैं भी खोल ही देता हूं। काफी साल पहले की बात है। वो हमारे लिए शानदार क्रिकेटर रहे हैं, जहां भी हमारे साथ खेला उन्होंने अच्छा किया है। उसका हमेशा मेरा से कंपलेन था। माही भाई आप यार मुझे डेथ में बॉलिंग नहीं कराते हो। मैं बोला यार 4 ओवर तू ऊपर में इतना अच्छा डाल दे रहा है विकेट ले रहा है, तो तुझे डेथ में क्यों बॉलिंग करनी है। जो भी उसके दिमाग में हो। 4 ओवर डालता था। 90 प्रतिशत बार 4 ओवर करता था, लेकिन डेथ ओवर में नहीं। हम किसी और का इस्तेमाल करते थे।” धोनी ने आगे बताया ऐसा ही कुछ-कुछ हुआ और बॉलिंग हो रही थी। उसे पसीने बहुत होता है। पसीना बहुत होता है का मतलब है कि खड़ा भी होता है तो पानी ही है। तो वो बॉलिंग पर था, उसे बहुत शौक होता है वैरिएशन का। वो चालाक है। उसे पता है वो क्या कर रहा है। मैंने उससे यही बोला कि भाई नकल बॉल मत डालना। नकल बॉल बहुत कठिन है। अगर आपको पसीना हो रहा है तो फ्रिक्शन नहीं होगा, तो आप उस समय कैसे वह गेंद करेंगे। लेकिन वह सबकुछ जानता है। उसे तो ट्राई करना था। हमारी जो दाढ़ी-वाढ़ी सफेद की हुई है उसको लगता है धूप से हुई है। उसने कोशिश की और नोबॉल वगैरह हो गया। मैं गया उसके पास और मैं वो बातें नहीं बता सकता कि मैंने उससे क्या कहा। मैंने उसे सिंपल चीज बोली यार मुझे तेरे तरकश के सारे तीर थोड़े देखने हैं। मुझे पता है तू क्या करता है। तेरे पास वैरिएशन कैसा है। मैं सबकुछ जानता हूं। तू परिस्थिति के हिसाब से गेंद कर। जो टीम को चाहिए उसके हिसाब से डाल न। तरकश के तीर तो मैं देख लूंगा, जब मन होगा तब।” VIDEO: जब धोनी को स्टंपिंग के नियम-कायदे समझाने लगीं साक्षी, बोलीं- तुमको कुछ नहीं पता चाहर ने बताया था कि धोनी ने उनसे कहा था कि गलत तू नहीं है, गलत मैं हूं, जो तूझसे उम्मीद करता हूं। इसे लेकर धोनी ने कहा, ” ये तो फैक्ट है। इतने मजबूरी के बाद, इतना सोचने के बाद मैंने बोला कि ये मत डालना। उसके बाद भी उसने वही डाला। शायद उसके पास और ऑप्शन थे, जो वह ट्राई कर सकता था। मैंने तो एक ही चीज बोला था कि ठीक है ये जो 50 लॉलीपॉप हैं न ये जो फ्लेवर है मुझे दे दे। उसके वही एक फ्लेवर चाहिए बाकी 49 नहीं चाहिए। लेकिन अंत में वो समझा। महत्वपूर्ण बात यह है कि हम सब गलती करते हैं, लेकिन हम उस गलती से क्या सीखते हैं वो अहम चीज है। दो गलतियां जो सेम होती हैं उसके बीच का अंतर जितना ज्यादा होगा उतना अच्छा आप क्रिकेटर हो चाहे आप बॉलर हो चाहे आप बैट्समैन हो। धोनी ने बताया कि क्यों वे किसी खिलाड़ी को सबके सामने नहीं डांटते। क्यों उनकी डांट खिलाड़ियों को बुरी नहीं लगती। धोनी ने कहा, ” कैसे लोगों को बताया जाए कि उन्होंने गलती की है, मुझे लगता है कि किसी को नीचा नहीं दिखाना चाहिए। बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आपका उस आदमी के साथ संबंध कैसा है। आप कुछ ऐसा कहना चाहते हैं जिससे उस इंसान का फायदा हो। एक चीज जो मैंने क्रिकेट टीम या एक हिंदुस्तानी के तौर पर गौर किया है कि अगर बोर्ड रूम में किसी को बोल दो न उनको बहुत खराब लग जाता है। लेकिन सोचिए अगर आप और वो टॉयलेट में होते हैं आप दो-चार ग्रामर के साथ भी कुछ बोल दो न तो बुरा नहीं लगता। जब आप सबके सामने कुछ बोलते हो तो लगता है कि अच्छा मुझे ऐसा बोल दिया। अरे क्या बोला? वो ये नहीं सुनता कि आपने क्या कहा? मुझे खराब लग गया। सबके सामने बोल दिया। अगर आप इंसान को जानते हैं तो आपको पता होता है कि उसके साथ कैसे काम करना है और उससे बेहतर परिणाम हासिल करना है। अगर आप नेतृत्व कर रहे हैं तो उनके लेवल में आप सुधार चाहते हैं, लेकिन उनसे बेहतर परिणाम चाहते हैं। None

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