NATIONAL

‘जब मान्यवर कांशीराम ने ऑफर…’, संन्यास और राष्ट्रपति बनाए जाने की अटकलों पर मायावती ने दिया जवाब

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने बड़ा बयान दिया है। मायावती ने अपने संन्यास और राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाहों पर जवाब दिया है। उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा कि पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गयी, जबकि मान्यवर श्री कांशीराम जी ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से संन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था। मायावती ने कहा कि अगर कांशीराम ने ऑफर ठुकरा दिया तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव है? मायावती ने कहा, “बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवां को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल है। सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। जबसे पार्टी ने श्री आकाश आनंद को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात में उसे बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है, तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है, जिससे लोग सावधान रहें।” इसके अलावा सोमवार सुबह मायावती ने सपा-कांग्रेस पर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि सपा, जिसने 2 जून 1995 में बीएसपी द्वारा समर्थन वापसी पर मुझ पर जानलेवा हमला कराया था, तो इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है? जबकि उस दौरान केंद्र में रही कांग्रेसी सरकार ने भी समय से अपना दायित्व नहीं निभाया था।” J&K BJP Candidate List 2024: जम्मू कश्मीर के लिए बीजेपी ने पहली लिस्ट को लिया वापस, पार्टी ने 44 उम्मीदवारों के नाम किए थे घोषित मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उस समय केंद्र की कांग्रेस सरकार की भी नीयत खराब हो चुकी थी, जो कुछ भी अनहोनी के बाद यहां यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर, पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी। हालांकि इनके इस साजिश को बीएसपी ने फेल कर दिया था। मायावती ने कहा, “उस समय सपा के आपराधिक तत्वों से बीजेपी सहित समूचे विपक्ष ने मानवता व इंसानियत के नाते मुझे बचाने में जो अपना दायित्व निभाया है, तो इससे कांग्रेस को बीच-बीच मे तकलीफ क्यों होती रहती है? लोग सचेत रहें। इसके इलावा बीएसपी वर्षों से जातीय जनगणना के लिए पहले केंद्र में कांग्रेस और अब बीजेपी पर भी अपना पूरा दबाव बना रही है, जिसकी पार्टी वर्षों से इसकी पक्षधर रही है और अभी भी है।” None

About Us

Get our latest news in multiple languages with just one click. We are using highly optimized algorithms to bring you hoax-free news from various sources in India.