NEWS

'सभी शिक्षक का जेंडर चेंज करा के शिक्षिका बना दीजिए', बिहारी टीचर्स ने क्यों रखी ऐसी मांग

मुजफ्फरपुर. बिहार के शिक्षा विभाग ने नई ट्रांसफर-पोस्टिंग नीति जारी की है, जिसमें हर पांच साल बाद शिक्षकों का अनिवार्य रूप से ट्रांसफर करने का प्रावधान जोड़ा गया है. इस नीति के खिलाफ राज्य के कई शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है. मुजफ्फरपुर के परिवर्तनकारी शिक्षक संघ की ओर से भी शिक्षकों ने इस नीति का पूरी तरह से विरोध किया है. शिक्षक संजीव कुमार ने लोकल 18 को बताया कि शिक्षा एक ऐसी चीज है जिसमें शिक्षक जब तक फ्री माइंड नहीं रहेंगे, वे बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं दे सकते. अगर उन्हें घर से दूर भेज दिया जाएगा, तो उन पर घर का प्रेशर भी रहेगा, क्योंकि घर पर माता-पिता और बच्चे होते हैं. खासकर जब माता-पिता वृद्ध हो चुके हैं, तो उनकी चिंता बनी रहती है. उन्होंने कहा कि दूर भेजे जाने पर शिक्षकों को रहने में भी मुश्किलें होंगी, जैसे अभी बीपीएससी से आए शिक्षक गांवों में डर के माहौल में रह रहे हैं. उन्होंने अपनी आपबीती बताते हुए कहा, “मेरे पिताजी की उम्र 60 से ज्यादा है और उनके हाथ में घाव हो गया था. मैं किसी कारणवश बाहर था, जब गांव आया तो माँ ने बताया कि पिताजी रात में रो रहे थे. उन्होंने कहा कि अब जब वे कुछ कर सकते हैं, तब हम साथ नहीं रहते, और जब वे ज्यादा बूढ़े हो जाएंगे, तो कौन उनका ख्याल रखेगा.” शिक्षक संघ के नेता बंशीधर बृजवशी ने इस नीति का विरोध करते हुए कहा कि “हिंदुस्तान में लिंग आधारित कोई कानून नहीं बनाया जा सकता. संविधान इसकी इजाज़त नहीं देता. आप महिलाओं को घर के पास और पुरुषों को दूर भेजना चाहते हैं, ये गलत है. अगर किसी को अपने परिवार के साथ रहना है, तो आप कैसे कह सकते हैं कि हम ऐसा नहीं होने देंगे?” उन्होंने यह भी कहा कि 1995 में भी एक बार ऐसी नीति लागू की गई थी, जिसने बिहार के हाई स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया था, और अब फिर वही स्थिति पैदा हो रही है. शिक्षक लखन लाल ने भी इस नीति की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि “सरकार नहीं चाहती कि शिक्षा व्यवस्था सुधरे. यह नीति पूरी तरह से विफल है और इसे लागू करने से शिक्षा व्यवस्था बर्बाद हो जाएगी. सरकार शिक्षकों को डिस्टर्ब रखना चाहती है, ताकि शिक्षा बाधित हो.” उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में मॉर्निंग स्कूल के दौरान एक शिक्षक की हत्या हो गई थी, और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति हो सकती है. शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह नीति शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए समस्याएं खड़ी करेगी और शिक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाएगी. Tags: Bihar News , Local18 , Muzaffarpur news भेड़ पालन बना गांव-देहात की तरक्की का जरिया, बिहार के किसान की चमकी किस्मत, अब हर साल लाखों में कमाई Shardiya Navratri 2024: आरा के इस गांव में है सती माता का अनूठा मंदिर, जहां माता रानी स्वयं करती है युवाओं रक्षा Farrukhabad News: यहां की पाव भाजी का स्वाद है सबसे लाजवाब, बड़े-बड़े रेस्टोरेंट वाले हो जाएंगे फेल, जानें रेसिपी Seasonal fruit: पानी में उगने वाला ये मौसमी फल है कमाल, वजन घटाने से ब्लड शुगर तक करेगा मेंटेन; ढेरों हैं फायदे Farrukhabad News: स्वाद और सेहत का तगड़ा खजाना है ये मिठाई, शुद्ध देशी घी में होती है तैयार, जानें रेसिपी महाकाल की भस्म आरती: आज देवी रूप में सजे उज्जैन के राजा, शक्ति स्वरूप में दिए भक्तों को दर्शन, देखें सुंदर तस्वीरें 'मुझे भी यही स्टारडम चाहिए', राजेश खन्ना जैसा सुपरस्टार बनना चाहता था एक्टर, डेब्यू फिल्म से मचा दिया था तहलका कभी चूहों संग सोने को मजबूर थे अमिताभ बच्चन, नहीं था रहने का ठौर-ठिकाना, आज 1600 करोड़ के हैं मालिक पाकिस्तान से ऐसी क्या दुश्मनी, 4 टेस्ट मैच में ठोके 785 रन, 3 शतक और 1 ट्रिपल सेंचुरी None

About Us

Get our latest news in multiple languages with just one click. We are using highly optimized algorithms to bring you hoax-free news from various sources in India.