मुंबई: महाराष्ट्र चुनाव से पहले शिंदे सरकार ने एक और फैसला लिया है. महाराष्ट्र में मुसलमानों को दिवाली का तोहफा देकर बड़ा सियासी कदम उठाया है. मदरसा में पढ़ाने वाले टीचरों की सैलरी बढ़ा दी गई है. महाराष्ट्र सरकार के फैसले के मुताबिक, नॉर्मल टीचर की सैलरी 6 हजार से 16 हजार की गई है, जबकि B.Ed वाले टीचर की सैलरी 8 से 18 हजार की गई. दरअसल, महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुआई वाली महायुती सरकार ने मुस्लिम अल्पसंख्यकों और पिछड़े समुदायों को लुभाने के लिए कई सारे कदम उठाए हैं. माना जा रहा है कि ये फैसले अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर लिए गए हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मदरसा टीचरों के वेतन और मौलाना आजाद फाइनेंशियल कॉरपोरेशन की वर्किंग कैपिटल को बढ़ाने का फैसला लिया गया. डीएड की डिग्री वाले प्राइमरी टीचर्स की सैलरी लगभग तीन गुना बढ़ाकर 16 हजार रुपए कर दी गई है. अभी उन्हें 6 हजार रुपए मिलते थे. वहीं बीएड वाले सेकेंडरी स्कूल टीचर्स को अब 18 हजार रुपए मिलेंगे. उन्हें अभी तक 8 हजार रुपए मिलते थे. जाकिर हुसैन मदरसा मॉडर्नाइजेशन स्कीम के तहत राज्य सरकार ने मदरसों को धार्मिक पढ़ाई के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा देने के लिए भी कहा है. इसके तहत मदरसों में विज्ञान, गणित, समाजशास्त्र, अंग्रेजी, मराठी, हिंदी और उर्दू पढ़ाए जाने का प्रस्ताव है. राज्य के अल्पसंख्यक मंत्रालय ने मौलाना आजाद फाइनेंशियल कॉरपोरेशन की वर्किंग कैपिटल को 600 करोड़ से बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव दिया है. इसका इस्तेमाल अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को अलग-अलग कामों के लिए लोन देने के लिए किया जाएगा. एकनाथ शिंदे की कैबिनेट ने कई समुदायों के लिए कल्याणकारी सहकारी बोर्ड बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. सरकार ने आदिवासी कल्याण बोर्डों के लिए निवेश पूंजी बढ़ा दी है. राज्य सरकार ने शिम्पी, गवली, लाड शाक्य-वानी, लोहार और नाम पंथ समुदाय बोर्डों के लिए सहकारी बोर्ड स्थापित करने की घोषणा की. प्रत्येक सहकारी बोर्ड को विभिन्न सामाजिक और सामुदायिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए निवेश पूंजी के रूप में 50 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. एक अन्य बड़े फैसले में महाराष्ट्र कैबिनेट ने केंद्र सरकार से ‘नॉन-क्रीमी लेयर’ के लिए आय सीमा को मौजूदा 8 लाख रुपए प्रति वर्ष से बढ़ाकर 15 लाख रुपए प्रति वर्ष करने का अनुरोध करने का फैसला किया. अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण लाभ लेने के लिए नॉन-क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र की जरूरत होती है. इसका मतलब है कि व्यक्ति की पारिवारिक आय निर्धारित सीमा से कम है. Tags: Maharashtra News , Mumbai News रबी की फसल की बुवाई से पहले करें बीज उपचार, फंगस-कीट का हमला भी होगा फेल, पैदावार साथ कमाई में होगा इजाफा Rampur News: नवरात्रि व्रत में श्रद्धालु अपनाएं ये झटपट बनने वाले पौष्टिक आहार, माता रानी हो जाएंगी प्रसन्न Gaya News: गया के किसान मधुमक्खी पालन से फेर रहे मुंह, जानें इस व्यवसाय से दूर होने की वजह भेड़ पालन बना गांव-देहात की तरक्की का जरिया, बिहार के किसान की चमकी किस्मत, अब हर साल लाखों में कमाई Shardiya Navratri 2024: आरा के इस गांव में है सती माता का अनूठा मंदिर, जहां माता रानी स्वयं करती है युवाओं रक्षा Farrukhabad News: यहां की पाव भाजी का स्वाद है सबसे लाजवाब, बड़े-बड़े रेस्टोरेंट वाले हो जाएंगे फेल, जानें रेसिपी Seasonal fruit: पानी में उगने वाला ये मौसमी फल है कमाल, वजन घटाने से ब्लड शुगर तक करेगा मेंटेन; ढेरों हैं फायदे Farrukhabad News: स्वाद और सेहत का तगड़ा खजाना है ये मिठाई, शुद्ध देशी घी में होती है तैयार, जानें रेसिपी महाकाल की भस्म आरती: आज देवी रूप में सजे उज्जैन के राजा, शक्ति स्वरूप में दिए भक्तों को दर्शन, देखें सुंदर तस्वीरें None
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