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दुनिया के लोगों को पसंद भारतीय शॉलें, हर शॉल है अपने आप में खास, इसे इंडियन और वेस्टर्न ड्रेस के साथ कैसे पहनें?

शॉल दिखने में भले ही गर्म कपड़े का लंबा टुकड़ा लगे लेकिन यह एक स्टाइलिश गारमेंट है जिसे सदियों से पहना जा रहा है. इसमें कई वैरायटी आती हैं जो सस्ती भी है और महंगी भी. शॉल को पहनकर पर्सनैलिटी बहुत अट्रैक्टिव लगती है. इसे केवल साड़ी या सूट पर ही नहीं, बल्कि वेस्टर्न आउटफिट पर भी पहना जा सकता है. रामायण-महाभारत में भी जिक्र शॉल को संस्कृत में दोशाला कहा जाता है. दोशाला पुरुष भी पहनते हैं लेकिन वह महिलाओं की शॉल की तरह फैंसी नहीं होती. शॉल का जिक्र रामायण और महाभारत में भी मिलता है लेकिन इसे बनाया किसने यह किसी को नहीं पता. कुछ लोगों का मानना है कि शॉल कश्मीर में डिजाइन की गई थी. यहां कारीगर हाथों से ऊन से शॉल बनाते थे और इस पर चिनार के पत्ते या फ्लोरल डिजाइन को बनाया जाता. धीरे-धीरे कश्मीर में बनी शॉल पूरे भारत में मशहूर होने लगीं. जब फारस से नक्शा नाम की मशीन आई तो भारत में शॉल बनाने का काम जोर-शोर से होने लगा. पहले के जमाने में शॉल पहनना एक लग्जरी थी क्योंकि यह बहुत महंगी थी। 1784 के बाद से कश्मीरी शॉल इंग्लैंड, फ्रांस समेत पूरी दुनिया में छा गईं. शॉल पर मुगलों की झलक शॉल पर मोटिफ वर्क 250 साल पहले शुरू हुआ. यह मुगलों की देन है. जरी-बूटियों का काम इसी दौर में शुरू हुआ. महिलाओं को चमकीले गोटे और मोती की शॉल खूब भाती थीं. दरअसल तब महिला हमेशा शॉल पहनती थीं. जरूरी नहीं कि वह ऊनी हो बल्कि कॉटन की भी शॉल बनती हैं. मुस्लिम देशों में हर मौसम में महिलाएं बिना शॉल लिए घर से बाहर नहीं निकलतीं. कश्मीरी शॉल की खूब डिमांड शॉल की नींव कश्मीर में रखी गई इसलिए यहां की क्वॉलिटी बहुत बेहतरीन होती है. कश्मीर में पश्मीना शॉल बनती हैं. पश्मीना के लिए ऊन को चान्ग्रा भेड़ या चेंगू भेड़ से निकाला जाता है. यह बहुत हल्की लेकिन हद से ज्यादा गर्म होती हैं. इस पर फ्लोरल डिजाइन बना होता है. यह महंगे दामों पर बिकती है. इन शॉलों से मुगलों की रहीसी दिखती थी. 18वीं सदी में पश्मीना शॉल ब्रिटेन की क्वीन विक्टोरिया की पहचान बन गई थी. रंग-बिरंगी होती है नागा शॉल नागा शॉल नगालैंड में हाथ से बुनी जाती है. इसमें कई तरह के चटक रंग देखने को मिलते हैं. यह ज्यादातर नीले और लाल रंग में बनती है. इसमें ज्योमैट्रिक पैटर्न बने होते हैं. नागा शॉल मैट ऊन से बनती है जो मोटी ऊन होती है. वहीं जो शॉल चिकनी ऊन से बनती हैं, वह महंगी होती हैं. दरअसल यह ऊन दुर्लभ कीड़ों से बनती है. कलमकारी शॉल का अनोखा डिजाइन कलमकारी शॉल दक्षिण भारत में बनाई जाती है. कलमकारी का मतलब है कलम से किया गया काम. यह शॉल सूती कपड़े की होती है. यह एक ट्रेडिशनल शॉल है जिस पर ब्रश की मदद से हाथों से डिजाइन बनाया जाता है. इस पर फूल, पत्तियां, पक्षी जैसे नेचर से जुड़े डिजाइन होते हैं. इस पर रेशम या ऊन के धागों से कढ़ाई की जाती है. गुजरात की मशहूर ढाबला शॉल ढाबला शॉल गुजरात के कच्छ में बनती है. इसमें ज्यादातर नेचुरल डाइज का इस्तेमाल होता है. आइवरी, बेज, सफेद, क्रीम और ब्लैक कलर की ढाबला सबसे ज्यादा पसंद की जाती है. इस शॉल पर मोटिफ का काम होता है जो इसे हटकर बनाता है. पुरुषों के लिए दोशाला शॉल भले ही महिलाएं पहनती हैं लेकिन पुरुषों की शॉल को दोशाला कहा जाता है. मुगल सम्राट अकबर शॉल को खूब पसंद करते थे. उन्होंने ही शॉल को पहनना शुरू किया. इससे पहले पुरुष शॉल नहीं पहनते थे. उस समय अकबर की शॉल पर सोने और चांदी के धागों से बॉर्डर बनाए जाते थे. पुरुषों की शॉल सॉलिड कलर यानी एक ही रंग की होती है जैसे सफेद, भूरी, काली या मैरून. इस पर ज्यादा एंब्रॉयडरी भी नहीं होती. शॉल से ऐसे करें स्टाइलिंग फैशन डिजाइनर भावना जिंदल कहती हैं कि शॉल को वैसे तो कंधों पर पहना जाता है लेकिन इसे स्टाइलिश बनाने के लिए इसकी लेयरिंग करें. अगर इसे साड़ी के साथ पहनना है तो एक तरफ साड़ी का पल्ला लें और दूसरी तरफ शॉल का एक भाग साड़ी के अंदर डालकर इसे पल्ले की तरह ही पहन लें. इसे सीधे पल्ले की तरह प्लेट्स भी दी जा सकती हैं. शॉल को सिल्क की साड़ी या वेलवेट साड़ी के साथ पेयर करने से इसकी ग्रेस बढ़ती है. साड़ी ज्यादा प्रिंटेड ना हो, अगर साड़ी प्लेन हो तो शॉल का पैटर्न अलग से हाइलाइट होता है. वेस्टर्न आउटफिट के साथ शॉल को कार्डिगन की तरह स्टाइल करें या इसे वेस्ट बेल्ट के साथ पेयर कर सकते हैं. शॉल की करें अच्छे से देखभाल शॉल की चमक बरकरार रखनी है और इसे लंबे समय तक संभालकर रखना है तो इसे कभी वॉशिंग मशीन में नहीं धोना चाहिए. शॉल को ड्राईक्लीन करवाना चाहिए, लेकिन अगर यह मुमकिन ना हो तो इसे गर्म पानी में हल्के हाथ से धोएं. इसे साबुन में भिगोकर ज्यादा देर ना रखें. इसे धोने के बाद निचोड़ना नहीं चाहिए. ड्रायर में डालने की जगह इसे पानी में से निकालकर सूखा दें लेकिन इस पर सीधी धूप नहीं पड़नी चाहिए. बेहतर है कि इसे शाम को उल्टा करके सुखाएं. शॉल को हमेशा मलमल के कपड़े में रखना चाहिए इससे इसकी ऊन खराब नहीं होती. Tags: Bollywood actress , Delhi winter , Jaamu kashmir , New fashions , Winter at peak , Winter season Rampur Famous Halwa: 100 साल पुरानी तकनीक और स्वाद में क्रिस्पी, विदेश तक डिमांड मार्च 2025 में शनि गोचर, बदलेगा आपके जीवन का गणित, बन रहे धन लाभ से लेकर प्रमोशन के योग, जानें ई बिहार बा! चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था, एम्बुलेंस नहीं मिली तो मजबूरन महिला को ठेले पर लेकर भागे अस्पताल 18 साल छोटी भांजी पर आया एक्टर का दिल, झट से कर ली तीसरी शादी, अब खुद लोगों से शेयर की वजह सिर्फ ₹75 में ब्रांडेड शर्ट, पहनकर निकलेंगे तो लोग कहेंगे 500-1000 वाला कपड़ा, एक बार में खरीद रहे 10-10 गाजियाबाद में यहां लगा है तिब्बतन बाजार, सस्ते दामों में खरीदे बेहतरीन क्वालिटी के गर्म कपड़े Credit Card: ऑनलाइन शॉपिंग के लिए 6 बेस्ट क्रेडिट कार्ड, जहां मिल रहे हैं ज्यादा कैशबैक Jhansi News: बुंदेलखंड का श्री अन्न बनेगा ब्रांड, सभी जिलों में बनाए जा रहे प्रोसेसिंग प्लांट Mirzapur News: मंडलीय अस्पताल में अब 24 घंटे हो सकेगी 75 प्रकार की जांच, मरीजों को मिलेगा फायदा None

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