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इंदौर के इस शख्स को किताबों से ऐसा प्रेम! देखते ही देखते घर के बाहर बना दी लाइब्रेरी, 2000 से अधिक किताबें मौजूद

इंदौर: युवाओं को किताबों से जोड़ने के लिए इंदौर के बुजुर्ग ने एक अनोखा पुस्तकालय शुरू किया है. साकेत नगर के फुटपाथ पर स्थित पुस्तकालय दिन- रात खुला रहता है. साल 2016 से चल रही इस लाइब्रेरी में 20,000 से ज्यादा पुस्तकें मौजूद हैं. कक्षा एक से लेकर 12वीं तक, प्रतियोगी परीक्षा की पुस्तकें, साहित्यिक पुस्तकें हिंदी, अंग्रेजी और मराठी भाषा में उपलब्ध हैं. कमाल की बात है कि यहां से किताब ले जाने के लिए कोई एंट्री नहीं होती है. इंदौर के साकेत नगर निवासी 75 वर्षीय राधेश्याम माहेश्वरी को पुस्तकों से बेहद लगाव हैं. इसलिए उन्होंने पढ़ने के लिए किताबें खरीदना शुरू किया, देखते ही देखते 4 अलमारी की किताबें हो गई. फिर किताबों को रद्दी में बेचने के बजाय उन्होंने लाइब्रेरी शुरू कर किया. अब 4 अलमारी से 40 अलमारी की किताबों में तब्दील हो चुकी है. 8 साल पहले शुरू हुई थी लाइब्रेरी माहेश्वरी बताते हैं कि 8 साल पहले विचार आया कि अपनी किताबों की एक लाइब्रेरी बनाई जाएं. इसके बाद हमने घर के बाहर ही अलमारी लगा दी, फिर कुछ किताबें दान में आने लग गई. देखते देखते किताबों कारवां बढ़ता गया. यहां बच्चों के लिए कॉमिक बुक्स और कोर्स बुक भी उपलब्ध हैं. वहीं युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें हैं. उन्होंने कहा, “इन दिनों युवाओं का धर्म और मेडिटेशन से जुड़ी किताबें पढ़ने का भी रुझान देखने को मिल रहा है. यहां महाभारत, श्रीमद् भागवत कथा और रामायण भी है, जिसकी पढ़ने के लिए खास डिमांड है. इसके अलावा कई साहित्यकारों की किताबें हैं, जैसे मुंशी प्रेमचंद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रा नंदन पंत. पुस्तक ले जाएं, भले न लौटाएं माहेश्वरी बताते हैं कि करीब 20,000 किताबें हैं. कुछ लोग पढ़ने के लिए किताबें ले जाते हैं, फिर यहीं रखकर जाते हैं. हालांकि, हमने कोई ऐसा नियम नहीं बनाया है. इसके बावजूद भी लोग ऐसा करते है, इन किताबों के आने जाने की कोई एंट्री भी नहीं होती. मतलब आपका पुस्तक लौटाने का मन नहीं है तो आप पुस्तक अपने पास रख सकते हैं. इससे खासतौर पर स्कूली बच्चे और कॉलेज के कॉम्पिटिव एग्जाम वाले स्टूडेंट्स को फायदा मिल रहा है. क्योंकि उन्हें किताबें ज्यादा वक्त के लिए चाहिए होती हैं. इंदौर में है तीन लाइब्रेरी स्वच्छता की राजधानी इंदौर में ओपन लायब्रेरी के 3 सेंटर हो गए है. इनमें पहला नवनीत प्लाजा, दूसरा सुदामा नगर और तीसरा आनंद नगर में है. यहां भी बड़ी संख्या में पाठक किताबें पढ़ने आते हैं. वैसे तो किसी भी केंद्र पर पढ़ने के लिए ज्यादा जगह नहीं है, लेकिन कुछ एक पाठकों के लिए तीन- चार कुर्सियां और दो- तीन टेबल लगा दी गई हैं, ताकि कभी कोई यहां पर आकर पढ़ाना चाहे तो पढ़ सकता है. यह सभी केंद्र सातों दिन 24 घंटे चालू रहते हैं. Tags: Indore news , Local18 कभी सोचा है, छींकते वक्त आंखें हमेशा बंद क्यों हो जाती हैं? सर्दियों में घर पर जरूर बनाएं आंवले की ये टेस्टी रेसिपी, खाने में आ जाएगा मजा, नोट कर लें बनाने की विधि बॉलीवुड के सुपरस्टार सिंगर, सिंपलसिटी ऐसी बीच सड़क पर स्कूटी रोककर किया ये काम, घर देखने देशभर से आते हैं टूरिस्ट कौन है ये बाबा जिन्होंने 12 सालों से हाथ नीचे ही नहीं किया? Jungle news: मगरमच्छ जैसी होती है इस अनोखे कछुए की खाल, इसके जबड़े से निकल पाना होता है नामुमकिन हीरो ने डेढ़ साल ली ट्रेनिंग, बनाई दमदार बॉडी, फिर भी FLOP निकली 95 करोड़ी फिल्म, IMDb पर है हाई-फाई रेटिंग ये धुंध का नाता सिर्फ सर्दियों से ही क्यों है? गर्मी में इसे क्या हो जाता है छोड़िए पान-बीड़ी का धंधा... पाल लिया ये 5 नस्ल की गाय तो समझिए सेट है लाइफ, घर ही बन जाएगा ATM MP News : घुप अंधेरा, घना जंगल, पेड़ के नीचे कार...जैसे ही खोली कुंडी, फटी रह गई आंखें None

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