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कड़ाके की सर्दी से पहले हो जाएं सतर्क! इस तरह से रखें मछलियों का ख्याल, वरना हो जाएगा बड़ा नुकसान

जहानाबाद : बदलते मौसम में इंसान हो या जीव जंतु विशेष ख्याल रखने की जरूरत पड़ती है. ऐसे में सर्दियों में मछली पालकों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि बीमारी न हो और नुकसान कम से कम हो. क्योंकि कभी कभी ऐसा होता है कि सर्दियों में मछलियों का ध्यान नहीं रखते हैं, जिसके चलते फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. अगर आपके तालाब के मछलियों में फंगल इन्फेक्शन हो जाता है तो पूरे तालाब की मछलियां बर्बाद हो सकती है. ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखने से आप इस तरह की बिमारियों से मछलियों को बचा सकते हैं. ऐसे में युवा मत्स्य पालक से जानेंगे, सर्दियों में मछली पालक होने के नाते किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जहानाबाद के नंदना गांव के प्रिंस कुमार एक युवा किसान हैं. वह पढ़ाई के साथ खेती बाड़ी भी करते हैं. इसके साथ-साथ मत्स्य पालन भी बड़े पैमाने पर करते हैं. 4 से 5 साल से वह मत्स्य पालन कर रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं. लोकल 18 की टीम से बात करते हुए प्रिंस ने बताया कि सर्दियों के मौसम में मत्स्य पालकों को बीमारियों से मछलियों को बचाना उस समय चुनौतीपूर्ण हो जाता है जब एक बार बीमारी पकड़ लेती है. इस दौरान व्यापार पर काफी बुरा असर पड़ता है. कुछ मछली पालक तो काफी टूट जाते हैं. इसलिए समय रहते ही इन उपायों से आप मछलियों को ठंड के मौसम में बचा सकते हैं. साथ ही व्यापार पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा. कैसे करना चाहिए मछलियों का देखभाल प्रिंस कहते हैं कि ठंड का मौसम आते ही तालाब की पानी को नियमित अंतराल पर बदलते रहे हैं. ताजा पानी 12 घंटे में एक बार बदल ही देना चाहिए. ऐसा नियमित करने से मछलियों को गर्म पानी यानी आम दिन की तरह ही पानी मिलती है. ऐसे में जो मछली फीडिंग करती है वो नियमित रूप से चारा खाएगी तो आपके मछली का वजन कम नहीं होगा. इसके साथ साथ ग्रो भी करेगा. सबसे बड़ी बात यह है कि जब पानी आप नहीं बदलेंगे तो मछली ठंड में ऊपरी सतह पर आने से परहेज करेगी और ऐसे में वह शिथिल हो जाएगी तो बैक्टीरिया का खतरा बढ़ जाएगा. ऐसे में आपको नुकसान होने का डर रहेगा. चूना और नमक का भी करते रहें प्रयोग वे बताते हैं कि ठंड के समय में थोड़ी सी लापरवाही आपके बिजनेस पर भारी पड़ सकती है. इस मौसम में फंगल इन्फेक्शन, रेड स्पॉट जैसे कई बीमारी होने का डर रहता है. इस तरह की बिमारियां तालाब तक न पहुंचे इसके लिए पहले से ही तैयार रहें. एक सप्ताह के अंतराल पर एक कट्ठा में एक किलो चुना और दो किलो नमक का उपयोग करें. इसके साथ कई तरह के सैनिटाइजर भी बाजार में उपलब्ध हैं, उसका भी उपयोग करते रहें. सर्दियों के मौसम में ऑक्सीजन लेवल भी कम हो जाता है. ऐसा तब नहीं होगा जब आप रेगुलर पानी को बदलते रहेंगे. अगर छोटे मोटे तालाब हैं तो वहां पर आप बड़े बड़े लाइट लगा दिए तो आपके तालाब का पानी गर्म रहेगा. Tags: Bihar News , Jehanabad news , Local18 Potato Farming: आलू के लिए खतरनाक है कजरा कीट, फसल को कर देता है बर्बाद; जानें बचाव के उपाय बशर अल असद के बेडरूम को बना द‍िया कब्रगाह...राष्‍ट्रपत‍ि भवन में घुसे विद्रोह‍ियों ने ये क्‍या कर डाला, देख‍िए तस्‍वीरें साल 1987 में धर्मेंद्र ने बनाया तगड़ा रिकॉर्ड, बैक-टू-बैक 7 फिल्में हुई थीं हिट, थर-थर कांप गया था बॉक्स ऑफिस गोल्ड खरीदने की कोई लिमिट नहीं, लेकिन कैश में सोना खरीदने का नियम जरूर है, जानिए 'सिंगल ट्रांजेक्शन रूल' हड्डियां हो जाएंगी स्टील जैसी मजबूत, दांत भी नहीं हिलेंगे, बस घी में भूनकर खा लें ये ड्राई फ्रूट Hind Dairy Rasagulla: डायबिटीज को कहो 'टा-टा', सर्दियों में यहां मिल रहे शुगर फ्री रसगुल्ले सेहत हो या सुंदरता, इन बीजों से हर समस्या का होगा समाधान, सर्दी-खांसी भी टेक देगी घुटने! धर्मेंद्र ने बॉबी-सनी देओल के साथ मनाया बर्थडे, हेमा मालिनी का आया रिएक्शन- 'हमने साथ में अच्छा-बुरा वक्त...' Rampur Famous Halwa: 100 साल पुरानी तकनीक और स्वाद में क्रिस्पी, विदेश तक डिमांड None

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