NEWS

बालाघाट: सीईओ और सरपंच के बीच उलझा कॉम्प्लेक्स का बंटवारा, दुकानदार ठेले पर दुकान लगाने को मजबूर, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

बालाघाट के ग्राम पंचायत परसवाड़ा में ढाई साल पहले 22 दुकानों के अतिक्रमण को तोड़ा गया था. दुकानदारों का कहना है कि यहां पर वह दशकों से दुकान लगा रहे है, लेकिन उन्होंने हमारी एक न सुनी और हमारी दुकानों को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया. उस समय हमें आश्वासन दिया गया कि 6 महीनों के अंदर नए कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे, वहां पर उन्हें शिफ्ट कर दिया जाएगा. अब ढाई साल बीत जाने के बावजूद भी हमें कॉम्प्लेक्स भी नहीं मिल रहा है. परसवाड़ा के रहवासी प्रमोद बिठले ने बताया कि हमारी दुकान एक दिन की मोहलत की नोटिस पर तोड़ दिया गया. अगले दिन तीन थानों की पुलिस बुलाई गई थी और हमारी दुकानें तोड़ दी गई. पहले हमारी दुकान में फल के अलावा अंडे, पान और बेकरी का सामान बेचा करते थे. लेकिन दुकान टूट जाने से अब ठेले पर दुकान लगाने को मजबूर है. उनका कहना है कि परिवार में 6 लोग है. ऐसे में रोजी रोटी छीन जाने से परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है. रज्नेश की कहानी एक दम अलग रज्नेश नागरे ने बताया कि उनके पिता की दुकान 50 सालों से लग रही थी. दुकान टूट जाने से पिताजी टूट गए. ऐसे में कई दिनों तक वह अपनी दुकान के लिए संघर्ष कर रही थे. ऐसे में सदमे में आ गए और एक दिन हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई. वहीं अब हम भी पक्की दुकान से कच्ची दुकान पर आ गए. ऐसे में हमारा धंधा प्रभावित हो रहा है. हम अपनी दुकान में सामान नहीं भर पा रहे हैं. डर लगता है कि दुकान से चोरी न हो जाए. उनकी मांग है कि बने हुए कॉम्प्लेक्स को स्थानीय व्यापारियों को दिया जाए. उन्होंने पूर्व मंत्री रामकिशोर नानू कावरे पर तानाशाही का आरोप लगाया है. दुकान तोड़ने के पीछे बड़ी राजनीति ग्राम पंचायत परसवाड़ा की सरपंच गायत्री कुम्भरे ने लोकल 18 को बताया कि पंचायत के पूर्व सचिव योगेश हिरवाने ने एकल हस्ताक्षर से शाम को दुकानदारों को नोटिस दिए. अगले दिन उनकी दुकानें तोड़ दी गई. इसके बाद योगेश हिरवाने के पास ही ग्राम पंचायत खरपड़िया का चार्ज है. कॉम्प्लेक्स निर्माण के लिए एजेंसी ग्राम परसवाड़ा को छोड़ ग्राम पंचायत खरपड़िया को एजेंसी बनाया गया. वहीं, कॉम्प्लेक्स के दूसरे फ्लोर को ग्राम पंचायत परसवाड़ा को बड़ी मुश्किल से दिया गया. इसके लिए हमें कई चक्कर लगाने पड़े. वहीं, बने हुए कॉम्प्लेक्स के आबंटनन के लिए भी समस्या आ रही है. इसके लिए जनपद पंचायत सीईओ इसका वितरण करना चाहते हैं. 10 साल पुराने भवनों को बिना डिस्मेंटल के तोड़ा गया व्यापारी संघ के उपाध्यक्ष सीरीश अवधिया का कहना है कि पुलिस फोर्स का इस्तेमाल करके पूर्व सचिव योगेश हिरवानी और सीईओ ने मिलकर महज 10 साल पहले बने कॉम्प्लेक्स को बिना डिस्मेंटल घोषित किए तोड़ दिए. यहां पर शौचालय भी बने हुए थे, उन्हें भी डिस्मेंटल घोषित किए बगैर तोड़ दिए गए. सीईओ ने मामले चुप्पी साधी लोकल 18 ने इस मामले में जनपद पंचायत सीईओ रितेश चौहान से उनका पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कैमरे पर बात करने से मना कर दिया. पहला कि दुकानदारों को बने हुए कॉम्प्लेक्स कब मिलेंगे. इस पर उन्होंने कहा कि अभी शासन से 7 लाख रुपए आने बाकी है. इसके बाद तीन-चार दिन में ई-ऑक्शन के जरिए कॉम्प्लेक्स वितरित करने की प्रक्रिया शुरू कि जाएगी. इसमें कोई भी ले सकता है. फिर लोकल 18 ने पूछा कि ग्राम पंचायत परसवाड़ा ने अतिक्रमण के नोटिस जारी किए, तो निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत खरपड़िया को क्यों दिया गया. इस सवाल का उन्होंने गोल मोल जवाब दिया और चल दिए. Tags: Local18 7.9 रेटिंग वाली मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म, 1 किडनैपिंग से शुरू होती है कहानी, दिमाग का फ्यूज उड़ा देगा क्लाइमैक्स कभी सोचा है, छींकते वक्त आंखें हमेशा बंद क्यों हो जाती हैं? सर्दियों में घर पर जरूर बनाएं आंवले की ये टेस्टी रेसिपी, खाने में आ जाएगा मजा, नोट कर लें बनाने की विधि बॉलीवुड के सुपरस्टार सिंगर, सिंपलसिटी ऐसी बीच सड़क पर स्कूटी रोककर किया ये काम, घर देखने देशभर से आते हैं टूरिस्ट कौन है ये बाबा जिन्होंने 12 सालों से हाथ नीचे ही नहीं किया? Jungle news: मगरमच्छ जैसी होती है इस अनोखे कछुए की खाल, इसके जबड़े से निकल पाना होता है नामुमकिन हीरो ने डेढ़ साल ली ट्रेनिंग, बनाई दमदार बॉडी, फिर भी FLOP निकली 95 करोड़ी फिल्म, IMDb पर है हाई-फाई रेटिंग ये धुंध का नाता सिर्फ सर्दियों से ही क्यों है? गर्मी में इसे क्या हो जाता है छोड़िए पान-बीड़ी का धंधा... पाल लिया ये 5 नस्ल की गाय तो समझिए सेट है लाइफ, घर ही बन जाएगा ATM None

About Us

Get our latest news in multiple languages with just one click. We are using highly optimized algorithms to bring you hoax-free news from various sources in India.