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क्या होता है बर्थ कंट्रोल जेल, कैसे रोकता है प्रेग्नेंसी को, किस तरह करता है काम, जानें सब कुछ

What is Birth Control Gel: प्रेग्नेंसी रोकने के लिए अब बाजार में एक नए तरीके का सामान आ गया है. नाम है-बर्थ कंट्रोल जेल. यानी क्रीम की तरह या जेली की तरह की एक दवाई जिसे संबंध बनाने के दौरान अगर प्राइवेट पार्ट में लगा लिया जाए तो इससे बच्चा होने की संभावना खत्म हो जाती है. यौन संबंध बनाते हुए भी गर्भावस्था को रोकने के लिए पहले से कई तरीके हैं जिनमें कंडोम, इंजेक्शन और बर्थ कंट्रोल पिल सबसे प्रभावी है लेकिन अब जेल के आ जाने से फिलहाल विदेश में इसका चलन बढ़ा है. क्लीवलैंड क्लीनिक की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. एमिली फ्रीमान कहती हैं कि बर्थ कंट्रोल जेल को महिला के प्राइवेट पार्ट में रखा जाता है. इसके बाद इसमें स्पर्म मर जाता है. क्या है बर्थ कंट्रोल पिल डॉ. एमिली फ्रीमान ने बताया कि बर्थ कंट्रोल जेल स्पर्मिटाइड से अलग होता है. हालांकि दोनों को महिला के प्राइवेट पार्ट में ही रखा जाता है और दोनों का मकसद स्पर्म की क्षमता और यूट्रस में मूव करने की गति पर ब्रेक लगाना है ताकि प्रेग्नेंसी की संभावना को पूरी तरह धूमिल किया जा सके. उन्होंने बताया कि स्पर्मेटिसाइड डिटर्जेंट की तरह काम करता है जो स्पर्म के घुसते ही उसके सेल मेंब्रेन को गला देता है जबकि बर्थ कंट्रोल जेल महिला के प्राइवेट पार्ट को एसिडिक बना देता है जिसके कारण स्पर्म के इसमें घुसते ही वह बदल जाता है. कैसे काम करता है बर्थ कंट्रोल जेल शरीर में पीएच लेवल से पता चलता है कि आपकी बॉडी के अंग कितना एसिडिक है या कितने क्षार है. बर्थ कंट्रोल जेल वेजाइनल पीएच मॉडुलेटर है. यानी यह महिला के प्राइवेट पार्ट के एसिडिक नेचर को बदल डालता है. यहां तक कि बाद तक इसकी प्रकृति बदली रहती है. आमतौर पर महिलाओं के प्राइवेट पार्ट का नेचर एसिडिक होता है. यह स्पर्म के लिए हानिकारक है. लेकिन जब कोई पुरुष किसी महिला के साथ संबंध बनाता है तो पुरुष से सीमेन निकलता है जिस कारण महिलाओं के प्राइवेट पार्ट का पीएच वैल्यू बदल जाता है. एसिड से बेस में बदलने पर ही स्पर्म जिंदा रहता है. लेकिन नए बर्थ कंट्रोल जेल में 3 तरह के अलग-अलग एसिड होते हैं जो उस जगह बेस में बदलने ही नहीं देता और स्पर्म को आगे बढ़ने ही नहीं देता. जैसे ही स्पर्म यहां आता है एसिड बहुत ज्यादा हो जाता है और इसमें शॉर्ट सर्किट होने लगता है. इसमें वह तैर ही नहीं पता. जब तक वह तैर कर आगे नहीं बढ़ेगा अंडाणु फर्टिलाइज ही नहीं होगी. जाहिर है इससे प्रेग्नेंसी होगी ही नहीं. अब तक जो स्टडी हुई है उसमें यह जेल 86 प्रतिशत तक काम करता है. लेकिन यह 93 प्रतिशत तक सफल हो सकता है. इस जेल को संबंध बनाने से एक घंटे पहले उस जगह रखा जाता है. क्या है सेफ है डॉ. एमिली फ्रीमान ने बताया कि चूंकि इस तरह का एसिड पहले से उस जगह होता है इसलिए अधिकांश लोगों को कोई दिक्कत नहीं होती. अगर कुछ लोगों को इरीटेशन भी होता है तो यह कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाता है. हालांकि जिन लोगों को पेशाब में इंफेक्शन संबंधी कुछ दिक्कत पहले से हैं उन्हें बर्थ कंट्रोल जेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. हालांकि बर्थ कंट्रोल जेल का इस्तेमाल करने से यूटीआई का खतरा नहीं है. Tags: Health , Health tips , Trending news दीपावली पर रंग-बिरंगे दीयों ने मचाई धूम, 50 से अधिक वैरायटी उपलब्ध, दिखने में लग रहे आकर्षक Goat Farming: बनना चाहते थे प्रोफेसर, फिर यूं पलटा मामला; अब बकरी पालन से हर महीने कमाते हैं 4 लाख MP के इस कलेक्टर का अनोखा अंदाज, दिवाली पर किया ऐसा काम, अब हर तरफ हो रही चर्चा अद्भुत प्रतिभा की धनी है फातिमा, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम; इसमें है महारत! Farrukhabad Famous Sweet: दिवाली पर यहां मिलेंगी अनोखी रसभरी मिठाइयां, जिसे भी करेंगे भेंट, जीवन भर नहीं भूलेगा इसका स्वाद New Variety Of Parwal: युवा किसान का कमाल, विकसित किया परवल की नई वैरायटी; इसमें है कई खूबियां विदेशी मॉडल से बदलेगी किसानों की तकदीर, यूपी में यहां बनी हाईटेक नर्सरी, इजराइल तकनीक से तैयार होंगे सब्जी-फल हड्डियों के दर्द का काल है ये 12 इंच का पत्ता! सीने में दर्द हो या सूखी खांसी, खाज-खुजली, त्वचा रोग में भी कारगर न महंगा...न मिलावट! मथुरा में मुंबई के वड़ा पाव की धूम, थोड़ी देर में 125 प्लेट की बिक्री, कीमत इतनी None

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