हिजबुल्लाह के आतंकियों की तलाश में इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर बमों की बारिश कर दी है. इतने बम गिराए हैं कि उसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. सैकड़ों लोग इन बमों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. इसके बावजूद इजरायल का बारूदी प्रहार जारी है. सुबह-दोपहर-शाम-रात हर वक्त इजरायल की सेनाएं बेरूत पर ड्रोन और लड़ाकू विमानों से हमले न कर रही हैं. इसमें अगर कोई बच भी गया तो इजरायल ने एक ऐसा ‘जहर’ फैलाया है, जिसमें तड़प तड़पकर जान जाएगी. जी हां, इजरायल की मिसाइलों और बमों से लेबनान का आसमान धुआं-धुआं हो गया है. वहां सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. इसकी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं, जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे. जिस बेरूत शहर में 15 सितंबर से पहले सबकुछ साफ-साफ दिखाई देता था. उस बेरूत के आसमान में इतने बारूद भर गए हैं कि कुछ भी नजर नहीं आ रहा है. हवा जहरीली हो चुकी है. सांस लेना मुश्किल हो रहा है. सांसों की बीमारी से जूझ रहे लोगों को अस्पताल नहीं मिल रहा है, इसकी वजह से कई लोगों की मौतें हो चुकी हैं. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि जितनी मौतें हमले में नहीं हो रही हैं, उससे ज्यादा बुजुर्गों-महिलाओं और बच्चों की मौत इन बारूदों में दम घुटने की वजह से हो रही है. हालांकि, इसके कोई आधिकाारिक आंकड़े नहीं आ रहे हैं, क्योंकि अस्पतालों पर हमले में घायल हो रहे लड़ाकों का कब्जा है. कैंसर के मामले 30 फीसदी तक बढ़ गए द गार्जियन की इसी साल मार्च में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेरूत में डीजल जनरेटरों की वजह से जो जहरीला धुआं फैल रहा है, उससे कैंसर के मामले 30 फीसदी तक बढ़ गए हैं. वहां हर वक्त भूरा बादल छाया रहता है. इनकी वजह से हाईराइज बिल्डिंग्स और दफतर काले पड़ जाते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, लेबनान में 8000 से ज्यादा बड़े जनरेटर चलते हैं, जिनसे बिजली की सप्लाई की जाती है. अगर आप सड़क पर गुजरते हैं इन जनरेटरों की आवाज सुन सकते हैं. इनका धुआं आपकी आंखों तक पहुंचता है. sep 18 / oct 5 we could see beirut now we cant see anything. we are breathing polluted air & chemicals. pic.twitter.com/zIQS8IU7ZK — talia (@bffwithharry) October 5, 2024 जंग के बाद खतरा तेजी से बढ़ा अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ बेरूत (AUB) के वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च की थी. पाया था कि इन जनरेटरों की वजह से बेरूत में कैंसर के मामले पांच साल में ही दोगुने हो गए हैं. पीएम 2.5 यहां मार्च में ही 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था, जो वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन के मानक से चार गुना ज्यादा था. पीएम 2.5 वो कण होते हैं जो 2.5 माइक्रॉन या उससे छोटे होते हैं. ये आसानी से शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं और काफी नुकसान पहुंचाते हैं. लेबनान का मौजूदा एक्यूआई क्या है, इसे लेकर बहुत सटीक जानकारी तो नहीं मिल पा रही है. लेकिन iqair.com के मुताबिक वहां का एक्यूआई 61 यूएसए है. हालांकि, यूएसए के मानक काफी लचीले हैं. इन्हें दिल्ली के एक्यूआई से कंपेयर नहीं किया जा सकता. Tags: Hamas attack on Israel , Israel air strikes , Israel Iran War , Weather Update विराट कोहली ही नहीं, टीम इंडिया के ये 5 धुरंधर हैं शाकाहारी, इस खास डाइट से मिलती है गजब की ताकत अमिताभ बच्चन से रहा अफेयर, गुपचुप शादी की उड़ी अफवाह, 69 की उम्र में सिंदूर क्यों लगाती हैं रेखा? जानें औरंगाबाद के इस इलाके में हो रही इलाहाबादी अमरूद की खेती, 27 एकड़ में किसान ले रहे जबरदस्त पैदावार 'गदर' ठुकराने वाला सुपरस्टार, 21 में साइन की 75 फिल्में, सलमान खान ने मूवी से किया बाहर, 1 गलती से हुआ करियर तबाह महाकाल की शरण में अभिनेत्री मेधा शंकर और क्रिकेटर यश ठाकुर, भस्म आरती में पहुंचे, आस्था में डूबे, देखें PHOTOS Navratri 2024: नवरात्रि में करें इन 5 प्रसिद्ध देवी मंदिरों के दर्शन, जाग जाएगा सोया भाग्य! STREE 2 से पहले इस हॉरर-कॉमेडी का बजा था डंका, चुपके से थिएटर्स में हुई रिलीज, बन गई 2024 की ब्लॉकबस्टर फिल्म लंचबॉक्स में जहर बन जाता है नॉनवेज फूड! कितनी देर तक पैक रखना सेफ? जानें यहां वो 3 क्रिकेटर, जिनके दोस्त ही बने दुश्मन, पत्नी ने मिलकर दिया धोखा, 2 ने तलाक के बाद रचाई थी शादी None
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December 24, 2024What’s New
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