नई दिल्ली. भारत के युवा रेसलर चिराग चिकारा नए वर्ल्ड चैंपियन बन गए हैं. चिराग ने अल्बेनिया के तिराना में आयोजित अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में पुरुषों के 57 किलोग्राम फ्री स्टाइल वर्ग में गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने फाइनल में किर्गिस्तान के रेसलर एब्डीमिक काराचोव को कठिन मैच में 4-3 से हराकार इतिहास रच दिया. चिकारा वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले भारत के दूसरे रेसलर हैं. इससे पहले भारत के अमन सहरावत वर्ल्ड चैंपियन बने थे. चिराग के वर्ल्ड चैंपियन बनने तक का सफर आसान नहीं रहा. चिराग की यात्रा सपनों की ताकत, परिवार के समर्थन और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है. इस रेसलर के दादा ने अपनी पूरी पेंशन पोते के डाइट और ट्रेनिंग में लगा दिया. चिराग चिकारा (Chirag Chikkara) का जन्म हरियाणा के सोनीपत के छोटे से गांव जुआं में हुआ था. 11 वर्ष की उम्र में उनके परिवार ने उनका वजन बढ़ता हुआ देखा और उन्हें फिट रखने के लिए स्थानीय अखाड़े (कुश्ती अकादमी) में डालने का निर्णय लिया. चिराग के पिता दिनेश चिकारा इलेक्ट्रिशियन हैं. उनके चाचा वीरेंद्र ने यह कदम पारिवारिक परंपरा के रूप में नहीं, बल्कि चिराग के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उठाया, क्योंकि फैमिली में किसी और ने कभी कुश्ती नहीं खेली थी. चिराग को जब उनके पिता और चाचा अखाड़े ले गए तो इस रेसलर को वहां जाना पसंद नहीं था. हालांकि बाद में चिराग के वहां कई दोस्त बन गए और वही अखाड़ा उनके घर जैसा लगने लगा. कुछ सप्ताह बीत जाने के बाद चिराग को रेसलिंग में दिलचस्पी होने लगी. इसके बाद वह रेसलिंग में इंटरनेशनल लेवल पर छाप छोड़ने का सपना देखने लगे. Champions Trophy: गर्मजोशी से वेलकम करेंगे… नए कप्तान रिजवान ने भारत के पाकिस्तान आने की जताई उम्मीद सचिन के लाडले का ऑलराउंड शो, IPL 2025 रिटेंशन से पहले दिखाया दम, सैलरी में करोड़ों का हो सकता है इजाफा चिराग के दादा रिटायर्ड टीचर हैं चिराग चिकारा के लिए रेसलिंग का सफर आसान नहीं रहा. क्योंकि रेसलिंग में अच्छी डाइट और प्रोपर ट्रेनिंग की जरूरत होती है. जो चिकारा की फैमिली के लिए अफोर्ड करना आसान नहीं था. इसके बावजूद उनकी फैमिली से जितना बन पड़ा उन्होंने इस खिलाड़ी को सपोर्ट किया. चिराग के दादा जी दयानंद चिकारा रिटायर्ड टीचर हैं. यहां तक उन्होंने अपनी पेंशन पोते के डाइट और ट्रेनिंग पर खर्च कर दिए. चिराग ओवर ऑल तीसरे भारतीय रेसलर हैं जिन्हें वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल हुआ. इससे पहले अमन सहरावत और रितिका हूडा वर्ल्ड चैंपियन बन चुके हैं. चिराग चिकारा के कोच कुलदीप सिंह हैं शुरुआत में चिराग चिकारा ने गांव में ट्रेनिंग की. इसके बाद उन्हें कोच कुलदीप सिंह के साथ सोनीपत में इंडियन नेवी रायपुर अखाड़ा में ट्रेनिंग करते हुए देखा गया. जहां उन्हें प्रैक्टिस के लिए बेहर सुविधाएं और पार्टनर मिले. कुलदीप सिंह की देखरेख में चिकारा ने अपनी स्किल सुधारी खासतौर पर डिफेंस और स्टेमिना पर काम किया. Tags: World Wrestling Tournament मां शक्ति का शाकंभरी श्रृंगार क्यों किया जाता है, क्या है इसके पीछे की वजह? जानें मंदिर के पुरोहित से PHOTOS: OMG! कभी देखा है 400 टायर वाला बाहुबली ट्रक, जिसे चलाने में छूट जाते हैं 5-7 लोगों के पसीने Tips And Trick: मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए लगाएं ये 5 पौधे, घर में रहेगी ताजगी और खुशबू, डेंगू-मलेरिया बीमारी भी भाग जाएगी दूर Beekeeping: एपिस मेलिफेरा मधुमक्खी का करें पालन, बहुत जल्द हो जाएंगे मालामाल; जानें तरीका Diwali Gifts 2024: दिवाली पर अपनों को दें स्पेशल तोहफे, अभी से तैयार कर लें ऐसी लिस्ट, उपहार देख सब कहेंगे 'वाह' गुलरिया चीनी मिल 4 नवंबर से होगी चालू, 18वां पेराई सत्र भी होगा शुरू; मोबाइल पर SMS से मिलेगी पर्ची और टोकन Famous Sweets For Diwali: यूपी में यहां से खरीदें मिठाई, शुद्ध देशी घी से होती है तैयार, सीएम योगी को भी पसंद है लाजवाब स्वाद Danger Of Snake Bites: इस सांप से बचकर, बस देखने में लगेगा सुस्त; काट लिया तो कुछ मिनट में हो जाएगी मौत PHOTOS: महाकाल का बुधवार दर्शन, जैसे खुले मंदिर के कपाट, श्रृंगार देख भक्त हुए निहाल None
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