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यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के नाम पर करोड़ों की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी गैंगस्टर स्कॉयड द्वारका की टीम ने जगवीर सिंह और सतेंद्र नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी क्राइम ब्रांच के एक चीटिंग के केस में फरार चल रहे थे। आरोपी जगवीर यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑथिरिटी के इंडस्ट्रियल प्लॉट्स बेहद सस्ते दामों पर देने का वादा करता था, जिसके लिए उसने यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपर्स नाम से एक बैंक एकाउंट ओपन किया जो इसकी महिला दोस्त का था। इस एकाउंट में इसने अपने मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी मेंशन किया और इस एकाउंट को चलाने लगा। सस्ते दामों पर ऑथिरिटी का इंडस्ट्रियल एकाउंट लेने के लालच में लोग इसके एकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते और ये इस एकाउंट से पैसा दूसरे एकाउंट में ट्रांसफर करके विदड्रॉ कर लिया करता था। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलमेंट के नाम से ये फर्जी एलॉटमेंट लैटर अपने साथी सतेंद्र के जरिए तैयार करवाता था जो कोसी कला इलाके में कस्टमर सर्विस शॉप चलाता था। धोखाधड़ी का शिकार हुए सचिन शाह, नीलेश शाह और रमनदीप रहेजा ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की। उन्होंने कहा कि उनको जगवीर नाम के एक शख्स ने यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रीयल प्लॉट सस्ते दामों पर देने के नाम पर चीट किया है। पीड़ितों ने जगवीर के बताए हुए एकाउंट में 3 करोड़ 70 लाख 20 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे, जो एकाउंट जगवीर ने यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपर्स के नाम से खोला था। ये एकाउंट वर्षा नाम की लड़की का पाया गया, जिसमें ईमेल आईडी और फोन नंबर जगवीर सिंह के थे। इसके अलावा जो एलॉटमेंट लैटर्स और पेपर्स शिकायतकर्ताओं ने क्राइम ब्रांच को यमुना ऑथिरिटी के नाम से दिए वो जांच में फर्जी पाए गए। ओरिजिनल एलॉटीज के नाम से जो प्लॉट्स होते थे उन्हीं प्लॉट्स की डिटेल फर्जी अलॉटमेंट लैटर में लिखी जाती थी। मामला सामने आने के बाद क्राइम ब्रांच ने बैंक एकाउंट होल्डर की डिटेल्स खंगाली और मनी ट्रेल की जांच की। टेक्निकल सर्विलॉन्स से आरोपी की लोकेशन को क्राइम ब्रांच की स्पेशलाइज्ड टीम ने लोकेट किया और हफ्ते भर की मेहनत के बाद पता लगा कि आरोपी कोसी कला में मौजूद है। इसके बाद जगवीर की लोकेशन को कन्फर्म किया गया और लोकल इंटेलिजेन्स से पता लगा कि प्रॉपर प्लानिंग के बिना दिन में इसको पकड़ने के लिए छापेमारी करना ठीक नही है क्योंकि इसका सोसाइटी पर बहुत प्रभाव है। इसलिए एक टीम को रात में तैयार किया गया और रेड्स की गई। महिला सब इंस्पेक्टर अनुपमा, कुलदीप और राजेश और बाकि की टीम द्वारका से कोसी कला के गांव के लिए रवाना हुई। यहां जाकर टीम दो ग्रुप में बट गई। टेक्निकल सर्विलॉन्स से आरोपी जगवीर की लोकेशन मेग्सन रिजार्ट में मिली। क्राइम ब्रांच की टीम ने प्लानिंग के साथ मेग्सन रिजॉर्ट जो एक प्राइवेट रेजिडेंशियल सोसाइटी में था, इसके अंदर जाकर जगवीर के घर पहुंची और जगवीर को धर दबोचा। पूछताछ में जगवीर ने बताया कि सतेंद्र नाम का एक शख्स जो कस्टमर सर्विस शॉप पर काम करता है, वो फेक एलॉटमेंट लैटर और पेपर्स तैयार करता है। इसके बाद सतेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया गया। सतेंद्र के पास से लैपटॉप और फर्जी डॉक्युमेंट्स बरामद किए गए। बता दें कि जगवीर 2020 से प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था। साथ ही दिल्ली एनसीआर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा ऑथिरिटी में प्लॉट भरवाने का काम करता था। साथ ही प्लॉट मालिकों के लिए टीन शेड और बाउंड्री वॉल बनवाने का काम करता था। इसके बाद यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल प्लॉट्स के फर्जी एलॉटमेंट लैटर के जरिए इसने लोगों को ठगने का प्लान बनाया और अब ये क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में है। इसके अलावा सतेंद्र कस्टमर सर्विस केयर कोसी कला में काम करता था और जगवीर के कहने पर फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। दोनों आरोपी अब तक 7 से 8 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। ये ज्यादातर पैसे बैंक एकाउंट में लेते थे, जो यमुना ऑथिरिटी डेवलपर्स के नाम से खोला गया था। फिलहाल दोनों से पूछताछ की जा रही है। यह भी पढ़ें- महाकुंभ के दौरान नहीं होगी मांस-मदिरा की बिक्री, CM योगी ने प्रयागराज दौरे पर दिए कड़े निर्देश पंजाब में AAP प्रत्याशी के सीने में मारी गोली, विधायक ने SAD नेता पर लगाया आरोप Latest India News None

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