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हिमाचल प्रदेशः फॉर्च्युनर, 15 लोगों का स्टाफ....6 CPS को विधायकों से कितनी अधिक सैलरी मिलती थी? हो गया खुलासा

शिमला. हिमाचल प्रदेश में हाईकोर्ट की तरफ से मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है. ऐसे में अब सरकार की तरफ से छह सीपीएस (Himachal CPS Appointment Case) से सारी सुविधाएं वापस ले ली गई हैं. हाईकोर्ट ने 33 पेज के फैसले में 50 से अधिक प्वाइंट बताए और इनकी नियुक्ति को खारिज कर दिया. अहम बात है कि इन सीपीएस को विधायक से अधिक सैलरी मिल रही थी. विधायक को प्रतिमाह 55 हजार रुपये मिलते हैं, जबकि मुख्य संसदीय सचिवों को 65 हजार रुपये सैलरी मिल रही थी. जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में एक विधायक को 55 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी के अलावा, भत्ते सहित 2 लाख 10 हजार रुपये मिलते हैं. वहीं, सीपीएस को विधायक से 10 हजार रुपये अधिक मिल रहे थे. वहीं, भत्तों में विधानसभा क्षेत्र भत्ता 90 हजार रुपये , डेली अलाउंस 1,800 रुपये, ऑफिस अलाउंस 30 हजार रुपये, कंप्यूटर डाटा ऑपरेटर के लिए 15 हजार रुपये दिए जाते हैं. भत्ते और सैलरी मिलाकर वेतन 2.20 लाख रुपये प्रति महीना बनता है. इसके अलावा, सीपीएस को गाड़ी, स्टाफ अलग से मुहैया करवाया जाता है. हालांकि, सीपीएस से जुड़े एक्ट में यह वेतन तय किया गया था और सरकार अपनी तरफ से कोई अतिरिक्त वेतन नहीं दे रही थी. हालांकि, विभागों की संख्या के आधार पर स्टाफ की संख्या ऊपर नीचे हो सकती है. Himachal CPS Appointment Case: हिमाचल प्रदेश में क्या है CPS विवाद, हाईकोर्ट ने सभी को क्यों हटाया? और क्या-क्या सुविधाएं मिलती थी हिमाचल प्रदेश में 2 लाख 20 हजार रुपये वेतन के अलावा, सीपीएस को कैबिनेट रैंक, 15 लोगों का स्टाफ और फार्च्युनर गाड़ी दी गई थी. हालांकि, सीपीएस रहे सुंदर सिंह ठाकुर सहित तीन अन्य विधायक गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे. लेकिन इन्हें शिमला में सरकारी आवास और दफ्तर दिया गया था. लेकिन बुधवार शाम को जैसे ही हाईकोर्ट के आदेश आए तो ये सभी सुविधाएं इन सीपीएस से छीन ली गई. सरकार ने गाड़ियों और स्टाफ को वापस लेने के आदेश जारी कर दिए.पूरे विवाद पर सभी छह पूर्व सीपीएस ने भी प्रतिक्रिया दी. क्या है मामला हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने 2022 में मंत्रिमंडल के गठन से पहले पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल, कुल्लू से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, रोहड़ू से विधायक मोहन लाल ब्राक्टा और सोलन के अर्की से संजय अवस्थी को मुख्य संसदीय सचिव बनाया था. इन सभी को सरकार ने किसी ना किसी विभाग से अटैच किया था. लेकिन भाजपा के 11 विधायकों ने इनकी नियुक्ति को हाईकोर्ट में चैलेंज किया था और इसी पर अब हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. 2006 में वीरभद्र सरकार में सीपीएस से जुड़े एक्ट को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. Tags: Himachal pradesh , Shimla News Today , Sukhvinder Singh Sukhu Kanpur Zoological Park: सात समंदर पार से आए विदेशी मेहमान, कानपुर जू में साइबेरियन पक्षियों ने डाला डेरा घर में हो रही इन छोटी-छोटी चीजों को न करें इग्नोर, वास्तु दोष के हैं संकेत; पंडित जी से जानें समाधान? Vegetable farming: हरी सब्जियों की खेती से किसान बना मालामाल, 3 लाख की लागत से 8 लाख तक कमा रहा मुनाफा कांटे-डंक के लिए बदनाम है ये जड़ी बूटी! कटीले पत्तों का लेप जोड़ों के दर्द में कारगर, चाय के साथ पीने से मिलेंगे कई फायदे महाकाल की भस्म आरती: आज रजत सर्प, चंद्र और आभूषण अर्पित कर सजे बाबा, देखें तस्वीरें पेन्टेड बग कीट ने किसानों की बढ़ाई टेंशन! सरसों की फसल को खत्म कर देगी ये मक्खी, समय रहते करें उपाय 1 एकड़ खेत...5 लाख कमाई, इस तरीके से करें पपीता की खेती, खेत से लेकर मंडी तक का जानें पूरा गणित Marigold Farming: किसान के लिए फूल की खेती बनी मुनाफे का सौदा, बंपर हो रही है कमाई 5 साल प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के बाद नहीं मिली नौकरी, तो शुरू कर दी इन सब्जियों की खेती, हर सीजन 3 लाख कमाई None

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