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भारत के इस गांव के लोग क्यों चाहते हैं कमला हैरिस ही जीतें? देखें वहां का कैसा है माहौल

तमिलनाडु के तिरुवरुर जिले के थुलसेंद्रपुरम गांव में उत्साह और उम्मीद का माहौल बना हुआ है एवं लोगों को आस है कि वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करेंगी। हैरिस के पैतृक गांव थुलसेंद्रपुरम में ग्रामीणों ने श्री धर्म संस्था मंदिर में इस उम्मीद से प्रार्थना की है कि वह पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप को हराकर विजयी होंगी। अमेरिकी आज अपना अगला राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान करेंगे। Image Source : PTI थुलसेंद्रपुरम कमला के नाना और पूर्व भारतीय राजनयिक पी.वी. गोपालन का पैतृक गांव है। कमला की मां श्यामला पूर्व भारतीय राजनयिक गोपालन की बेटी थीं। अगस्त 2020 में यह गांव तब सुर्खियों में आया जब कमला को उपराष्ट्रपति पद के डेमोक्रेट उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था और बाद में उसी साल इस गांव में उनकी जीत का जश्न मनाया गया। पार्षद अरुलमोझी ने कहा, ‘‘हमारी सच्ची प्रार्थना है कि अमेरिकी चुनाव में इस धरती की बेटी की जीत हो और वह दुनिया के सबसे प्रभावशाली देश की राष्ट्रपति बनें।’’ Image Source : PTI अरुलमोझी और उनके पति टी. सुधाकर ने चंदन और हल्दी से विशेष अभिषेक के अलावा श्री धर्म संस्था मंदिर के मूल देवता के लिए विशेष अर्चना का आयोजन किया है। मंदिर के मूल देवता कमला के पूर्वजों के कुलदेवता हैं। ग्रामीणों ने एक बड़ा बैनर भी लगाया है जिसपर कमला की तस्वीर है। इस बैनर पर कमला को जीत की शुभकामनाएं दी गयी हैं। Image Source : PTI मदुरै में भी ऐसी ही प्रार्थनाएं की गईं, जहां आध्यात्मिक संगठन अनुशनाथिन अनुग्रहम ने चार नवंबर को एक विशेष प्रार्थना की। अगर कमला चुनाव जीत जाती हैं, तो जिले के पैंगानाडु में गांव के नेता गरीबों को ‘अन्नदानम’ (मुफ्त भोजन) देंगे। अरुलमोझी कहती हैं, ‘कमला के पूर्वज हमारे गांव से हैं... वह एक बड़े पद के लिए लड़ रही महिला हैं और हम चाहते हैं कि वह जीतें।’’ कमला के नाना गोपालन का जन्म इसी गांव में हुआ था। उन्होंने श्री धर्म संस्था मंदिर को करीब एक लाख रुपए का दान दिया था। Image Source : PTI कमला हैरिस ने अपने बचपन के दिनों में भारत का दौरा किया था। वह अपने नाना के साथ समुद्र तट पर लंबी सैर करतीं, जहां उनके नाना अपने दोस्तों के साथ लोकतंत्र और समाज के मुद्दों पर चर्चा करते थे। हैरिस का मानना है कि उन्हीं दिनों में उन्होंने सार्वजनिक सेवा में रुचि लेना शुरू किया। उनकी नानी और नाना तमिलनाडु के थुलसेंद्रपुरम गांव के निवासी थे। यही वह गांव है जहां के लोग अब उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं और हर रोज उनकी जीत की उम्मीद में विशेष पूजा का आयोजन कर रहे हैं। (भाषा इनपुट्स के साथ) यह भी पढ़ें- Explainer: डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस, जानिए किसके चुनाव जीतने से भारत को होगा फायदा? US Presidential Election: कमला हैरिस ने जो बाइडेन के कचरे वाले बयान से बनाई दूरी, दी सफाई Latest India News None

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