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ना CCTV और ना कोई चश्मदीद… इस छोटे से सुराग ने सुलझा दी 70 साल की महिला के ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी

मुंबई में 70 साल की महिला की हत्या का एक ऐसा मामला जिसमें पुलिस ने हर संभव वो तरीका अपनाया नया तो ऐसे मामलों को हल करने के लिए इससे पहले अमल में लाया गया हो। हालांकि पुलिस को कोई भी सुराग नहीं मिला। एक समय ऐसा भी आया जब यह केस बंद होने के कगार पर पहुंच गया हो। पुलिस के पास इस मामले में ना कोई सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा और ना ही कोई चश्मदीद। इसी दौरान एक छोटे से सुराग ने पूरा केस बदल दिया। पुलिस ने हत्या के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। 15 अप्रैल 2021 को मुंबई भांडुप में पुलिस को रतनबेन जैन नाम की 70 वर्षीय महिला का शव मिला था। उनकी गला काटकर हत्या कर दी गई। महिला 1993 से यहां अकेली रह रही थी। उनके घर से करीब 3.5 लाख रुपये के आभूषण भी गायब थे। पुलिस ने इस मामले में महिला की जान पहचान वाले सभी लोगों से पूछताछ की। इलाके में कोई सीसीटीवी मौजूद नहीं था इसलिए कोई अहम सुराग भी नहीं मिल सका। मुंबई पुलिस दो सप्ताह तक स्थानीय पुलिस द्वारा कोई प्रगति नहीं किए जाने के बाद क्षेत्रीय पुलिस उपायुक्त के नेतृत्व में अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई। पुलिस को जांच में पता चला कि महिला अक्सर लोगों को पैसे उधार देती थी। वह खाखरा बनाकर बेचती थी। पुलिस के सामने इसलिए भी बड़ी चुनौती थी क्योंकि वह अपने काम को लेकर कई लोगों से मिलती-जुलती थी। इतना ही नहीं वह अपने दोस्त की ओर से लोगों से किराया भी वसूलती थी। ऐसे में पुलिस ने 250 परिवारों, 30 रिश्तेदारों और अन्य लोगों से पूछताछ की। पुलिस ने मामले में कोई सुराग देने के लिए 51 हजार रुपये के इनाम की भी घोषणा की। इस मामले में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल रहा था। एसीपी ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम भी गठित कर दी। हालांकि एक टीम पहले से ही मामले की जांच कर रही थी। इस बीच धोखाधड़ी के एक मामले में पुलिस द्वारा पहले पूछताछ किए गए एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर ने उन्हें उस मामले की फिर से जांच करने के लिए प्रेरित किया। पुलिस को चला कि 24 साल का इमरान मुन्ने मलिक नाम का एक शख्स उसी इलाके के सैलून में काम करता था। वह अपने पैतृक घर गया था। पुलिस ने जब उसकी जांच की तो पता चला कि उसके खिलाफ एक महिला ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें आरोप था कि उसने उससे 8 लाख रुपये की ठगी की है। कुछ गड़बड़ होने का संदेह होने पर पुलिस ने दीपाली राउत को बुलाया, जिसने मलिक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। राउत ने उन्हें बताया कि मलिक ने 8 लाख रुपये उधार लिए थे और वह पैसे वापस करने के लिए उसका पीछा कर रही थी। इसके बाद पुलिस की एक टीम ने मलिक का पता लगाया और उससे फिर से पूछताछ की। लंबी पूछताछ के बाद, उसने कथित तौर पर जैन की हत्या करने की बात कबूल की, जिसमें उसने कहा कि वह राउत, जिसके साथ वह रिश्ते में था, द्वारा पैसे वापस करने के लिए दबाव महसूस कर रहा था। पुलिस ने कहा कि मलिक जैन को किराया भी देता था और जानता था कि वह घर पर पैसे रखती है। पुलिस ने यह भी पाया कि राउत को भी पैसे के बारे में पता था और हत्या के लिए उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया। आगे पढ़ें पहले काटी बिजली, अब घर पर चला बुलडोजर… संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ प्रशासन का ताबड़तोड़ एक्शन None

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