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कौन हैं अस्पताल में भर्ती BJP सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत? जिन्हें धक्का देने का लगा राहुल गांधी पर आरोप

Parliament News: आंबेडकर विवाद पर गुरुवार सुबह बीआर आंबेडकर पर जुड़े विवाद को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन के सांसद विरोध प्रदर्सन कर रहे थे। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बालासोर से बीजेपी सांसद प्रताप चंद्र सारंगी और फर्रुखाबाद सांसद मुकेश राजपूत को धक्का दिया था, जिसके चलते दोनों ही गंभीर रुप से घायल हो गए। राहुल गांधी का कहना है कि उन सांसदों ने भी धक्का दिया था। संसद में गुरुवार को हुई इस घटना के बाद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रताप सांरगी ने सीधे तौर पर कहा कि राहुल गांधी ने उनके पास खड़े सांसद (मुकेश राजपूत) को धक्का दिया, जिसके चलते दोनों गिर गए और चोटिल हो गए। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के ICU सेक्शन में भर्ती इन दोनों ही सांसदों से पीएम मोदी ने फोन पर बात की। आज की बड़ी खबरें | निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर लगाए गुंडागर्दी करने के आरोप प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत, दोनों ही बीजेपी के सांसद हैं और बीजेपी के जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद थे लेकिन ये कौन हैं, और इनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि क्या है, यह जानना भी अहम है। प्रताप चंद्र सारंगी दो बार के सांसद हैं और दूसरी एनडीए सरकार में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। वे 2019 में तब चर्चा में आए थे, जब दिल्ली जाने से पहले अपने साधारण से घर में एक साधारण बैग पैक करते हुए उनकी तस्वीरें एक्स पर सामने आई थीं। वे मूल रूप से ओडिशा के हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रताप चंद्र सारंगी ने दो दिग्गजों, मौजूदा सांसद रवींद्र कुमार जेना और तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख निरंजन पटनायक के बेटे नवज्योति पटनायक को हराकर 12,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। वहीं पांच साल बाद सारंगी ने बालासोर से लेखाश्री सामंतसिंघर को हराया था। 2024 के अपने चुनावी हलफनामे में सारंगी ने 45.5 लाख रुपये की चल संपत्ति और 4.3 लाख रुपये की अचल संपत्ति घोषित की है। उनकी आय का स्रोत पेंशन औइर कृषि है और उनके खिलाफ नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं। राहुल गांधी पर महिला सांसद ने क्या लगाए आरोप? 1999 में जब ऑस्ट्रेलियाई ईसाई मिशनरी ग्राहम स्टेंस और उनके दो बच्चों को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने क्योंझर में कथित तौर पर जलाकर मार डाला था, तब सारंगी संगठन के राज्य अध्यक्ष थे और उन्होंने मामले में गवाह के तौर पर वाधवा आयोग के सामने गवाही दी थी और कहा था कि मुख्य आरोपी दारा सिंह बजरंग दल से जुड़ा नहीं था। सारंगी राज्य वीएचपी इकाई के वरिष्ठ सदस्य भी रहे। दो बार रहे थे थे विधायक वर्ष 2002 में उड़ीसा पुलिस ने सारंगी को दंगा, आगजनी, हमला और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया था> यह वह वक्त था, जब बजरंग दल सहित हिंदू दक्षिणपंथी समूहों ने उड़ीसा विधानसभा पर हमला किया था। सांसद बनने से पहले सारंगी दो बार विधायक रह चुके हैं। 2004 में बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर और उसके बाद 2009 में नीलगिरी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के तौर पर विधानसभा पहुंचे थे। अब कैसी है चोटिल सांसदों की तबीयत उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से 3 बार सांसद रहे मुकेश राजपूत, को राज्य के प्रमुख लोध नेताओं में से एक माना जाता है, जिन्हें पूर्व सीएम कल्याण सिंह ने चुना था। कल्याणा सिंह के करीबी माने जाने वाले राजपूत 2009 में पूर्व सीएम के साथ BJP से बाहर हो गए और उन्हें उनकी जन क्रांति पार्टी का राज्य उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। बाद में उन्होंने 2000 से 2012 के बीच दो बार फर्रुखाबाद के जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2014 में राजपूत ने मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को हराकर, जायंट किलर बने थे। सलमान खुर्शीद चौथे नंबर पर रहे थे। पांच साल बाद राजपूत ने BSP उम्मीदवार मनोज अग्रवाल और खुर्शीद को हराया, जो इस बार दूसरे रनर अप रहे। हाल के लोकसभा चुनावों में राजपूत ने फिर जीत हासिल की, लेकिन इस बार उन्होंने सपा के नवल किशोर शाक्य को मात्र 2,000 मतों के मामूली अंतर से हराया। मुकेश राजपूत के चुनावी हलफनामे के मुताबिक, राजपूत के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है और उनके पास 1.6 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 7.8 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। संसद से जुड़ी अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। None

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