NATIONAL

Winter Session: नेताओं ने संसद में हमे करोड़ों रुपये का लगा दिया चूना, कारण जान आपको भी आएगा गुस्सा

Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया है, भारी हंगामे के बीच एक बार फिर कई विवाद देखने को मिले। अंबेडकर सम्मान से लेकर कथित धक्का मुक्की तक, कई ऐसी घटनाएं रहीं जिन्होंने सुर्खियां बटोंरी। लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह रही कि एक बार फिर संसद में काम कम हुआ और हंगामा ज्यादा। आंकड़े इस बात की तस्दीक करते दिख रहे हैं। इस बार की संसद 25 नवंबर को शुरू हुई थी, 29 नवंबर तक सिर्फ 40 मिनट की कार्यवाही हुई, यानी कि 4 दिनों में सिर्फ 40 मिनट। इसी तरह अगर 16 दिसंबर से 20 दिसंबर तक का हाल देखें तो फिर बवाल ही ज्यादा रहा और काम ना के बराबर। आखिर के चार दिनों में संविधान पर बहस हुई, एक देश एक चुनाव बिल पेश हुआ और धक्का मुक्की वाले कांड ने विवाद खड़ा किया। असल में यह जो संसद की कार्यवाही चलती है, हर मिनट ढाई लाख खर्च हो रहा है। एक घंटे के हिसाब से देखें तो 1.5 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। बड़ी बात यह है कि यो जो सारा पैसा संसद चलाने में इस्तेमाल हो रहा है, वो आम जनता के टैक्स का पैसा है। इसका मतलब यह है कि जितनी बार भी संसद को स्थगित किया जाता है, नुकसान सिर्फ समय का नहीं हो रहा है बल्कि आम लोगों के पैसों का भी नुकसान हो रहा है। वैसे पिछली बार जब मानसून सत्र हुआ था, तब जरूर सदन में ज्यादा काम भी देखने को मिला और कार्यवाही भी सुचारू रूप से चलती दिखी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने खुद बताया था कि मानसून सत्र के दौरान 115 घंटे की कार्यवाही हुई थी, 136 फीसदी काम हुआ था। यह लोकसभा में निर्धारित समय का 123 फीसदी रहा तो वहीं राज्यसभा में 110 फीसदी। बड़ी बात यह रही कि उस दौरान 12 सरकारी विधेयक संसद में पेश हुए थे, 4 को पारित भी किया गया। तब तो संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने भी कहा था कि कई सालों बाद संसद अच्छे तरीके से चला। लेकिन इस बार शीतकालीन सत्र के लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता। इस बार तो लगातार ही संसद स्थगित होती रही, सिर्फ एक देश एक चुनाव बिल और संविधान बहस के दौरान थोड़ी बहुत संसद चली, लेकिन उसके अलावा पूरी कार्यवाही हंगामे के भेंट चढ़ी। लोकसभा और राज्यसभा की दूसरी खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें None

About Us

Get our latest news in multiple languages with just one click. We are using highly optimized algorithms to bring you hoax-free news from various sources in India.