NATIONAL

‘समलैंगिक पार्टनर साथ रह सकते हैं, पैरेंट्स न दें दखल’, जानिए किस मामले में हाई कोर्ट ने की टिप्पणी

Andhra Pradesh High Court: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि समलैंगिक जोड़े साथ रह सकते हैं। इसका उनको अधिकार है। इसमें उनके माता-पिता को इंटरफेयर करने जरूरत नहीं है। जस्टिस आर रघुनंदन राव और जस्टिस महेश्वर राव कुंचीम की खंडपीठ ने 25 वर्षीय (याचिकाकर्ता) की याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि उनके माता-पिता ने उनको अपने समलैंगिक के साथ रहने से रोका। साथ ही उनकी इच्छा के खिलाफ जाकर हिरासत में रखा। इस दौरान उनको नरसीपटनम में उनके घर पर रखा गया था। याचिकाकर्ता पिछले एक साल से विजयवाड़ा में रह रही थीं। उनके पिता ने जब उन्हें उनकी इच्छा के बिना घर में रखा तो उनके पार्टनर ने पुलिस में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने उनको उनके पिता के घर से खोज निकाला। उन्हें 15 दिनों के लिए एक कल्याण गृह में रखा गया। इसके बाद उन्होंने पुलिस को बयान दिया कि वो बालिग हैं और अपने समलैंगिक पार्टनर के साथ रहना चाहती हैं। 17 दिसंबर को कोर्ट ने याचिकाकर्ता के माता-पिता को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि उनकी बेटी वयस्क है और अपने फैसले खुद ले सकती हैं। इससे पहले सितंबर महीने में भी याचिकाकर्ता ने अपने पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके माता-पिता उनके रिश्ते और अन्य मुद्दों को लेकर उन्हें परेशान कर रहे हैं। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद वो विजवाड़ा आ गई थीं। काम पर जाने लगीं और अपने पार्टनर से भी मिलने लगीं। चुनाव से पहले केजरीवाल ने दिल्ली में खेला ‘पूर्वांचल कार्ड’, रोहिंग्याओं का जिक्र कर जेपी नड्डा पर लगाए गंभीर आरोप लेकिन इसके बाद उनके पिता फिर से विजयवाड़ा आए और अपनी बेटी को जबरन गाड़ी में ले गए। याचिकाकर्ता के वकील जदा श्रवण कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसलों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता अपने माता-पिता और परिवार के अन्य लोगों के साथ नहीं रहना चाहती हैं और अगर वो उन्हें उनके पार्टनर के साथ रहने देते हैं तो वो अपने पिता के खिलाफ दर्ज शिकायत वापस ले लेंगी। कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के परिवार के सदस्यों के खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जानी चाहिए क्योंकि वो शिकायत वापस लेने को तैयार हैं। हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका के अलावा, पिता ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी के पार्टनर और उनके परिवार के लोगों ने उनकी बेटी का अपहरण किया है। यह भी पढ़ें- ‘राम मंदिर बनवाने से कोई हिंदू नेता नहीं बन जाता…’, भागवत किस पर साध रहे निशाना? कभी 5 तो कभी 15 दिन रहे CM, कार्यकाल पूरा हुआ तो चुनाव में मिली बुरी हार… ऐसे रहे OP चौटाला के पांचों टर्म None

About Us

Get our latest news in multiple languages with just one click. We are using highly optimized algorithms to bring you hoax-free news from various sources in India.