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NCB ने ATS गुजरात के साथ मिलकर भोपाल की बंद फैक्ट्री में की रेड, 1800 करोड़ रुपये की ड्रग्‍स बरामद, दो आरोपी गिरफ्तार

Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने गुजरात एटीएस के साथ मिलकर शनिवार को एक फैक्ट्री में रेड की। यहां पर 1800 करोड़ रुपये की कीमत की ड्रग्स बरामद हुई है। इस मामले में एक्शन लेते हुए दो आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया। सबसे बड़ी बरामदगी के बारे में जानकारी देते हुए गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने “ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई” के लिए टीम की जमकर तारीफ की। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में बड़ी जीत के लिए गुजरात एटीएस और एनसीबी, दिल्ली को बधाई। हाल ही में, उन्होंने भोपाल में एक फैक्ट्री पर छापा मारा और एमडी और एमडी बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जब्त की, जिसकी कुल कीमत 1814 करोड़ है। यह उपलब्धि ड्रग तस्करी और दुरुपयोग से निपटने में हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अथक प्रयासों को दर्शाती है। हमारे समाज के स्वास्थ्य और सुरक्षा की रक्षा में उनके सहयोगात्मक प्रयास महत्वपूर्ण हैं। हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों का समर्पण वास्तव में सराहनीय है। आइए भारत को सबसे सुरक्षित और स्वस्थ राष्ट्र बनाने के उनके मिशन में उनका समर्थन करना जारी रखें।’ ‘यहां हर जगह ड्रग्स उपलब्ध हैं…’, गोवा के मंत्री ने दिया विवादित बयान, CM प्रमोद सावंत को देनी पड़ी सफाई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह छापेमारी 2,500 वर्ग गज के शेड में चल रही एक फैक्ट्री में की गई। गुजरात एटीएस के अधिकारी बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ियों में पहुंचे और एनसीबी के साथ मिलकर छापेमारी की। शुरुआती पूछताछ में पता चला कि सान्याल प्रकाश बाने को इससे पहले 2017 में मुंबई के अंबोली में पुलिस ने एमडी ड्रग के एक ऐसे ही मामले में गिरफ्तार किया था। पांच साल जेल में रहने के बाद उसने अमित चतुर्वेदी के साथ मिलकर अवैध ड्रग निर्माण का काम शुरू कर दिया। दोनों ने छह-सात महीने पहले बागरोदा इंडस्ट्रियल एरिया में एक शेड किराए पर लिया। यहीं पर उन्होंने बैन की गई सिंथेटिक दवा मेफेड्रोन को बनाने के लिए कच्चा माल इकट्ठा करना शुरू कर दिया। टीम ने और भी कई तरह की चीजें जब्त की हैं। उन्होंने ग्राइंडर, मोटर, कांच की कुप्पी और हीटर समेत तमाम उपकरण जब्त किए हैं। अधिकारी अब इस बात की जांच में जुटे हुए हैं कि इस अवैध गतिविधि में आरोपी कितने टाइम से शामिल थे। ड्रग्स को कहां पर बेचा जा रहा था और इसमें फंडिंग का जरिया क्या था। इतना ही नहीं अधिकारी यह भी देख रहे हैं कि इसमें और कितने लोग शामिल थे। None

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