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Mutual Funds Topper : ये 20 म्यूचुअल फंड बने 2024 के टॉपर, इसी साल 45 से 70% मिला रिटर्न, क्‍या आपने की है SIP

Follow Us Equity Funds AUM : इक्विटी म्‍यूचुअल फंड का एयूएम इस साल 35 फीसदी बढ़कर नवंबर 2024 के अंत तक 30.35 लाख करोड़ रुपये हो गया. (Pixabay) Mutual Fund Show in 2024 : साल 2024 एक तरह से म्‍यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री के नाम रहा है. साल 2024 में ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंडों की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) करीब 29 फीसदी बढ़कर नवंबर 2024 के अंत तक 67.81 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है. जबकि जनवरी 2024 के शुरू में यह 52.44 लाख करोड़ रुपये था. एयूएम के मामले में इक्विटी म्‍यूचुअल फंड कैटेगरी लीडर रहा है. इक्विटी म्‍यूचुअल फंड का एयूएम इस साल 35 फीसदी बढ़कर नवंबर 2024 के अंत तक 30.35 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो जनवरी 2024 की शुरूआत में 22.50 लाख करोड़ रुपये था. अक्‍टूबर और नवंबर लगातार 2 ऐसे महीीने रहे, जब एसआईपी इनफ्लो 25000 करोड़ रुपये के पार रहा. इस साल कम से कम 20 ऐसे इक्विटी फंड हैं, जिनमें 45 से 70 फीसदी रिटर्न मिला है. NPS Active Choice : एनपीएस में एक्टिव च्वॉइस दिलाएगा ज्यादा फायदा, 1 लाख रुपये पेंशन का इंतजाम करना होगा आसान मिरे एसेट S&P 500 टॉप 50 ETF FoF : 68% मोतीलाल ओसवाल मिड‍कैप फंड : 61.30% LIC म्‍यूचुअल फंड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फंड : 58% मोतीलाल ओसवाल नैसडेक 100 FOF : 57.20% मोतीलाल ओसवाल ELSS टैक्‍स सेवर फंड : 55.74% HDFC डिफेंस फंड : 54% मोतीलाल ओसवाल लार्ज एंड मिडकैप फंड : 53% बंधन स्‍मॉलकैप फंड : 52% HDFC फार्मा एंड हेल्‍थकेयर फंड : 51.58% इन्‍वेस्‍को इंडिया मिडकैप फंड : 50% मोतीलाल ओसवाल फ्लेक्‍सी कैप फंड : 50% इन्‍वेस्‍को इंडिया फोकस्‍ड फंड : 50% LIC म्‍यूचुअल फंड हेल्‍थकेयर फंड : 48% बंधन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर फंड : 47.32% HSBC मिडकैप फंड : 47.32% ICICI प्रू फार्मा हेल्‍थकेयर एंड डायग्‍नोस्टिक फंड : 47.28% SBI लॉन्‍ग टर्म एडवांटेज Sr V फंड : 46.51% LIC म्‍यूचुअल फंड स्‍मॉलकैप फंड : 45.85% ITI फार्मा एंड हेल्‍थकेयर फंड : 45.82% HSBC लार्ज एंड मिडकैप फंड : 45.26% SIP का पावर : कमजोर रेटिंग के बावजूद इस स्‍कीम ने 284 गुना बढ़ा दिया पैसा, 1,000 रुपये की SIP से बना 2 करोड़ का कॉर्पस म्यूचुअल फंड में निवेश की बात करें तो इसमें सीधे स्‍टॉक मार्केट में किए गए निवेश की तुलना में रिस्‍क कम होता है. इसका एक सबसे बड़ा कारण यह है कि म्‍यूचुअल फंड किसी एक ही स्‍टॉक या एक ही कंपनी में निवेश नहीं करते हैं. उनके पोर्टफोलियो में उस स्‍कीम की कैटेगरी के हिसाब से कई स्‍टॉक शामलि होते हैं. जैसे अगर फंड लार्जकैप कैटेगरी का है तो पोर्टफोलियो में मजबूत फंडामेंटल वाले कई लार्जकैप स्‍टॉक होंगे. यही बात मिडकैप और स्‍मॉलकैप कैटेगरी में लागू होती है. जबकि फंड अगर मल्‍टीकैप कैटेगरी का है तो उसके पोर्टफोलियो में हर मार्केट कैप के अलग अलग स्‍टॉक शामिल होते हैं. निप्‍पॉन इंडिया की इस स्कीम ने अपनी कैटेगरी में किया टॉप, 12 साल में 19 गुना कर दिया पैसा, SIP करने पर 28% एनुअलाइज्ड रिटर्न जो निवेशक सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, लेकिन ज्यादा रिटर्न की इच्छा रखते हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड बेहतर है. म्‍यूचुअल फंड में काबिल और अनुभवी फंड मैनेजर की देखरेख में निवेश किया जाता है. फंड मैनेजर अपनी स्‍टडी या रिसर्च के आधार पर किसी म्‍यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो में शेयरों को शामिल करता है. उनका ध्‍यान मजबूत ग्रोथ वाली और मुनाफा कमाने वाली कंपनियों पर होता है, ताकि इसका फायदा स्‍टॉक में ग्रोथ के रूप में मिले. (Fund Performance Source : value research) (नोट : किसी भी इक्विटी फंड में पुराना रिटर्न आगे भी जारी रहेगा या नहीं, इसकी गारंटी नहीं है. यह भविष्य में कायम भी रह सकता है और नहीं भी. बाजार में जोखिम होती है, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.) None

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