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PM Kisan, PM-KMY, PMFBY, KCC : किसानों के लिए सरकार चला रही है 5 स्कीम, पेंशन, लोन, आर्थिक मदद से लेकर बीमा तक का लाभ

Follow Us National Farmers Day: आज यानी 23 दिसंबर को देशभर में राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जा रहा है. Photograph: (PIB) National Farmers Day, 23rd December Kisan Diwas : आज राष्ट्रीय किसान दिवस है. आज 23 दिसंबर के दिन देश किसान दिवस मना रहा है. ये दिवस आज के दिन हर साल देश के अर्थव्यवस्था की नींव रखने वाले किसानों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है. खास मौके पर केंद्र सरकार द्वारा किसानों को सशक्त बनाने और उनकी बेहतरी के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानेंगे. जिनमें किसानों के लिए पेंशन, लोन, आर्थिक मदद से लेकर बीमा तक शामिल हैं. पीएम-किसान योजना का लाभ आज देश के करोड़ों किसानों को मिल रहा है. 24 फरवरी 2019 को शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य देश भर के भूमिधारक किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करना है. इस योजना के तहत, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर तकनीक के जरिए तीन बराबर किस्तों में हर साल किसानों के बैंक खातों में सीधे 6,000 रुपये भेजे जाते हैं. इसकी शुरुआत से लेकर अब तक केंद्र सरकार 18 किस्तों में 11 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में कुल मिलाकर 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक भेज चुकी है. Also read: GST Council meet: किस पर जीएसटी से मिली राहत, क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा, बैठक के सभी अहम फैसलों की लिस्ट 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) का उद्देश्य किसानों को बेहद कम प्रीमियम पर फसल बीमा देना है, जो बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद के चरणों में प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को कवर करता है, जिससे त्वरित और पर्याप्त मुआवजा सुनिश्चित होता है. अपनी शुरुआत से लेकर अब तक इस योजना ने 68.85 करोड़ किसान आवेदनों का बीमा किया है और 1,65,966 करोड़ रुपये के दावे वितरित किए हैं. 12 सितंबर 2019 को शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना यानी पीएम-केएमवाई (PM Kisan MaanDhan Yojana) मासिक पेंशन की पेशकश करके कमजोर किसान परिवारों को सुरक्षा प्रदान करती है. 18 से 40 साल के किसान इस योजना में रकम हर महीने कॉन्ट्रिब्यूट करते हैं, जिसके बराबर राशि सरकार की ओर जमा की जाती है. देश के किसानों के लिए शरू की गई पीएम मानधन पेंशन स्कीम के पेंशन फंड को मैनेज करने की जिम्मेदारी एलआईसी के पास है. 12 सितंबर 2019 से लेकर 25 नवंबर 2024 तक 24.66 लाख से अधिक किसानों ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन कराया है, जो उनके बुढ़ापे के दौरान वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है. Also read : PF Balance Check: सैलरी से हर महीने कट जाता है पैसा लेकिन पीएफ खाते में जमा हुआ या नहीं, ऐसे करें चेक संशोधित ब्याज अनुदान योजना यानी मॉडिफाइड इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम (Modified Interest Subvention Scheme-MISS) 3.00 लाख रुपए तक के ऋण पर 7% ब्याज दर के साथ रियायती अल्पकालिक कृषि ऋण प्रदान करती है, साथ ही समय पर पुनर्भुगतान के लिए अतिरिक्त 3% अनुदान भी देती है, जिससे प्रभावी दर 4% रह जाती है. 2014-15 से, कृषि के लिए संस्थागत ऋण प्रवाह 8.5 लाख करोड़ रुपए से लगभग तिगुना बढ़कर 2023-24 तक 25.48 लाख करोड़ रुपए हो गया है. आसान और रियायती फसल ऋणों का वितरण दोगुना से अधिक हो गया है, केसीसी के माध्यम से ब्याज सब्सिडी 2023-24 में 2.4 गुना बढ़कर 14,252 करोड़ रुपए हो गई है. 1998 में शुरू की गई किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card-KCC) स्कीम किसानों को उनकी उत्पादन आवश्यकताओं के लिए कृषि इनपुट और नकदी तक आसान पहुंच प्रदान करती है. फरवरी 2019 में, रिजर्व बैंक ने कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के लिए पशुपालन और मत्स्य पालन को केसीसी सुविधा प्रदान की. 31 मार्च 2024 तक, 7.75 करोड़ सक्रिय केसीसी खाते हैं. किसानों के नेता के रूप में लोकप्रिय भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जन्मजयंती के अवसर पर हर साल 23 दिसंबर के दिन किसान दिवस मनाया जाता है. चौधरी चरण सिंह 1979 से 1980 तक प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किसानों को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने डेट रिडेम्पशन बिल (Debt Redemption Bill 1939) जैसे महत्वपूर्ण सुधार पेश किए, जिसने किसानों को शोषक साहूकारों से मुक्त किया और भारत में कृषि स्वावलंबन को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाने वाली नीतियों को लागू किया. उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार में चौधरी चरण सिंह के योगदान ने कृषि परिदृश्य को बदल दिया. उनकी विरासत को मान्यता देने के लिए, नई दिल्ली में उनका स्मारक किसान घाट नाम से जाना जाता है. भारत सरकार ने साल 2001 में किसान दिवस की तारीख 23 दिसंबर तय की. सरकार ने किसानों के उत्थान की दिशा में चौधरी चरण सिंह के योगदान को याद करने के लिए इस दिन को किसान दिवस के रूप में नामित किया था. यह दिन किसान कल्याण के लिए उनके दृष्टिकोण को रेखांकित करता है और देश के विकास में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है. किसान दिवस के लिए इस बार की थीम एक समृद्ध राष्ट्र के लिए अन्नदाताओं को सशक्त बनाना (Empowering 'Annadatas' for a Prosperous Nation) पर आधारित है. यह थीम किसानों को संसाधन और अवसर प्रदान करने के महत्व पर जोर देता है ताकि स्थायी कृषि विकास और राष्ट्रीय समृद्धि सुनिश्चित की जा सके. None

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