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Ground Report: गया के सबसे बडे छठ घाट पर नहीं हो सकी है चेंजिंग रुम की व्यवस्था, नदी किनारे जमा है काई, देखें VIDEO

गया. नहाय खाय के साथ आज से छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है. यह चार दिनों तक चलने वाला महापर्व है और पारण के दिन 8 नवंबर को इसका समापन होगा. छठ महापर्व को लेकर गया जिला प्रशासन ने दावा किया है कि गया शहर के सभी छठ घाटों के साथ-सफाई लाइटिंग और चेंजिंग रूम के व्यवस्था पूरी कर ली गई है. हालांकि लोकल 18 की टीम ने शहर के सबसे बड़े छठ केंदुई घाट का जायजा लिया तो पता चला यहां पर बेहतर तरीके से ना ही साफ-सफाई की गई है और ना ही श्रद्धालुओं के लिए चेंजिंग रुम की व्यवस्था की गई है. केंदुई घाट की नहीं हो सकी है पूरी सफाई नदी में स्नान करने आई छठ व्रती का लिए कपड़ा बदलने के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था नहाय खाय के दिन भी नहीं कि गई है. ऐसे में स्थानीय लोगों ने भी जिला प्रशासन के द्वारा किए गए तैयारी पर सवाल खड़ा किया है. स्थानीय लोगों की माने तो छठ महापर्व के साफ-सफाई को लेकर जिला प्रशासन ने खानापूर्ति की है. घाट के आस-पास कई जगह पर गंदगी के साथ नदी में काई जमा हुआ है. हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा यहां पर लाइटिंग, वॉच टावर आदि की व्यवस्था कर चूकी है. बता दें कि केंदुई छठ घाट शहर के सबसे बडे छठ घाट में से एक है और यहां पर शहर के 50 फीसदी से अधिक श्रद्धालु इसी घाट पर आते हैं. केंदुई घाट में जुटती है सर्वाधिक भीड़ स्थानीय वार्ड पार्षद प्रतिनिधि साकेत कुमार सिंह ने लोकल 18 को बताया कि घाट की साफ- सफाई को लेकर जो- शोर से काम कर रहें हैं, और जल्द ही साफ सफाई के साथ चेंजिंग रुम की व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी. बता दें कि केंदुई छठ घाट के अलावे गया शहर में रामशीला गाट, महेश्वर घाट, सूर्यकुंड तालाब, सूर्य पोखर घाट मानपुर, देवघाट, सीताकुंड, सिंगरा स्थान घाट बनाया गया है. गया शहर में स्थित सरयू घाट और झारखंडी घाट को प्रतिबंधित कर दिया है. जिलाधिकारी डाॅ त्यागराजन एसएम ने बताया कि केंदुई घाट पर काफी भारी संख्या में लोग उपस्थित होते हैं. नगर निगम को कहा है कि केंदुई घाट को और अच्छे तरह साफ कराएं. उन्होंने बताया कि दूर-दूर से आने वाले छठ व्रती इसी घाट पर भगवान सूर्य का अर्घ्य देते हैं. घाट पर बनाए जाएंगे चेंजिंग रूम जिलाधिकारी डाॅ त्यागराजन एसएम ने बताया कि केंदुई घाट पर भीड़ अधिक होने के कारण चार-पांच अलग-अलग सब घाट बनाया जाता है, जिससे भीड़ नियंत्रित रहती है. उन्होंने अपर समाहर्ता आपदा को निर्देश दिया कि केंदुई घाट काफी बड़ा घाट है. इसलिए, इस घाट पर माइकिंग सिस्टम दुरुस्त रहनी चाहिए. साथ ही जगह-जगह चेंजिंग रूम बनवाना सुनिश्चित करें और सीसीटीवी लगवाएं. केंदुइ घाट आने के सभी रास्तो को स्मूथ/ चलंत/ समतल बनाने का निर्देश दिश है. इसके साथ ही रौशनी की पूरी व्यवस्था रखने के लिए सूची जारी की गई है. वहीं जिले के खतरनाक एवं अनुपयुक्त घाटों को लाल रंग से घेर कर यहां दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. जन-सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने आम लोगों से इन खतरनाक घाटों की ओर नहीं जाने का आह्वान किया है. सदर अनुमंडल अंतर्गत खतरनाक एवं अनुपयुक्त घाट फतेहपुर के चमुआड़ा गांव घाट, नगर प्रखंड अंतर्गत सरयू घाट जेल प्रेस के पीछे, कोसमा पहाड़ी घाट चाकंद के बॉली घाट झारखंडी घाट, डंडिबाग के समीप शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत प्रतिबंधित घाट डुमरिया क्षेत्र के पक्का बांध दक्षिणी छोर महुड़ी बांके बाजार क्षेत्र के खतरनाक घाट बिशुनपुर तालाब बेतालघाट पूर्वी छोर बारा घाट पश्चिमी छोर उचला घाट पश्चिमी छोर आमस क्षेत्र के पहाड़पुर डैम बाराचट्टी क्षेत्र के बड़का पोखर सरवा शिवगंज तालाब मोहनपुर क्षेत्र के लाडू के पुरानी नदी नोट- नीमचक बथानी और टिकारी अनुमण्डल क्षेत्र में कोई प्रतिबंधित छठ घाट नहीं है. Tags: Bihar Chhath Puja , Bihar News , Chhath Puja , Gaya news , Ground Report , Local18 Tourism: पुष्कर जाने पर जरूर गुजारें यहां रात, देखने को मिलेगा बेहतरीन नजारा पिछली 10 पारी में रोहित और विराट ने मिलकर नहीं बनाए जितने रन, केएल राहुल ने अकेले किया उससे ज्यादा स्कोर, आंकड़े हैरान कर देंगे 220 करोड़ी SUPERHIT फिल्म, सिनेमाघरों में गूंजा था हीरो का ताबड़तोड़ एक्शन, 10 साल बाद भी OTT पर मचा रही धमाल 99 दिनों में तैयार हुई फिल्म, मिस्ट्री थ्रिलर ऐसा छूट जाएगा पसीना, हर 'मंगलवार' होता है मौत का तांडव Onion Farming: किसान प्याज की इस नस्ल की करें खेती, मात्र 100 दिनों में हो जाएगी तैयार; लागत का 75% पैसा देगी सरकार हैदराबाद में यहां मिलती है गजब की चाय, एक बार पी लिया तो भूल नहीं पाएंगे स्वाद Banana Vinegar: ऐसे तैयार करते हैं केले का सिरका, बनने में लगता है 3 महीने का समय बुखार की दुश्मन है ये जड़ी-बूटी, डेंगू-टाइफाइड में कारगर, इम्यूनिटी भी करती है बूस्ट पान है या गड़ा हुआ खजाना! कीमत 5000 रुपये, जानिए क्यों है इतना महंगा None

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