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बेहद खास है 'गौरी' गाय, परिवार का है अहम हिस्सा, चारा चरकर खुद आ जाती है घर

गौरी गाय: खुद से चरने वाली समझदार गाय कुंजबिहारी बताते हैं कि उनकी गाय गौरी इतनी समझदार है कि उसे चराने के लिए किसी की जरूरत नहीं होती. गौरी खुद ही पास के हार और खेतों से चारा चरकर वापस घर आ जाती है. कुंजबिहारी का कहना है कि जहां भैंस को चराने के लिए किसी व्यक्ति की आवश्यकता होती है, वहीं गौरी को अकेला छोड़ दिया जाए तो भी वह सुरक्षित तरीके से घर लौट आती है. ऐसी समझदार गाय पाना भाग्य की बात होती है, और कुंजबिहारी मानते हैं कि उनकी गौरी उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है. कम खर्च और विशेष देखभाल के बिना पालन कुंजबिहारी कहते हैं कि गाय को पालना भी सस्ता और सरल होता है. भैंस की तुलना में गाय को खाने और देखभाल में बहुत कम खर्च आता है. गाय की देखभाल करने में जहां ज्यादा समय और संसाधन की आवश्यकता नहीं होती, वहीं गौरी जैसी गाय खुद ही भोजन-पानी का प्रबंध कर लेती है. कुंजबिहारी के अनुसार, उन्होंने पहले केवल भैंसें ही पाली थीं, लेकिन उनके गुरु जी की सलाह पर उन्होंने गाय पालनी शुरू की. घर की सदस्य जैसी है गौरी गौरी का घर में खास स्थान है. कुंजबिहारी कहते हैं कि गौरी इतनी घुल-मिल गई है कि उसे भूख लगती है तो वह सीधे रसोईघर में आ जाती है, और प्यास लगती है तो आंगन में रखे पानी के पास जाती है. गौरी को घर का सदस्य माना जाता है, और उसका व्यवहार ऐसा है जैसे वह भी परिवार का एक हिस्सा हो. उसका जन्म और पालन-पोषण इसी घर में हुआ है, इसलिए वह यहां की हर चीज़ से परिचित है. गाय को हिन्दू धर्म में पवित्र और पूजनीय माना गया है. इसे ‘गौ माता’ का दर्जा दिया गया है और मान्यता है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. गोवर्धन पूजा के अवसर पर लोग गाय की पूजा करते हैं और उसका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. कुंजबिहारी भी गोवर्धन पूजा के अवसर पर गौरी की पूजा करते हैं और अपने परिवार में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. गौ माता से जुड़ी वस्तुओं का महत्व हिन्दू धर्म और ज्योतिष में गाय से जुड़ी हर वस्तु को पवित्र माना गया है. गौ मूत्र, गाय का गोबर, उसके खुर और पूंछ के बाल भी शुद्ध माने जाते हैं और इनका उपयोग पूजा-पाठ और ज्योतिष में विशेष रूप से होता है. गोबर से बने उपले, जिसे ‘कंडे’ कहते हैं, का इस्तेमाल हवन में किया जाता है, जबकि गौ मूत्र का उपयोग कई धार्मिक कार्यों में किया जाता है. Tags: Chhatarpur news , Local18 , Madhyapradesh news सर्दियों में आपका सबसे बड़ा सहारा बनेगा ये सस्ता पत्ता! डायबिटीज होगी कंट्रोल, बस पी लें इसकी चाय की चुस्की फेमस है आलू की चाट, पनीर-ड्राई फ्रूट्स से होती है तैयार, 25 सालों से स्वाद में हिट दाल-चावल में लग गए हैं घुन तो ना हों परेशान, आजमाएं ये घरेलू नुस्खे, मिल जाएगा राशन में कीड़े लगने से छुटकारा मछली पालन के हैं शौकीन, तो कम लागत में होगा तगड़ा मुनाफा, जाल, लाइफ जैकेट और पंप पर मिलेगी सब्सिडी Chhath Puja: पटना के घाटों पर चढ़ा साज-सज्जा और श्रृंगार का उत्सव रंग, रात में देखें कैसा लग रहे हैं छठ घाट इन बीमारियों के लिए काल हैं ये दाने! माइग्रेन में भृंगराज रस के साथ करें इस्तेमाल, दादी-नानी भी करती थीं यही उपाय प्रियंका चोपड़ा ने किया रिजेक्ट, फिल्म बनी ऐश्वर्या राय की सबसे बड़ी DISASTER, तबाह हुआ डायरेक्टर का करियर रीवा रेडक्रॉस में इस बार बुजुर्गों ने उप मुख्य मंत्री संग जलाये दिये और फोड़े पटाखे, देखें फोटोज झील के बीच में खड़ा है राजस्थान का ये मंदिर, जहां से शाहजहां को मिली थी ताजमहल बनवाने की प्रेरणा None

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