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Wooden Toys: 200 साल पुराने खिलौनों को मिलेगा GI Tag? खासियत जान आपको भी याद आ जाएगा बचपन

सागर: बचपन में लकड़ी के खिलौने तो बहुत लोगों ने खेले होंगे. जब ये बेजुबान खिलौने बोलते थे तब बचपन खिलखिला उठता था. हालांकि, आज के आधुनिक समय में अब ऐसे खिलौनों की पूछ बहुत कम हो गई है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश के बुधनी में बनने वाले खिलौने को जीआई टैग दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. यहां रंग-बिरंगे खिलौने सफेद रंग की दूधी लकड़ी से तैयार किए जाते हैं. यहां के कारीगर भी खिलौनों में जान फूंक देते हैं. लाइवलीहुड एंड Beyond फाउंडेशन की अध्यक्ष ओसीन मुराब बताती हैं कि सीहोर में करीब 200 साल से पीढ़ी दर पीढ़ी लकड़ी के खिलौने बनाने का काम होता रहा है. साल 2021 में इसे ‘एक जिला एक उत्पाद’ में भी शामिल किया गया था. दूधी लकड़ी की खासियत की वजह से यहां के खिलौने दूर-दूर तक प्रसिद्ध हैं. अब यहां के खिलौनों को संगठन के द्वारा जीआई टैग दिलाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे तैयार हो रहे खिलौने वहीं, कारीगर बताते हैं कि खिलौने का एक जैसा चलन होने की वजह से इनके अस्तित्व पर खतरा आ गया था. लेकिन, मॉडर्न और नए कलेवर में खिलौने तैयार होने से अब उनकी चमक वापस लौट आई है. यहां छोटे बच्चों के लिए खिलौने तैयार होते हैं. इसके बाद एजुकेशन के लिए पजल वगैरह भी तैयार होने लगे हैं. इसके अलावा लेकर के खिलौने भी बनाए जा रहे हैं, जिसमें वेजिटेबल से बनने वाले रंगों का इस्तेमाल होता है. इसलिए दूधी के खिलौने खास सीहोर के बुधनी में और आसपास दूधी नाम के पेड़ पाए जाते हैं, जो और कहीं नहीं होते. इसकी लकड़ी वजन में बेहद हल्की होती है. खेलते समय किसी बच्चे के ऊपर गिर जाए तो उन्हें कभी चोट नहीं लगती. दूसरा अक्सर बच्चे किसी भी खिलौने से खेलते समय उसे मुंह में डाल लेते हैं तो इसमें जिन रंगों का इस्तेमाल किया जाता है वह नेचुरल होते हैं. इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. वहीं, दूधी लकड़ी में औषधीय गुण होते हैं, जो बच्चों के मुंह में डालने पर नुकसान नहीं करते. वहीं, बुधनी के जंगलों में पाई जाने वाली दूधी लकड़ी को वन विभाग द्वारा कम दाम पर शिल्पकारों को उपलब्ध कराया जाता है. Tags: GI Tag , Local18 , Mp news , Sagar news भारतीय किसानों की जान हैं ये 5 दमदार रोटावेटर... जानें खासियत और कीमत! कितने दिन के लिए लेना है लोन, कैसे करेंगे तय, इन 7 बातों का रखें ध्यान खेसारी लाल यादव कमाल, तो उनका बेटा 'डबल धमाल', लाखों में है इनके फॉलोअर्स, भोजपुरी इंडस्ट्री में भी नाम भारत का वो पड़ोसी देश, जहां राजा घर के लिए देता है मुफ्त जमीन, बिजली, पानी, इलाज और पढ़ाई सब फ्री, बस ये काम नहीं कर सकते दिव्यांगजनों को इस योजना के तहत बांटी गई साइकिल और व्हीलचेयर! जानें योजना के बारे में... Sand Art: रेत कलाकृति से मधुरेन्द्र ने जीता लोगों का दिल, मधुबनी महोत्सव में जल, जीवन, हरियाली का दिया संदेश जब कोरिया की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों को कुचलने को उतर आए थे टैंक, हुआ था खून-खच्चर घर में सजावट के लिए पानी में उगने वाले पौधे, जो बिना मिट्टी के भी भर देंगे हर कोने में हरियाली! छत्तीसगढ़ की इन जगहों के आगे मॉरीशस भी भरता है पानी! आपका प्री वेडिंग शूट बन जाएगा रोमांटिक, यादगार रहेंगे पल None

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