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गोपालगंज में इस दुकान पर 14 रुपए में लिट्टी के साथ मिलते हैं सात आइटम, दूर-दूर से खाने आते हैं लोग

गोपालगंज. बिहार में जब खाने- पीने की बात आती है, तो जेहन में पहले डिश का नाम आता है वह है- लिट्टी चोखा. बिहार के सभी क्षेत्रों में लिट्टी- चोखा मशहूर है. गोपालगंज शहर में भी एक ऐसी जगह है, जो लिट्टी- चोखा के लिए फेमस है. गोपालगंज शहर के जादोपुर रोड में दुर्गा मंदिर के समीप लगभग आधा दर्जन लिट्टी- चोखा की दुकान ठेले पर लगती है. यहां दूर-दूर से लोग लिट्टी स्वाद का जायका लेने आते हैं. शहर के कई लोगों को तो यहां खाने की लत लग चुकी है. उन लोगों की मानें तो गोपालगंज में आए और इस जगह का लिट्टी चोखा नहीं खाया, तो समझो आना बेकार हो गया. लोकल-18 की टीम ने भी लिट्टी- चोखा के इस चर्चित स्वाद की जानकारी लेने इन दुकानों पर पहुंच गई. दुकानदारों से रेसिपी को जाना, तो के ग्राहकों से स्वाद का रिव्यू लिया. अधिकतर ग्राहकों का कहना था कि स्वाद के लिये 10 में 10 नंबर दे दिया जाए. महज 14 रुपये में लिट्टी- चोखा के साथ सात आइटम लिट्टी- चोखा यहां काफी कम दाम पर मिल जाता है. महज 15 रुपए में दो लिट्टी और उसके साथ चोखा तथा सात सामग्रियां मिल जाती हैं, जिसमें चोखा के अलावा दो तरह की चटनियां, एक तरह के अचार, तेल में अजवाइन के साथ भुना हुआ मिर्चा, कटा हुआ प्याज व मूली मिल जाता है. बड़े ही चाव से लोग इसे खाते हैं. वही जब लिट्टी घी में लगी होती है, तो दो लिट्टियों का दाम ₹5 बढ़कर ₹20 हो जाता है. 40 सालों से चल रहा है दुकान दुकानदार बताते हैं कि यहां पिछले 40 सालों से दुकान चल रहा है. वहीं कई युवा ग्राहकों का कहना था उनके जन्म से पहले दुकान यहां लग रही है. और तब से ही इसका नाम आसपास के क्षेत्र में चर्चा में है. Tags: Bihar News , Gopalganj news , Local18 2024 में बॉक्स ऑफिस पर खूब हुई उठा-पटक, 6 साउथ फिल्मों का चला जादू, आखिरी मूवी ने किया 24 गुना ज्यादा कलेक्शन भारतीय किसानों की जान हैं ये 5 दमदार रोटावेटर... जानें खासियत और कीमत! कितने दिन के लिए लेना है लोन, कैसे करेंगे तय, इन 7 बातों का रखें ध्यान खेसारी लाल यादव कमाल, तो उनका बेटा 'डबल धमाल', लाखों में है इनके फॉलोअर्स, भोजपुरी इंडस्ट्री में भी नाम भारत का वो पड़ोसी देश, जहां राजा घर के लिए देता है मुफ्त जमीन, बिजली, पानी, इलाज और पढ़ाई सब फ्री, बस ये काम नहीं कर सकते दिव्यांगजनों को इस योजना के तहत बांटी गई साइकिल और व्हीलचेयर! जानें योजना के बारे में... Sand Art: रेत कलाकृति से मधुरेन्द्र ने जीता लोगों का दिल, मधुबनी महोत्सव में जल, जीवन, हरियाली का दिया संदेश जब कोरिया की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों को कुचलने को उतर आए थे टैंक, हुआ था खून-खच्चर घर में सजावट के लिए पानी में उगने वाले पौधे, जो बिना मिट्टी के भी भर देंगे हर कोने में हरियाली! None

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