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बीजापुर नक्सली अटैक में कहां हुई चूक? फॉक्सहोल टेकनीक से नक्सलियों का खूनी खेल,

बीजापुरः छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सोमवार को सुरक्षाबल के जवानों पर हुए हमले में 8 जवान और ड्राइवर शहीद हो गए. पिछले 2 साल में यह सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. एंटी नक्सल ऑपरेशन से लौट रही सुरक्षाबलों की टीम को नक्सलियों ने निशाना बनाया और बख्तरबंद गाड़ी को आईईडी से उड़ा दिया. इस हमले के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हम मार्च 2006 तक भारत की भूमि से नक्सलवाद को समाप्त करके ही रहेंगे.’ बता दें कि पिछले 24 साल में 1197 ब्लास्ट हुए, जिसमें 1313 जवान शहीद हुए. साल 2023 में 26 अप्रैल को दंतेवाड़ा में आईईडी ब्लास्ट हुआ था और जो सोमवार को ब्लास्ट हुआ. दोनों का पैटर्न एक जैसा था. बताया जा रहा है कि नक्सली हमले की प्लानिंग पिछले 15 दिन से कर रहे थे. सोमवार को जो काफिला लौट रहा था, उसमें सेना की कुल 9 गाड़ियां शामिल थीं. ऑपरेशन से लौट रहे थे जवान आईजी बस्तर, पी. सुंदरराज ने बताया, ‘छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर में बीते 3 जनवरी से एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है. डीआरजी और एसटीएफ के जवान इस ऑपरेशन में शामिल थे. इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 5 नक्सलियों के शव बरामद किए. सुरक्षाबल सोमवार की दोपहर ऑपरेशन खत्म करके बेस कैंप लौट रहे थे. बीजापुर के बेदरे-कुटरू रोड पर दोपहर सवा दो बजे नक्सलियों ने हमला किया. जिले के अंबेली गांव में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया. पेड़ों की शाख पर मिले गाड़ी के पार्ट्स आईजी ने बताया कि सुरक्षाबलों के काफिले में चल रही बीच के स्कॉर्पियो को निशाना बनाया गया. इस गाड़ी में डीआरजी के 10 से ज्यादा जवान थे. धमाका इतना जोरदार था कि सड़क पर 10 फीट का गड्ढा हो गया. गाड़ी के कुछ पार्ट्स 20 फीट ऊंचे पेड़ की शाखों पर अटके पड़े मिले. फॉक्सहोल टेकनीक का किया इस्तेमाल? सूत्रों ने बताया कि घटनास्थल के मंजर से पता चलता है कि माओवादियों ने विस्फोट के लिए फॉक्सहोल टेकनीक का इस्तेमाल किया था. इस टेक्नीक में माओवादी पहले सड़क पर बड़ा सा गड्ढा खोदते हैं. फिर इन गड्ढों को विस्फोटक और पत्थरों से भर देते हैं. एंटी माइन ऑपरेशन में इन गड्ढों का पता नहीं चल पाता है. जब माओवादी किसी धमाके को अंजाम देने वाले होते हैं तो वो इन गड्ढों को विस्फोटक से भर देते हैं और ऊपर से पत्तों से ढक देते हैं. अब जानिए कहां हुई चूक नक्सलियों ने यह ब्लास्ट पक्की सड़क पर किया था. अक्सर ऐसी घटनाएं इंटेलिजेंस फेल्योर की वजह से ही होती हैं. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सुरक्षा के कई मानकों की अनदेखी की गई है. ये सभी जवान अबूझमाड़ जैसे खतरनाक इलाके में एंटी नक्सल ऑपरेशन को अंजाम देकर लौट रहे थे. एसओपी के मुताबिक उन्हें बुलेटप्रूफ गाड़ी मिलनी चाहिए थी. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि डीआरजी के जवान आमतौर पर पैदल या बाइक से चलते हैं. ऐसे में इस धमाके के बाद स्टैंडर्ज ऑफ प्रोटोकॉल की अनदेखी की आशंका बढ़ गई है. विस्फोट वाली जगह के आसपास मौजूद थे नक्सली? नक्सलियों ने 50 किलो विस्फोट का इस्तेमाल किया है. आईईडी को ब्लास्ट करने के लिए उसके 300 मीटर के दायरे में रहना पड़ता है. यानी कि वहां पर नक्सली मौजूद थे, जो कि नजर नहीं आए. वहीं छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा है कि यह जांच और विचार करने का विषय है कि इतना बड़ा नक्सली हमला कैसे हो गया? Tags: Chhattisgarh news 'पुष्पा 2' का बॉक्स ऑफिस पर जलवा, 5वें सोमवार को 65% की गिरावट, फिर भी बनी सबसे बड़ी हिंदी ब्लॉकबस्टर फिल्म सर्दी में सुबह खाली पेट खा लिया ये मिश्रण तो कभी नहीं होंगी ये 5 बीमारियां! घर के किचन में ही है रामबाण इलाज Cabbage Farming: गोभी में कीड़ा लगने से किसान हैं परेशान...तो इन दवाओं का करें छिड़काव Rosemary tea: स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है ये चाय, बालों के लिए खासतौर पर फायदेमंद Khansi Paan: सर्दियों में खांसी गायब करने वाला स्पेशल पान, हर उम्र के लोग ले रहे स्वाद Chhatarpur Weather Today : 4 दिनों से छतरपुर में नहीं निकले सूर्यदेव, शीतलहर-कोहरे का कहर जारी, जानें IMD अपडेट रात में सोने से पहले खा लें बस 1 छोटी इलायची, सूजन, गैस, पेट की समस्या और बढ़ते ब्लड प्रेशर पर लग जाएगा लगाम Ujjain Bhasm Aarti : शेषनाग मुकुट और रुद्राक्ष माला सजे महाकाल, यहां देखें आज के भस्म आरती की अद्धभुत तस्वीरें कर्क राशि वालों को आज करियर-व्यापार में मिलेगी तरक्की, फिजूलखर्ची से बचें, जानें पूरा राशिफल None

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