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Water Chestnut Cultivation: ऐसे करें सिंघाड़े की खेती, छिलके से भी होगी कमाई, जानें क्या है तरीका?

रोहतास:- अगर मेहनत लगन से की जाए , तो क्या नहीं हो सकता है, ऐसे ही कुछ उदाहरण हैं, ये सासाराम में सिंघाड़े की खेती करने वाले किसान, जो इसके छिलके से भी आय प्राप्त करते हैं. दरअसल सासाराम की धरती पर न केवल इतिहास की महक है, बल्कि यहां के लोगों में मेहनत और उम्मीद की गहरी जड़ें भी मौजूद हैं, और ऐसे ही जज्बे का जीता-जागता उदाहरण यहां की सिंघाड़े की खेती है. आपको बता दें, कि सिंघाड़ा (पानी -फल) की खेती सासाराम में अब लघु उद्योग का रूप ले चुकी है. सिंघाड़े को तोड़ने, सुखाने और छिलका निकालने की प्रक्रियाओं में स्थानीय महिलाएं और किसान लगातार जुटे रहते हैं, और यही अब उनकी आजीविका का मुख्य जरिया बन चुका है, और इसके जरिए उन्हें अच्छी मुनाफा भी हो जाती है, तो जानते हैं कि वह इसकी खेती किस प्रकार से करते हैं. सूखा सिंघाड़ा 200 रुपए किलो तक बिक जाता है त्योहारों के दौरान उपवास में सूखे सिंघाड़े की बढ़ती मांग ने इस व्यवसाय को और भी लाभदायक बना दिया है, किसान बताते हैं, कि अगर बाजार में कच्चे सिंघाड़े का दाम कम होता है, तो वे इसे सुखाकर स्टोर कर लेते हैं, और बाद में ऊंचे दाम पर बेचते हैं. कच्चा सिंघाड़ा जहां 40-50 रुपये प्रति किलो बिकता है, वहीं सूखा हुआ सिंघाड़ा 160-200 रुपये प्रति किलो तक बिकता है. खास बात यह है कि इसका छिलका भी जलावन के रूप में उपयोग किया जाता है, जो अतिरिक्त आय का साधन बनता है. इस व्यवसाय में है मेहनत स्थानीय किसान गुड्डी देवी बताती हैं, कि इस व्यवसाय में मेहनत और धैर्य का बड़ा योगदान है. करीब 20-30 घर यहां इस रोजगार से जुड़े हुए हैं, हालांकि, बारिश के मौसम में नमी के कारण फसल खराब होने का खतरा बना रहता है. साथ ही उनके जैसे किसान जिनके पास अपनी खुद की जमीन नहीं है और जो किराए पर खेत लेकर खेती करते हैं, उनके लिए यह काम कभी-कभी आर्थिक रूप से घाटे का सौदा हो जाता है. तालाबों का संरक्षण हो तो बढ़ सकता है व्यापार उनका मानना है, कि यदि सरकार तालाबों का संरक्षण करे, और सिंघाड़े की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सहयोग प्रदान करे, तो इस व्यवसाय को और विस्तार दिया जा सकता है. इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के कई नए अवसर भी पैदा होंगे. वर्तमान में, यह व्यवसाय सासाराम के बाजारों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के साथ बिहार के अन्य शहरों में भी तेजी से फैल रहा है. Tags: Agriculture , Bihar News , Local18 Rosemary tea: स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है ये चाय, बालों के लिए खासतौर पर फायदेमंद Khansi Paan: सर्दियों में खांसी गायब करने वाला स्पेशल पान, हर उम्र के लोग ले रहे स्वाद Chhatarpur Weather Today : 4 दिनों से छतरपुर में नहीं निकले सूर्यदेव, शीतलहर-कोहरे का कहर जारी, जानें IMD अपडेट रात में सोने से पहले खा लें बस 1 छोटी इलायची, सूजन, गैस, पेट की समस्या और बढ़ते ब्लड प्रेशर पर लग जाएगा लगाम Ujjain Bhasm Aarti : शेषनाग मुकुट और रुद्राक्ष माला सजे महाकाल, यहां देखें आज के भस्म आरती की अद्धभुत तस्वीरें कर्क राशि वालों को आज करियर-व्यापार में मिलेगी तरक्की, फिजूलखर्ची से बचें, जानें पूरा राशिफल पहली फिल्म के लिए जीता अवॉर्ड, 18 साल से हाथ नहीं लगी 1 भी हिट मूवी, फिर भी अकूत दौलत की मालकिन है ये हीरोइन जानिए महाभारत में क्या था भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का रोल, क्यों हर जगह रहे मौजूद इस देश में 600+ पास्ता की वैराइटी, जानिए कब और कैसे हुई शुरुआत None

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