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Bihar Politics: क्या बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर के 'थप्पड़ की गूंज' सुनाई देगी? पीके दिखा रहे नया रास्ता

पटना. बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर जिस तरह तेजस्वी यादव, पप्पू यादव और प्रशांत किशोर ने मुद्दे को उठाया, यह बिहार की राजनीति के लिए थोड़ा अलग था. छात्रों और युवा शक्ति की ताकत को देखते हुए इन राजनीतिज्ञों में क्रेडिट लेने की होड़ भी मची रही. लेकिन, बीतते दौर के साथ ही ऐसा लग रहा है कि इस पूरी कवायद में प्रशांत किशोर ने सबसे ज्यादा सुर्खियां हासिल कीं. इसको आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा कि प्रशांत किशोर अब नेता बन गए हैं. जाहिर तौर पर उनका यह कटाक्ष है, लेकिन यह भी सत्य है कि पीके के एक्शन ने बिहार की राजनीति को नई दिशा दिखाने की ओर कदम बढ़ा दिया है. दरअसल, छात्रों के आंदोलन में जिस तरह से पीके ने अपनी सक्रियता, जीवटता और जिजीविषा दिखाई, जिस तरह गांधी मैदान में महात्मा गांधी की मूर्ति के निकट अनशन पर डटे रहे, जाहिर तौर पर वह हेडलाइन में भी बने रहे. इस दौरान भले ही सियासतदां उनकी इस पूरी कवायद को नौटंकी बताते रहे, लेकिन इतना तो जरूर रहा कि जिस मुद्दे को लेकर वह आगे आए छात्रों के बीच में अपनी इमेज को स्थापित करने में थोड़े कामयाब होते दिखे. इससे भी आगे जब उन्हें गिरफ्तार किया गया और जब इस क्रम में उनको पुलिसकर्मी द्वारा थप्पड़ मारने की बात सामने आई, तो छात्रों के बीच उनके जज्बे की चर्चा होने लगी. छात्र आंदोलन की पोटेंसी को समझ रहे पीके यही नहीं जब प्रशांत किशोर को कोर्ट में सशर्त जमानत देने की बात कही गई तो उन्होंने कंडिशनल बेल लेने से पूरी तरह से इनकार कर दिया और जेल में ही रहने का फैसला किया. इसके साथ ही पीके ने वहां से यह भी घोषणा की कि जेल में भी उनका अनशन जारी रहेगा. जाहिर तौर पर प्रशांत किशोर अभी इस मुद्दे की पोटेंसी को भली-भांति समझ रहे हैं और इसे तुरंत छोड़ना नहीं चाह रहे. प्रशांत किशोर की इस पूरी कवायद को राजनीति के जानकार अपनी दृष्टि से देख रहे हैं. पटना प्रशासन की बर्रबरता, पीके के लिए सहानुभूति वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहते हैं कि प्रशांत किशोर और उनकी टीम के ऊपर पटना जिला प्रशासन ने गांधी मैदान में जिस तरह की बर्बरता की है, वह निश्चित तौर पर निंदनीय कहा जाना चाहिए. गांधी मैदान में कोई भी खुली आंखों से देख सकता था कि वहां आमरण अनशन हो रहा था, सत्याग्रह हो रहा था और किसी तरह का हुड़दंग या किसी अभद्र भाषा का प्रयोग उस स्थल पर नहीं हो रहा था, लेकिन पटना जिला प्रशासन ने गांधी जी की मूर्ति के पास इस तरह की बर्बरता की, यह बिल्कुल ही लोकतंत्र की मर्यादा के अनुसार नहीं है. प्रशांत किशोर को थप्पड़ मारने की खबर से सकते में लोग रवि उपाध्याय कहते हैं कि प्रशांत किशोर और उसकी टीम पर बर्बरता और थप्पड़ की गूंज अब सुनाई देने लगी है. पटना में काफी रिएक्शन देखा जा रहा है. खास तौर पर युवा वर्ग इसको हल्के में नहीं ले रहा है. इस बीच जब उनकी (प्रशांत किशोर) यह घोषणा हुई है कि 26 जनवरी को गांधी मैदान में लाखों लोग जमा होंगे तो निश्चित तौर पर उनकी ओर से छात्र आंदोलन को एक नई दिशा दिखाने की बात हो रही है. अब उनका समर्थन मिलने की भी सूरत बनती दिख रही है. नीतीश सरकार की फजीहत, प्रशांत किशोर के लिए बढ़ा सपोर्ट रवि उपाध्याय कहते हैं कि विपक्ष के बड़े नेता भी प्रशांत किशोर से सहानुभूतिपूर्वक बात करते सुनाई दे रहे हैं, यह कह रहे हैं कि नीतीश सरकार तो अंग्रेजी हुकूमत की याद करवा रही है. रविवार और सोमवार की दरमियानी रात को पटना प्रशासन ने गंदा काम किया है. निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि प्रशांत किशोर की राजनीति आगे बढ़ चुकी है….उनकी सियासत ने राह पकड़ ली है….मुद्दे ने आग पकड़ लिया है और आने वाले दिनों में संभवत थप्पड़ की गूंज भी बिहार की सियासत में अवश्य सुनाई देगी. Tags: Bihar politics , Prashant Kishor सर्दियों में सरसों को बर्बाद कर देंगे ये खतरनाक रोग, किसान समय रहते कर लें ये उपाय, कोहरा-पाला का भी नहीं रहेगा डर भीषण सर्दी से अपना ऐसे बचाव करते हैं आदिवासी, बनी रहती है गर्माहट, गजब का तरीका बिहार की इस खूबसूरत लड़की को पूर्व राष्ट्रपति के द्वारा मिलेगा अवॉर्ड, हेमा मालिनी भी दे चुकी हैं सम्मान wood apple powder: स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बना रहीं बेल का चूर्ण, पेट के मरीजों के लिए बहुत लाभदायक ‘कूली’ नहीं, अमिताभ बच्चन ने इस फिल्म की भी जान पर खेलकर पूरी की शूटिंग, रिलीज होते ही थिएटर्स में मचा था तहलका Tandoori Momo: जमशेदपुर की खाओ गली तंदूरी मोमोज प्रेमियों का स्वर्ग, एक बार चख लिया स्वाद तो बार-बार आने का करेगा मन 40 हजार लागत...4 लाख कमाई, हाईटेक तकनीक से करें इस फसल की खेती, सरकार भी देगी 25 लाख तक अनुदान Banana Farming: किसान ने G9 वैरायटी का लगाया केला, हो रही तगड़ी कमाई; सरकार दे रही सब्सिडी 'पुष्पा 2' का बॉक्स ऑफिस पर जलवा, 5वें सोमवार को 65% की गिरावट, फिर भी बनी सबसे बड़ी हिंदी ब्लॉकबस्टर फिल्म None

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