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बांग्‍लादेश को ब्रिटेन की लताड़, लेकिन नहीं सुधर रही यूनुस की सरकार, भारत को दिखा रही आंख

ढाका. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और संगठित हिंसा का मामला इस वक्त पूरी दुनिया में चिंता का विषय बनता जा रहा है. अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन के राजनीतिक हलकों में भी इसको लेकर चिंता जाहिर की जा रही है. ब्रिटेन की संसद में कई सांसदों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मसला उठाया. ब्रिटेन में अलग-अलग दबांलों के सांसदों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की आलोचना की. चिन्मय दास की गिरफ्तारी के मसले को भी ब्रिटेन के सांसदों ने संसद में रखा. इस मामले में ब्रिटेन की मंत्री कैथरीन वेस्ट ने सरकार की तरफ से जवाब दिया. मंत्री ने जवाब दिया कि चिन्मय दास के मामले और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा पर सरकार की नजर है. कानून व्यवस्था के मसले पर सरकार सुझाव देने को तैयार है. वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को समन किया गया. अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग के बाहर प्रदर्शनकारियो और हमले की घटना पर भारतीय उच्चायुक्त को समन किया गया. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर विरोध दर्ज कराया है. भारतीय उच्चायुक्त ने घटना पर भारतीय विदेश मंत्रालय का पक्ष रखा है. बांग्लादेश उच्चायोग ने अगरतला के असिस्टेंट उच्चायोग में वीजा और कांसुलर सेवाओं को अगले आदेश तक बंद किया. अगरतला में कल सहायक उच्चायोग के कार्यालय पर हमले के बाद ये फैसला किया गया है. बांग्लादेश नाराज गौरतलब है कि अगरतला स्थित बांग्लादेश के राजनयिक मिशन में तोड़फोड़ की घटना को भारत की ‘नाकामी’ बताते हुए, मंगलवार को यहां अंतरिम सरकार के एक प्रभावशाली सलाहकार ने शेख हसीना सरकार के अपदस्थ होने के बाद देश के साथ संबंधों का नयी दिल्ली से फिर से आकलन करने को कहा. कानूनी मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि ‘हम समानता और परस्पर सम्मान आधारित मित्रता में यकीन रखते हैं. शेख हसीना सरकार ने चुनावों के बिना सत्ता में बने रहने के लिए भारत समर्थक नीति का पालन किया, लेकिन भारत को यह समझना चाहिए कि यह शेख हसीना का बांग्लादेश नहीं है.’ Explainer: क्या अमेरिका और भारत के राष्ट्रपति पलट सकते हैं मौत की सजा, क्या हैं उनके माफी के अधिकार हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन जबकि हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों के विरोध में, पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में सोमवार को हजारों की संख्या में लोगों ने व्यापक प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में कथित तौर पर घुस गए और कथित तौर पर तोड़फोड़ की. विदेश मंत्रालय ने इस घटना को बहुत खेदजनक बताया है. नजरुल ने आरोप लगाया कि हिंदू संघर्ष समिति नाम का एक संगठन इसके लिए जिम्मेदार है. उन्होंने दावा किया कि घटना के तहत बांग्लादेश के राष्ट्रीय झंडे को जला दिया गया. Tags: Bangladesh , Bangladesh news , Hindu Temple संतरा नहीं ये है बिजौरा नींबू, पथरी को झट से कर देता है बाहर! पास नहीं भटकेगी कब्ज और गैस जैसी समस्या पति-पत्नी और वो के बीच खूनी कहानी, गोली-गाली के साथ बाहुबली का भौकाल, OTT पर नंबर 1 बनी ये धांसू सीरीज शनिवार के दिन चुपचाप कर लें ये 5 टोटके, रुके हुए कार्य होंगे पूरे, आर्थिक समस्याओं से भी मिलेगी मुक्ति किसानों का ब्रह्मास्त्र है ये मशीन! गेहूं की खेती करने से होगा बंपर मुनाफा, टाइम के साथ बीज-डीजल की भी होगी बचत बिरयानी छोड़िए, अब लोगों की जुबान पर चढ़ रहा शावरमा का स्वाद! टेस्ट ऐसा कि उंगलियां चाटने पर हो जाएंगे मजबूर घर में लगाएं ये 5 प्रजाति के पौधे, दिल हो जाएगा गार्डन-गार्डन, मेहनत कम और खूबसूरती जबरदस्त बंजर जमीन में लगाएं ये पौधा, 30 वर्षों तक होती रहेगी पैसों की बारिश, एक्सपर्ट से जानें सही तरीका कोई मांगता दिखा भीख, किसी ने कंगाली में गुजारे दिन, बेहद दर्दनाक है इन 6 सितारों की REAL STORY मुंबई की इस दुकान से बॉलीवुड सेलेब्रिटी खरीदते है कपड़े, गोविन्दा लेकर कुमार सानू पहुंचते है यहां None

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