तेहरान. मिडिल-ईस्ट में पहले से चल रहे तनाव को सीरिया के हालात ने और बढ़ा दिया है. वहां हजारों सीरियाई विद्रोहियों ने अलेप्पो शहर पर कब्जा जमा लिया है, जो अब सीरियाई राष्ट्रपति बशर असद के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं. इस बीच ईरान ने सीरिया में हो रही घटनाओं के लिए अमेरिका और इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. पिछले महीने के अंत में इदलिब प्रांत में जिस तरह से सीरियाई विद्रोहियों ने तेजी से अपने कदम बढ़ाए, उससे ईरान हैरान रह गया था. एक सुन्नी विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) ने इसकी अगुवाई की थी, जिसने कुछ ही समय के अंदर सीरियाई सेना को अलेप्पो से भगाकर वहां कब्जा कर लिया. कुछ दिनों बाद, ऐसा लग रहा था कि एचटीएम सीरियाई राजधानी दमिश्क की ओर जाने वाले रास्ते पर स्थित हामा शहर पर भी कब्जा कर लेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिलहाल विद्रोही हामा के बाहर रुके हुए हैं, जबकि ईरान सीरियाई शासन के लिए समर्थन जुटा रहा है. ईरान की सरकारी मीडिया ने मंगलवार को बताया, “ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची का कहना है कि सीरिया में जो घटना हुई, उससे संकेत मिलता है कि अरब देश को अस्थिर करने के मकसद से ज़ायोनी शासन (इजरायल), अमेरिका और आतंकवादी समूहों के बीच तालमेल है.” अराघची ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान यह बयान दिया. ईरानियों के अनुसार, अलेप्पो पर हमला अमेरिका और इज़रायल द्वारा रची गई एक “साजिश” थी. अराघची ने कहा कि जिस वक्त यह हमला हुआ है, इससे यह बात खुद ही साबित हो जाती है. उन्होंने कहा, “ज़ायोनी शासन, अमेरिकी सरकार और आतंकवादी समूहों के बीच पूरी साठगांठ है और घटनाओं का सिलसिला ऐसे तालमेल का संकेत देता है क्योंकि ये हमले लेबनान में सीजफायर के बाद हुए हैं.” ईरान इसे इस तरह क्यों देखता है? इसमें एचटीएस के हमले से एक दिन पहले लेबनान में सीजफायर का हवाला दिया गया है. सीरियाई विपक्ष ने सीरियाई शासन को हैरान कर दिया. ऐसा इसलिए है क्योंकि शासन संभवतः लेबनान में इज़रायल-हिज़बुल्लाह युद्ध से संबंधित घटनाओं पर नज़र रख रहा था. सीरिया का शासन और ईरान हिजबुल्लाह का समर्थन करते हैं. हालांकि, सीजफायर शुरू होने के बाद एचटीएस ने उत्तरी सीरिया में अपना हमला शुरू कर दिया. पूरी संभावना है कि इज़रायल द्वारा हिजबुल्लाह की हार ने हमले के समय में मदद दी. इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अमेरिका और इज़रायल एचटीएस के हमले पर खुश हो रहे हैं. इसके विपरीत, इज़रायल को यह चिंता हो सकती है कि सीरिया में अराजकता जैसे हालात बन सकते है. जब अराजकता होती है, तो आमतौर पर ईरान समर्थित समूहों द्वारा इजरायल को धमकियां दी जाती हैं, जो सत्ता में शून्यता का फायदा उठाते हैं. तुर्की और रूस से समर्थन हासिल करना फिर भी, ईरान अक्सर अपने दखल को सही ठहराने के लिए साजिशों का दावा करता है. तेहरान चाहता है कि अमेरिका पूर्वी सीरिया छोड़ दे, जहां अमेरिकी सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ), जिसमें ज्यादातर कुर्द बल हैं, के साथ मिलकर आईएसआईएस से लड़ रहे हैं. ईरान एचटीएस के खिलाफ मौजूदा युद्ध का इस्तेमाल न सिर्फ अमेरिका को भगाने के लिए करना चाहता है, बल्कि यह एसडीएफ के खिलाफ हमले भी जुटाना चाहता है. Tags: Iran news , Israel , Syria war , United States Mahakal Photos: मन्नत पूरी होने पर हापुड़ के भक्त ने बाबा को दी इतनी सारी चमचमाती भेंट, कीमत उड़ा देगी होश! ठंड में यह बिजनेस खोलेगा किस्मत का ताला, सरकारी मदद से ऐसे करें शुरू क्या गुस्से ने आपकी सेहत को खतरे में डाल दिया है? जानें दिल, दिमाग और रिश्तों पर इसके भयानक प्रभाव! Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस कांड की 40वीं बरसी... पीड़ितों को अभी भी न्याय की आस! जानें क्या हैं मांगें राज्यस्तरीय युवा महोत्सव में पुरस्कृत हुई चम्पारण की दो बेटियां, मखाने और शहद से तैयार किया शुगर फ्री लड्डू किसानों के काम की खबर! गेहूं की बुवाई के लिए खरीद लें ये मशीन, सरकार भी देगी अनुदान 1 लाख में बन रही थी बात, फिर 3 गुना ज्यादा कीमत देकर खरीदी स्क्रिप्ट, 100 हफ्ते तक थिएटर्स से उतरी नहीं थी फिल्म मिल गया अस्थमा का असली इलाज! इन जगलों में मिली दुर्लभ जड़ी-बूटियां, सिर्फ 4 महीने चलेगा इलाज ₹100 का ₹2600 करने वाला शेयर, अब कंपनी करने जा रही इसके टुकड़े, अभी इतनी है कीमत None
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