सियोल. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक योल ने मंगलवार को अचानक देश में इमरजेंसी मार्शल लॉ का ऐलान कर दिया. इसके बाद आर्मी संसद में घुस गई और कई नेताओं को गिरफ्तार किया. सड़कों पर आर्मी का कब्जा हो गया. राजधानी सियोल के ऊपर आर्मी के हेलीकॉप्टर घूमते देखे गए. पूरे देश में जंग जैसे हालात बन गए हैं. राष्ट्रपति का दावा है कि विपक्ष उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के इशारे पर काम कर रहा है. इसलिए मजबूरन उन्हें इमरजेंसी लगानी पड़ी है. हालांकि संसद ने एकमत होकर राष्ट्रपति के आदेश को खारिज कर दिया है. विपक्ष के नेता ली जेई म्यून ने इमरजेंसी को अवैध बताया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के पास ऐसा करने का अधिकार ही नहीं है क्योंकि उनके पास संसद में बहुमत नहीं है. मार्शल लॉ के इस आदेश में देश के विपक्षी दलों पर संसद को कंट्रोल करने, उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और देश विरोधी गतिविधियों के साथ सरकार को पंगु बनाने का आरोप लगाया गया. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक योल ने देश के नाम एक टेलीविजन संबोधन में उत्तर कोरिया समर्थक ताकतों को खत्म करने और संवैधानिक लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करने की कसम खाई. बहरहाल अभी तक कोरिया की शासन व्यवस्था और लोकतंत्र पर इमरजेंसी मार्शल लॉ का असर साफ नहीं था. राष्ट्रपति यूं का संसद से टकराव 2022 में पदभार संभालने के बाद राष्ट्रपति यूं लगातार संसद में अपनी सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. जहां विपक्षी दलों के पास उनकी पीपुल पावर पार्टी (पीपीपी) की तुलना में बहुमत हासिल है. पीपीपी और दक्षिण कोरिया की प्रमुख विपक्षी पार्टी, डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच हाल ही में टकराव अगले साल के बजट बिल को लेकर हुआ. यूं अपनी पत्नी और टॉप लेवल के अफसरों से जुड़े घोटालों की स्वतंत्र जांच की मांग को खारिज करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना का भी शिकार हुए हैं. यून की घोषणा के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी ने कथित तौर पर अपने सांसदों की एक इमरजेंसी बैठक बुलाई. उधर संसद में सेना घुस गई है और विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी हो रही है. घरेलू राजनीतिक विरोधियों पर निशाना यूं ने परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया से किसी विशेष खतरे का हवाला नहीं दिया, बल्कि मार्शल लॉ लागू करते समय अपने घरेलू राजनीतिक विरोधियों पर ध्यान केंद्रित किया. 1980 के बाद यह पहली बार है, जब दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ घोषित किया गया है. मार्शल लॉ लागू करने का विरोध करने के लिए दक्षिण कोरियाई संसद के बाहर एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं. दक्षिण कोरिया के मुख्य विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ने अपने सभी सदस्यों से मार्शल लॉ लागू करने के विरोध में संसद में इकट्ठा होने की अपील की है. Explainer: सुन रही हैं ना शेख हसीना, बांग्लादेश तो दुश्मनों की तरह धमकाने लगा, भारत ने भी दिया करारा जवाब संसद सील दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वो उत्तर कोरिया के इशारे पर काम कर रहा है. देश को कम्युनिस्ट ताकतों से बचाने के लिए आपातकाल को राष्ट्रपति ने जरूरी बताया. राष्ट्रपति यून की पीपुल्स पॉवर पार्टी और मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच अगले साल के बजट विधेयक को लेकर विवाद जारी है. देश में इमरजेंसी की घोषणा होने के साथ ही हजारों लोग सड़कों पर और संसद के बाहर इकट्ठा हो गए. इनको रोकने के लिए सेना भी सड़कों पर उतर गई है. सेना ने नेशनल असेंबली को सील कर दिया है. Tags: South korea , World news क्या गुस्से ने आपकी सेहत को खतरे में डाल दिया है? जानें दिल, दिमाग और रिश्तों पर इसके भयानक प्रभाव! Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस कांड की 40वीं बरसी... पीड़ितों को अभी भी न्याय की आस! जानें क्या हैं मांगें राज्यस्तरीय युवा महोत्सव में पुरस्कृत हुई चम्पारण की दो बेटियां, मखाने और शहद से तैयार किया शुगर फ्री लड्डू किसानों के काम की खबर! गेहूं की बुवाई के लिए खरीद लें ये मशीन, सरकार भी देगी अनुदान 1 लाख में बन रही थी बात, फिर 3 गुना ज्यादा कीमत देकर खरीदी स्क्रिप्ट, 100 हफ्ते तक थिएटर्स से उतरी नहीं थी फिल्म मिल गया अस्थमा का असली इलाज! इन जगलों में मिली दुर्लभ जड़ी-बूटियां, सिर्फ 4 महीने चलेगा इलाज ₹100 का ₹2600 करने वाला शेयर, अब कंपनी करने जा रही इसके टुकड़े, अभी इतनी है कीमत Health Tips: कैंसर, डायबिटीज और आंखों की बीमारियों का काल है मशरूम, मोटापा भी हो जाता है गायब सर्दी नहीं सताएगी, बस इन इत्र का करें प्रयोग, औषधि गुण से हैं भरपूर ,जानें कीमत और खासियत None
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